अवचेतन मन की शक्ति
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आप का मस्तिष्क एक है लेकिन इसके दो स्पष्ट भाग है ,चेतन मन और अवचेतन मन इसे जागृत और सुसुप्त मन भी कहा जा सकता है । आप को याद रखना चाहिए चेतन और अवचेतन दो मस्तिष्क नहीं है । वे तो एक ही मस्तिष्क में होने वाली गतिविधियों के दो क्षेत्र है ,आपका चेतन मन तार्किक मस्तिष्क है , जो विकल्प चुनता है । उदाहरण के लिए , आप अपनी पुस्तक , अपना घर , अपना जीवन साथी चुनते है । आप सारे निर्णय चेतन मन से करते है । दूसरी तरफ आप के सचेतन सुझाव के बिना ही आप का ह्रदय अपने आप काम करता है और पाचन , रक्त संचार , साँस लेने की प्रक्रिया अपने आप चलती है । ये सारे काम आपका अवचेतन मन करता है । आप अपने अवचेतन मन पर जो भी छाप छोड़ते है या जिसमे भी प्रबल विश्वास करते है , आप का अवचेतन मन उसे स्वीकार कर लेता है । यह आप के चेतन मन की तरह तर्क नहीं करता है या बहस नहीं करता है । आप का अवचेतन मन उस मिट्टी की तरह है , जो किसी भी तरह के बीज को स्वीकार कर लेता है , चाहे अच्छा हो या बुरा । आप के विचार सक्रिय है । वे बीज है । नकारात्मक विचार या विध्वंसात्मक विचार आप के अवचेतन मन में नकारात्मक रूप से कार्य करते है । देर सबेर वे प्रकट हो ही जाएंगे और अपने अनुरूप किसी नकारत्मक घटना को जन्म दे देंगे ।
आपका अवचेतन मन हमेशा काम करता रहता है । यह रात दिन सक्रिय रहता है , चाहे आप इस्पे काम करे या न करे । आप का अवचेतन मन आप के शरीर का निर्माता है , लेकिन आप इस खामोस प्रक्रिया को देख और सुन नहीं सकते । आपका पाला हर बार अपने अवचेतन के बजाय चेतन मन से पड़ता है । बस आप अपने चेतन मन से सर्वश्रेष्ठ की आशा करते रहे और पक्का कर ले की आप के आदतन विचार अच्छी, सुन्दर , सच्ची न्यायपूर्ण और सदभावना पूर्ण चीजो पे केंद्रित हो आप जैसी कल्पना करेंगे परिणाम बिलकुल वैसा ही होगा
स्रोत - डॉ जोसेफ मर्फी की " आपके अवचेतन मन की शक्ति " पुस्तक से
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