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बुधवार, 10 सितंबर 2014

यौन मुद्रा काम ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन

काम ऊर्जा अनंत है , महावीर ने इसे अनंत वीर्य कहा है । अनंत वीर्य से अर्थ जैविक वीर्य से नहीं है -सीमेन से नहीं है । अनन्तवीर्य से अर्थ उस काम ऊर्जा से है , जो निरंतर मन से शरीर तक उतरती है - पर जो मन से नहीं   आती है । वह आती है आत्मा से मन तक , और मन से शरीर तक । ये  सीढ़ियाँ है । उसके बिना वह उत्तर नहीं सकती । अगर बीच में से मन टूट जाए , तो आत्मा और शरीर  के बीच सारे सम्बन्ध टूट जाएंगे । 
 जिस शक्ति  को योग और तंत्र ने  काम ऊर्जा कहा है , वह जीव शास्त्रीय काम ऊर्जा नहीं है । वह काम ऊर्जा ऊपर की तरफ पुनः गति कर सकती है ।  किसी ब्यक्ति में भी ये काम ऊर्जा  ऊपर की तरफ गति कर जाए , तो  जिंदगी उतनी ही सरल , इन्नोसेंट और निर्दोष  हो जायेगी , जितनी  छोटे बच्चे की होती है । यह  यौन ऊर्जा नीचे की तरफ सहज आती है ।यह प्रकृति की   तरफ से आती है । 
अगर किसी मनुष्य को इस ऊर्जा ऊपर की तरफ  ले जाना है , तो  सहज नहीं होगा , यह संकल्प से होगा । 

जो लोग भी ऊपर की तरफ जाना चाहते है , उन्हें  दूसरी बात समझ लेनी चाहिए की संकल्प और संघर्ष मार्ग होगा । ऊपर जाया जा  सकता है , और ऊपर जाने के अपूर्व आनंद है ।  क्योंकि नीचे जाकर जब सुख मिलता है क्षणिक ही सही -तो ऊपर जाकर किया मिल सकता है , उसकी कल्पना भी नहीं  सकते ।
यौनऊर्जा जो नीचे बह  कर जो लाती है वो सुख है , ऊपर उठ  कर जो लाती है वो आनंद है ।  

फोटो:गूगल 


स्रोत  : ओशो  ध्यान योग पुस्तक से 








 
   


मंगलवार, 9 सितंबर 2014

सेक्स रैकेट में गिरफ्तार एक और हीरोइन

PICS: सेक्स रैकेट में गिरफ्तार एक और हीरोइन


पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि इस रैकेट को भी वही लोग तो नहीं चला रहे थे, जिसमें पिछले हफ्ते हैदराबाद से अभिनेत्री श्वेता बसु रंगे हाथ पकड़ी गई थी.आगे देखिए दिव्या श्री की कुछ और हॉट तस्वींरें...






PICS: सेक्स रैकेट में गिरफ्तार एक और हीरोइन


PICS: सेक्स रैकेट में गिरफ्तार एक और हीरोइन


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सोमवार, 8 सितंबर 2014

सेक्स रैकेट में पकड़ी गई अभिनेत्री श्वेता करेगी बड़ा खुलासा!







नई दिल्ली: हैदराबाद के हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट में पकड़ी गई बॉलीवुड अभिनेत्री श्वेता बसु प्रसाद अपने ग्राहकों के नामों का खुलासा कर सकती हैं। बता दें कि हैदराबाद पुलिस ने पिछले सप्ताह श्वेता को हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित एक पंच सितारा होटल में आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा था। रिपोर्टों के मुताबिक श्वेता के ग्राहकों में मुंबई सहित देश के अन्य बड़े शहरों के दिग्गज कारोबारी शामिल हैं और इन उद्योगपतियों ने अभिनेत्री के साथ रात गुजारने के लिए सेक्स रैकेट संचालक को एक लाख रुपए का भुगतान किया था। गौरतलब है कि हैदराबाद पुलिस ने बंजारा हिल्स के एक पांच सितारा होटल में छापा मारा था। इस छापे में 23 वर्षीया श्वेता आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ी गईं। रिपोर्टों की मानें तो श्वेता अपने ग्राहकों के नाम सार्वजनिक करने के लिए तैयार हैं।  रिपोर्टों के मुताबिक आर्थिक तंगी की वजह से 'मकड़ी' फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली यह अभिनेत्री जिस्मफरोशी के धंधे में उतरी।





