क्या पिछड़े तबके के छात्रों से शिक्षण संस्थानों में भेदभाव? खुदकुशी के आंकड़े दे रहे गवाही
बीते दिनों आईआइटी हैदराबाद के एक छात्र ने बैकलॉग एग्जाम पास नहीं कर पाने के कारण समुद्र में डूबकर खुदकुशी कर ली. छात्र 17 जुलाई से गायब था.19 जुलाई को एक सीसीटीवी फुटेज में समुद्र के खतरनाक किनारे पर उसे देखा गया. इसके बाद 20 जुलाई को उसका शव मिला, जिसकी शिनाख्त हो गई.
सुसाइड करने वाला छात्र धनवत कार्तिक नलगोंडा का रहने वाला था. वह पढ़ाई में पिछड़ रहा था. अपने परिवार से उसने इस बारे में बात भी की थी. धनवत आदिवासी भी था. धनवत की कहानी उन कई बच्चों से मिलती-जुलती है जो आदिवासी या अनुसूचित जाति से आते हैं. आरक्षण के सहारे आईआईटी-आईआईएम जैसे संस्थानों में पहुंचते हैं. आरक्षण को लेकर वो अपने साथियों का गलत बर्ताव भी झेलते हैं. जब वो सबकुछ सह नहीं पाते, तो या तो संस्थान छोड़ देते हैं या दुनिया ही छोड़ देते
क्या पिछड़े तबके के छात्रों से शिक्षण संस्थानों में भेदभाव? खुदकुशी के आंकड़े दे रहे गवाही
2014 से 2021 के बीच केंद्र से वित्तीय मदद वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल 122 छात्रों ने खुदकुशी की. इनमें से 24 छात्र अनुसूचित जाति से थे. 3 छात्र अनुसूचित जनजाति से थे. 41 छात्र ओबीसी से ताल्लुक रखते थे.
बीते दिनों आईआइटी हैदराबाद के एक छात्र ने बैकलॉग एग्जाम पास नहीं कर पाने के कारण समुद्र में डूबकर खुदकुशी कर ली. छात्र 17 जुलाई से गायब था.19 जुलाई को एक सीसीटीवी फुटेज में समुद्र के खतरनाक किनारे पर उसे देखा गया. इसके बाद 20 जुलाई को उसका शव मिला, जिसकी शिनाख्त हो गई.
सुसाइड करने वाला छात्र धनवत कार्तिक नलगोंडा का रहने वाला था. वह पढ़ाई में पिछड़ रहा था. अपने परिवार से उसने इस बारे में बात भी की थी. धनवत आदिवासी भी था. धनवत की कहानी उन कई बच्चों से मिलती-जुलती है जो आदिवासी या अनुसूचित जाति से आते हैं. आरक्षण के सहारे आईआईटी-आईआईएम जैसे संस्थानों में पहुंचते हैं. आरक्षण को लेकर वो अपने साथियों का गलत बर्ताव भी झेलते हैं. जब वो सबकुछ सह नहीं पाते, तो या तो संस्थान छोड़ देते हैं या दुनिया ही छोड़ देते हैं.
2014 से 2021 के बीच 122 छात्रों ने की खुदकुशी
दिसंबर 2021 में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी थी कि 2014 से 2021 के बीच केंद्र से वित्तीय मदद वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल 122 छात्रों ने खुदकुशी की. इनमें से 24 छात्र अनुसूचित जाति से थे. 3 छात्र अनुसूचित जनजाति से थे. 41 छात्र ओबीसी से ताल्लुक रखते थे. कुल मिलाकर 122 में से 68 छात्र आरक्षित वर्ग से थे.
इसी साल आईआईटी के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के बाद भी ये सवाल उठा था कि आखिर इन बड़े शिक्षा संस्थानों में समाज के पिछड़े माने जाने वाले तबकों से आने वाले छात्रों को क्या कुछ झेलना पड़ता है. बहस इस बात पर भी हुई कि इन संस्थानों के भीतर आरक्षित वर्ग से आने वाले छात्रों को किसी मुश्किल से बचाने के लिए क्या इंतज़ाम होते हैं?
