एयरकंडीशनर अब बीते दिनों की बात होगी

 एयरकंडीशनर अब बीते दिनों की बात होगी क्योंकि वैज्ञानिकों ने शीशे की ऐसी खिड़कियां तैयार कर ली हैं जो गर्मी में ठंडक और जाड़े में गर्मी का अहसास दिलाएगी। खास रसायन की परत वाले ये शीशे कम आय वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। भारत जैसे विकासशील देशों में तो खास किस्म की परत वाले शीशों से बनी खिड़कियां धूम मचा सकती हैं। 'क्वींसलैंड यूनीवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी' के शोधकर्ताओं ने कहा कि बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैंसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार एयरकंडीशनर का यह 'इको फ्रेंडली' विकल्प होगा। शोधकर्ताओं के अनुसार विभिन्न प्रकार के चमकदार परत वाले शीशों से घरों में बेतहाशा ऊर्जा की खपत कम कर 45 फीसदी तक बिजली की बचत हो सकेगी। साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आयेगी। शोधकर्ता 'डॉ. बेल' के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार गैसों के उत्सर्जन में एयरकंडीशनरों का बहुत बड़ा हाथ है। उनके मुताबिक वातानुकूलित घरों और आफिसों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है । बेल ने कहा कि बाजार में उपलब्ध ये शीशे एयरकंडीशनर के मुकाबले तो कूलिंग नहीं करेंगे पर चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाने के लिए ये काफी हैं। ऐसे शीशे वाली खिड़कियों में टिंटेड ग्लास, फिर एयरगैप और उसके बाद खास किस्म की ऊष्मारोधी परत वाले लो-ई ग्लास का इस्तेमाल किया गया है। बेल के अनुसार अच्छी खिड़कियां घरों को ऊष्मारोधी बनाने में मदद करती हैं। इससे जाड़ों में घर गर्म रहता है और गर्मी में ठंडा । शोधकर्ता ने कहा कि शीशे पर रासायनिक परत वाले और खास किस्म की खिड़कियों के ढांचे जल्द ही हर घर की शोभा बढ़ाएंगे। sabhar dipak kohali vigyan pragati

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