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अब खुद ही रिपेयर हो जाएंगे डैमेज दांत

अब खुद ही रिपेयर हो जाएंगे डैमेज दांत

लंदन। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक ईजाद की है, जिससे दांत की सड़न के बाद ड्रिलिंग और फीलिंग जैसे झमेलों से छुटकारा मिल सकता है। हर साल दुनियाभर में करीब 2.3 बिलियन लोगों को दांतों की समस्या से जूझना पड़ता है। 
 
ब्रिटिश रिसर्चरों ने एक ऐसी तकनीक का आविष्कार किया है, जिससे सड़े हुए कैविटी वाले दांत अब खुद-बखुद रिपेयर हो जाएंगे। यह शोध लंदन के किंग्स कॉलेज में किया गया, जहां इस नेचरल रिपेयर के लिए इलेक्ट्रिकल करंट का इस्तेमाल किया गया।
 
इस ट्रीटमेंट की खोज करने वाले वैज्ञानिकों की मानें तो यह अनोखा ट्रीटमेंट तीन वर्षों के भीतर आम लोगों तक पहुंच जाएगा। इस ट्रीटमेंट को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले स्टेप में दांत के बाहरी लेवल इनामेल पर मौजूद सडऩ को हटाया जाता है। दूसरे स्टेप में डैमेज दांत के भीतरी हिस्से में हल्के से इलेक्ट्रिक करंट की मदद से मिनरल डाल दिया जाता है। 
 
दर्द से मिलेगा छुटकारा
 
यह मौजूदा प्रॉसेस की तरह तकलीफदेह नहीं है, जिसमें कैविटी भरने से पहले दांत के ऊपर इंजेक्शन लगाया जाता और फिर क्लीनिंग प्रॉसेस में भी दर्द से जूझना पड़ता है। नई डिवाइस में न्यूनतम करंट जैसी सुविधा है। ड्रिल करने की जरूरत नहीं पड़ती है। दांतों के अंदर कैल्शियम और फॉस्फेट मिनरल डाल दिया जाता है, जो नैचुरल तरीके से दांत को रिपेयर करने में मदद करता है। sabhar :http://www.bhaskar.com/

गुरुवार, 4 सितंबर 2014

ज्ञान तथा अज्ञान - कुछ भी रहस्य नहीं !



अमानित्वमदम्भित्वमहिंस क्षान्तिरार्जवम्। 
आचार्योपासनं शौचं स्थैर्यमात्मविनिग्रहः।।
इन्द्रियार्थेषु वैराग्यमनहंकार एव च। 
जन्ममृत्यु ज्र्व्याधिदुःखदोषानुदर्शनम्।।
असक्तिरनभिष्वङ्गः पुत्रदारगृहादिषु। 
नित्यं च समचित्तत्वमिष्टानिष्टोपपत्तिषु।।
मयि चानन्ययोगेन भक्तिरव्यभिचारिणी। 
विविक्तदेशसेवित्वमरतिर्जनसंसदि।।
अध्यात्मज्ञाननित्यत्वम्  तत्त्वज्ञानार्थदर्शनम्। 
एतज्ज्ञानमिति प्रोक्तमज्ञानं यादतोन्यथा।।


