Artificial Intelligence: इकलौता सेक्टर जहां इंसानों की नौकरी नहीं छीन पाएगा AI, चौंका देगा नाम

Artificial Intelligence: इकलौता सेक्टर जहां इंसानों की नौकरी नहीं छीन पाएगा AI, चौंका देगा नाम 

Artificial Intelligence Replacing Humans: हर जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दखल बढ़ता जा रहा है. आने वाले समय में AI की वजह से लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है. हालांकि, एक सेक्टर ऐसा है जहां AI कुछ नहीं उखाड़ पाएगा.

Artificial Intelligence Risks: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इस समय की सबसे हॉट इंडस्ट्री है. ChatGPT से लेकर कई एआई टूल्स ने ना केवल हैरान किया बल्कि हमारे लिए चुनौतियां भी बढ़ाई हैं. एआई को लेकर सबसे बड़ा डर यही है कि ये इंसानों की नौकरियां खत्म कर सकता है. हालांकि, एआई टेक्नोलॉजी ने कई जगह अपनी काबिलियत को साबित किया है. इससे सवाल खड़ा हो गया है कि क्या एआई इंसानों से बेहतर काम कर सकता है. लेकिन एक ऐसा सेक्टर है जहां काम करने वालों को ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.
Artificial Intelligence Risks: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इस समय की सबसे हॉट इंडस्ट्री है. ChatGPT से लेकर कई एआई टूल्स ने ना केवल हैरान किया बल्कि हमारे लिए चुनौतियां भी बढ़ाई हैं. एआई को लेकर सबसे बड़ा डर यही है कि ये इंसानों की नौकरियां खत्म कर सकता है. हालांकि, एआई टेक्नोलॉजी ने कई जगह अपनी काबिलियत को साबित किया है. इससे सवाल खड़ा हो गया है कि क्या एआई इंसानों से बेहतर काम कर सकता है. लेकिन एक ऐसा सेक्टर है जहां काम करने वालों को ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.

ऑर्गेनाइजेशन फोर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट ने कहा कि 27 फीसदी जॉब के लिए जरूरी स्किल्स के लिए ऑटोमेटेड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह तो साफ है कि पिछले काफी समय से रोबोट्स ब्लू कॉलर जॉब खत्म कर रहे हैं. अब नए AI सिस्टम आने के बाद व्हाइट कॉलर जॉब पर भी असर पड़ने का खतरा है.

इस फील्ड में फेल है AI

एडवोकेट्स और इकोनॉमिस्ट्स से लेकर राइटर्स और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की जॉब्स पर खतरा आ गया है. हालांकि, एक नई रिसर्च स्टडी में दावा किया गया कि एक इंडस्ट्री ऐसी है जहां AI इंसानों की टक्कर नहीं ले पाएगा. इस फील्ड में इंसानों के स्किल्स रोबोट की तुलना में काफी बेहतर साबित होते हैं. इस इंडस्ट्री की नाम रिलीजन यानी धर्म है.

इस फील्ड में फेल है AI

एडवोकेट्स और इकोनॉमिस्ट्स से लेकर राइटर्स और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की जॉब्स पर खतरा आ गया है. हालांकि, एक नई रिसर्च स्टडी में दावा किया गया कि एक इंडस्ट्री ऐसी है जहां AI इंसानों की टक्कर नहीं ले पाएगा. इस फील्ड में इंसानों के स्किल्स रोबोट की तुलना में काफी बेहतर साबित होते हैं. इस इंडस्ट्री की नाम रिलीजन यानी धर्म है.

हालांकि, रिलीजन को एक इंडस्ट्री या सेक्टर का नाम देना अजीब लगे, लेकिन धार्मिक एक्टिविटी चलाने के लिए हर धार्मिक समूह को इंसानों की जरूरत पड़ती है. पुजारियों से लेकर प्रचारकों तक इंसान की इन जिम्मेदारियों को निभाते हैं, ताकि धर्म बना रहे और इसका प्रचार-प्रसार भी चलता रहे.

भरोसे लायक नहीं AI

रोबोट पुजारी या प्रचारक और एआई प्रोग्राम धार्मिक विश्वासों को साझा करने के नए तरीके पेश कर सकते हैं. हालांकि, जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी में पाया गया कि धर्म में एआई या रोबोट का इस्तेमाल विश्वसनीयता खत्म कर सकता है. अगर धार्मिक कामकाज में इनका इस्तेमाल किया जाए तो धार्मिक समूहों को दिया जाने वाला दान कम होने का खतरा है.

AI-रोबोट की जगह इंसानों को तरजीह

जापान के क्योटो शहर स्थित Kodai-Ji बौद्ध टेंपल में Mindar रोबोट उपदेश देता है. इसका चेहरा इंसानों की तरह है और ये उपदेश देते हुए आंखें भी झपकाता है. इस बनाने में करीब 10 लाख डॉलर का खर्च आया है. प्रवचन सुनने वाले 398 लोगों का सर्वे हुआ. इसमें सामने आया कि जिन्होंने Mindar से प्रार्थना सुनी उन्होंने कम दान दिया, जबकि मानव पुजारी से प्रार्थना सुनने वालों ने ज्यादा दान दिया.

सर्वे में शामिल लोगों ने माना कि एआई प्रोग्राम में इंसानों की तरह सोचने या महसूस करने की क्षमता नहीं है. इसलिए धर्म एक ऐसी जगह है जहां इंसानों की तुलना में एआई फिसड्डी साबित होता है.

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