क्या उच्च शिक्षण संस्थानों में नहीं मिलता माहौल?
ये शिकायत आम है कि इन छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में वो माहौल नहीं मिलता, जो मिलना चाहिए. इसका एक अहम पहलू ये भी है कि बहुत सारे बच्चे पढ़ाई छोड़ देते हैं. शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष चंदर ने राज्यसभा में जानकारी दी कि पिछले पांच साल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और दूसरे अल्पसंख्यक समूहों के कुल मिलाकर 25 हजार 593 छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालयों और आईआईटी से अपनी पढ़ाई छोड़ कर चले गए हैं.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 17 हजार 545 छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी
आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 17 हजार 545 छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी. आईआईटी से 8 हजार 139 आरक्षित छात्र बाहर निकल आए. केंद्रीय विश्वविद्यालयों से पढ़ाई छोड़ने वाले आरक्षित श्रेणी के छात्रों की संख्या 2019 में 4926, 2020 में 5410, 2021 में 4156, 2022 में 2962 थी. 2023 में कोई भी ड्रॉपआउट दर्ज नहीं किया गया.
आईआईटी में ड्रॉपआउट के आंकड़े
वहीं, आईआईटी में आरक्षित श्रेणी के छात्रों की ड्रॉपआउट संख्या 2019 में 1510 थी. 2020 में ये बढ़कर 2152 हो गई और 2021 में बढ़कर 2411 हो गई है. 2022 में ड्रॉपआउट संख्या घटकर 1746 हो गई और आखिरकार 2023 में अब तक यह 320 है. इसके पीछे की वजहों पर लगातार बहस होती है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इस बारे में NDTV ने 'सुपर 30' के संस्थापक और प्रमुख आनंद कुमार, डीयू के प्रोफेसर और सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार फलवारिया से खास बातचीत की. आनंद कुमार जल्द ही NDTV पर 'द आनंद कुमार शो' शुरू करने वाले हैं. उन्होंने बताया, ""ये बहुत दुखद विषय है कि इस तरह की घटना घट रही है, जो दिल को दहला देनी वाली है. जिस परिवार में ये घटना घटती है, उसके लिए ये कितनी बड़ी बात है. वहीं, इससे समाज में भी एक नेगेटिव मैसेज फैलता है, जिसमें डिप्रेशन में रह रहे और बच्चे भी अपना रास्ता बदलकर अंधेरे में चले जाते हैं. शुरुआती तौर पर देखा जाय तो ये कहीं न कहीं एंट्रेस टेस्ट में कुछ खामी भी है. ऐसे एंट्रेस टेस्ट बनाए जाते हैं, जिससे जो बच्चे उस लेवल के नहीं हैं. उनकी योग्यता को मापा नहीं जाता है."
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आनंद कुमार ने कहा, "मान लीजिए कोई बच्चा टेस्ट देकर आईआईटी जैसे किसी संस्थान में पहुंच गया, लेकिन आगे माहौल में एडजस्ट होने में उसे दिक्कत होती है. इंग्लिश का माहौल और पियर प्रेशर भी एक फैक्टर है. कमजोर तबकों से आने वाले बच्चे पहले तो इंग्लिश से डरते हैं. इंग्लिश की वजह से उन्हें आधे से ज्यादा सिलेबस समझ में ही नहीं आता. इसलिए वो पढ़ाई में पिछड़ने लगते हैं. वो ऐसे माहौल में ढल नहीं पाते और घबरा जाते हैं. ऐसे बच्चे जब अपने आसपास और अगल-बगल देखते हैं, तो पाते हैं कि वहां बहुत अच्छे खासे परिवार के इंग्लिश बोलने वाले बच्चे हैं. ऐसे बच्चों से वो कटा हुआ महसूस करते हैं. उनमें हीन भावना आने लगती है. यहीं से डिप्रेशन की शुरुआत होती है."