विनम्रता , दम्भहीनता , अहिंसा , सहिष्णुता , सरलता , प्रामाणिक गुरु के पास जाना , पवित्रता , स्थिरता , आत्मसंयम , इंद्रियतृप्ति के विषयों का परित्याग , अहंकार का अभाव , जन्म , मृत्यु वृद्धावस्था तथा रोग के दोषों की अनुभूति , वैराग्य , संतान , स्त्री , घर , तथा अन्य वस्तुओं की ममता से मुक्ति , अच्छी तथा बुरी घटनाओं के प्रति समभाव , मेरे (भगवान  श्रीकृष्ण ) प्रति निरंतर अनन्य भक्ति , एकांत स्थान में रहने की इच्छा , जन समूह से विलगाव , आत्म - साक्षात्कार की महत्ता को स्वीकारना , तथा परम सत्य की दार्शनिक खोज - इन सब को मैं ज्ञान घोषित करता हूँ और इनके अतिरिक्त जो भी है , वह सब अज्ञान है।    

Humility, pridelessness, nonviolence, tolerance, honesty, service to the guru, purity, stability, self-control, detachment from sensual delights, absence of egotism, an objective view of the miserable defects of material life, that is, birth, death, the infirmity of old age, disease, etc., freedom from infatuation with wife, son, home, etc., nonabsorption in the happiness and unhappiness of others, constant equal-mindedness in the contact of desirable or undesirable objects, unfaltering and unadulterated devotion to Me, preference for solitude, indifference to mundane socializing, perception of the eternality of self-knowledge, and realization of the goal of divine knowledge certainly all these have been declared as actual knowledge, and everything apart from this is ignorance.

sabhar :http://gitagyanpeeth.blogspot.in/

सोमवार, 1 सितंबर 2014

अवचेतन मन की शक्ति



फोटो : गूगल


आप का मस्तिष्क  एक है लेकिन इसके दो स्पष्ट भाग है ,चेतन मन और अवचेतन मन इसे जागृत और सुसुप्त मन भी कहा जा सकता है ।  आप को याद रखना चाहिए चेतन और अवचेतन दो मस्तिष्क  नहीं है । वे तो एक ही मस्तिष्क में होने वाली गतिविधियों  के दो क्षेत्र  है ,आपका चेतन मन तार्किक  मस्तिष्क है , जो विकल्प चुनता है । उदाहरण के लिए , आप अपनी पुस्तक , अपना घर , अपना जीवन साथी  चुनते है । आप सारे निर्णय चेतन मन से करते है । दूसरी तरफ आप के सचेतन सुझाव के बिना ही आप का ह्रदय अपने आप काम करता है और पाचन , रक्त संचार , साँस लेने की प्रक्रिया अपने आप चलती है । ये सारे काम आपका अवचेतन मन करता है । आप अपने अवचेतन मन पर जो भी छाप छोड़ते  है या जिसमे भी प्रबल विश्वास करते है , आप का अवचेतन मन उसे स्वीकार कर  लेता  है । यह आप के चेतन मन की तरह तर्क नहीं करता है  या बहस नहीं करता है । आप का अवचेतन मन उस मिट्टी  की तरह है , जो किसी भी तरह के बीज को स्वीकार कर लेता है , चाहे अच्छा हो या बुरा । आप के विचार सक्रिय है । वे बीज है ।  नकारात्मक विचार या  विध्वंसात्मक विचार  आप के अवचेतन मन में नकारात्मक रूप से कार्य करते है । देर सबेर  वे प्रकट हो ही जाएंगे  और अपने अनुरूप  किसी नकारत्मक घटना को जन्म दे देंगे ।

आपका अवचेतन मन हमेशा काम करता रहता है ।  यह रात दिन सक्रिय रहता है , चाहे आप इस्पे  काम करे या न करे । आप का अवचेतन मन आप के शरीर का निर्माता है , लेकिन आप इस खामोस प्रक्रिया को देख और सुन नहीं सकते । आपका पाला हर बार अपने अवचेतन के बजाय चेतन  मन से पड़ता है ।  बस आप अपने चेतन मन से सर्वश्रेष्ठ  की आशा  करते रहे और पक्का कर ले की आप के आदतन विचार अच्छी, सुन्दर , सच्ची न्यायपूर्ण और सदभावना पूर्ण चीजो पे केंद्रित हो आप जैसी कल्पना करेंगे परिणाम बिलकुल वैसा ही होगा


स्रोत - डॉ  जोसेफ  मर्फी की " आपके अवचेतन मन की शक्ति " पुस्तक से 

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