फलवारिया ने बताया, "ऐसे बच्चों की मदद के लिए यूजीसी ने 2012 में Equal Opportunity Cell (समान अवसर सेल) का गठन किया. ये सेल हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी में है. लेकिन क्या ये सक्रियता के साथ काम कर रहा है? क्या उसका मूल्यांकन किया जाता है? क्या ऐसे सेल में कोई छात्र वास्तव में खुलकर अपनी बात रख पाता है? हमें इन सवालों के जवाब भी देखने होंगे."
हेल्पलाइन | |
---|---|
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ | 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) |
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं) |
पढ़ें बॉलीवुड,राजनीति,खेल समाचार,देश और विदेश की ताजा समाचार अब हिंदी में (Hindi News)
प्रेग्नेंट इलियाना डिक्रूज ने फिर दिखाई बॉयफ्रेंड की झलक, शेयर की ये फोटो
अब तक सिर्फ रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की बहन को पता था ये सीक्रेट, अब हुआ खुलासा
Easy Yoga Poses: Depression और Anxiety दूर करने में मददगार हैं ये 4 योगासन, आज ही करें रूटीन में शामिल
नागालैंड से हथियार चुराकर मणिपुर में बेचने का प्लान, पुलिसकर्मी सहित छह गिरफ्तार
क्या पिछड़े तबके के छात्रों से शिक्षण संस्थानों में भेदभाव? खुदकुशी के आंकड़े दे रहे गवाही
गिल फिर सस्ते में हुए आउट, तो पूर्व ओपनर ने पकड़ी दो गंभीर तकनीकी खामी, विस्तार से बयां किया
वेट लॉस जर्नी में इस तरीके से खाएंगी मखाना तो 32 की कमर 1 महीने में हो जाएगी 28
चावल के पानी को चेहरे पर लगाते समय रखें इन 7 बातों का ख्याल, त्वचा की चमक देखने लायक होगी
सफेद बालों को तुरंत काला कर देगी आपके किचन में मौजूद ये चीज, जानिए कैसें करना है इसे इस्तेमाल
पढ़ें बॉलीवुड,राजनीति,खेल समाचार,देश और विदेश की ताजा समाचार अब हिंदी में (Hindi News)
ताज़ातरीन
वेट लॉस जर्नी में इस तरीके से खाएंगी मखाना तो 32 की कमर 1 महीने में हो जाएगी 28
चावल के पानी को चेहरे पर लगाते समय रखें इन 7 बातों का ख्याल, त्वचा की चमक देखने लायक होगी
सफेद बालों को तुरंत काला कर देगी आपके किचन में मौजूद ये चीज, जानिए कैसें करना है इसे इस्तेमाल
रोज रात को नाभि में लगा लें इस तेल की कुछ बूंदे, बालों के झड़ना रोकने के साथ कई समस्याओं से भी मिलेगी राहत
अनुपमा के घर में होगी सौतन काव्या की गोदभराई, लेकिन एक खुलासे से फिर मचेगा हंगामा, धमाकेदार होगा अपकमिंग ट्विस्ट
झुर्रियां हटाने और त्वचा को लंबे समय तक जवां बनाए रखने के लिए केले को इस तरह लगा लीजिए चेहरे पर, दिखेगा असर
हल्दी को इस तरीके से चेहरे पर लगाना से आता है सोने सा निखार
रात के समय इन 5 चीजों को खाने पर घट सकता है वजन, इस तरह डिनर से ही होने लगेगा मोटापा कम
कार में लॉक हो गया 3 साल का बच्चा, परेशान पिता ने जो किया वो सबके लिए एक सीख बन गया
अविश्वास प्रस्ताव पेंडिंग होने पर भी सरकार लोकसभा में क्यों पास करा रही बिल? क्या है रणनीति?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें