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मंगलवार, 6 नवंबर 2012

Vigyan India.com: पांच तरकीब जो बदल देंगी आपकी दुनिया

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Vigyan India.com: पांच तरकीब जो बदल देंगी आपकी दुनिया

आईबीएम वैसे तो आधुनिक कंप्यूटरों और तकनीक के लिए मशहूर है, लेकिन अब यह कंपनी पांच ऐसी नई तरकीब बाजार में ला रही है जिससे इंसान की जिंदगी बदल सकती है.


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रविवार, 4 नवंबर 2012

102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर

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102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर

खरखौदा। 102 वर्ष उम्र में दूसरी बार पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके रामजीत राघव को दूसरे देश से आर्थिक मदद मिली है। रामजीत बेहद गरीब है और तंगहाली में जीवन व्यतीत कर रहा है। उसे अमेरिका की बनिता स्प्रिंग हिस्टॉरिकल सोसाइटी की ओर से 10 डालर की मदद भेजी गई है।102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर
गुरुवार को खरखौदा के वार्ड संख्या 9 में रहने वाले रामजीत के पास डाकिया पहुंचा और उसे एक लिफाफा थमाते हुए बताया कि उसे अमेरिका से किसी ने पत्र भेजा है। जिसे खोलकर देखा गया तो उसमें अमेरिका की बनिता स्प्रिंग हिस्टोरिकल सोसाइटी की ओर से दस डालर भेजे गए थे। रामजीत ने अपने दूसरे बेटे का नाम रणजीत रखा है। दो वर्ष पहले रामजीत राघव के पहले बेटे विक्रमाजीत का जन्म हुआ था गत 5 अक्टूबर को शहर के सरकारी अस्पताल में उसकी पत्नी शकुंतला ने दूसरे स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया तभी से यह बात लोगों के बीच में चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं रामजीत के शाकाहारी होने के चलते जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा भी रामजीत का साक्षात्कार ले चुकी है।102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर



मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आस्ट्रेलिया की एबीसी न्यूज रामजीत राघव पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने की शुरुआत कर चुकी है और इसकी शूटिंग खरखौदा में हो रही है। 
 
रामजीत राघव के पास अद्भुत सेक्स पावर है, इसका लोहा तो दुनिया मान चुकी है। रामजीत अपनी उम्र को 100 साल से ऊपर का बताते हैं। अभी भारतीय मीडिया में आई खबरों में भी उनको 102 साल का बताया गया है जबकि इंटरनेशनल मीडिया उनकी उम्र 96 साल मानती है।
 
 
लेकिन रामजीत की उम्र 96 साल मानने के बावजूद वह विश्व के सबसे वृद्ध पिता हैं। उन्होंने 2010 में पहले बच्चे का बाप बनकर यह वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया था। अब, 2012 में दूसरे बच्चे का पिता बनकर उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है।


102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर
रामजीत राघव दो बेटों को पाकर बहुत खुश हैं। रामजीत का कहना है कि वह बेहद स्वस्थ महसूस करते हैं और वाइफ के साथ सेक्स लाइफ को इंज्वाय करते हैं वह हसबैंड और वाइफ के बीच रेगुलर सेक्स को मैरिज लाइफ के लिए बहुत जरूरी मानते हैं। रामजीत हरियाणा के सोनीपत में झोपड़ी में बीवी-बच्चों के साथ रह रहे हैं और खेतों में काम करके गुजारा चलाते हैं।
 
 
रामजीत की बीवी शकुंतला कहती हैं कि वह मुझे बिल्कुल भी बूढ़े नहीं लगते। वह 25 साल के मर्द की तरह मुझसे प्यार कर सकते हैं और सारी रात जारी रह सकते हैं। वह बेहतरीन पिता हैं। रामजीत का कहना है कि उनको काम करना अच्छा नहीं लगता। लेकिन चूंकि उनके  बच्चे  हैं इसलिए उनकी परवरिश के लिए खेतों में जाकर काम करना पड़ता हैं। रामजीत का कहना है कि वे सुबह में छह बजे उठते हैं और रोज लगभग नौ-दस घंटे काम करते हैं।  वह एक सप्ताह में लगभग हजार रुपए कमा लेते हैं।


102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर

वह अपनी बीवी के साथ खुशी-खुशी जीवन गुजार रहे हैं। बच्चों के साथ वह बहुत खेलते हैं। जहां वह काम करते हैं वहां अपनी बीवी-बच्चों को ले जाते हैं। वह रसोई बनाने जैसे घरेलू और अन्य कामों में अपनी बीवी की मदद करते हैं। अपने बच्चों की परवरिश में भी वह बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं। अगर बच्चा रोता है तो वह गोद में उसे लेकर खेलाते हैं। उसको खाना खिलाते हैं। कपड़े पहनाते हैं। 
 
रामजीत का कहना है कि बच्चा जब रोता है तो उनको पीड़ा होती है। वे अपनी जवानी में बहुत यकीन करते हैं। तीन किलो दूध के साथ आधा किलो मक्खन रोज खाते हैं। रामजीत जवानी में कुश्ती लड़ते थे और उनको यह भरोसा है कि वह बच्चों को जवान होते देख सकेंगे और मौत उनको छू नहीं सकती। उन्होंने एक अजीब बात यह कही थी कि उनको कोई काला सांप काट ले तभी वह मरेंगे।
 
 
उन्होंने पिछले साल बातों-बातों में मीडिया से कहा कि मुझे दस साल बाद देखने आना, मैं जैसा आज हूं, वैसा ही मिलूंगा। ऐसा उन्होंने दिसंबर 2010 में कहा था। उन्होंने अपने डाइट के बारे में कहा कि वह रोज गाय का दूध पीते हैं और खाने में हरी सब्जियां इस्तेमाल करते हैं। खेतों में जमकर पसीना बहाने की वजह से भी उनका शरीर आज तक स्वस्थ है। खरखौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर हरेन्द्र कहते हैं कि मेडिकल साइंस में ऐसे मामले बहुत कम हैं, जहां इस उम्र में जाकर कोई पुरुष पिता बना हो।
102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर


रामजीत राघव जब 2010 में पहले बच्चे के बाप बने थे तब भी इंटरनेशनल मीडिया ने उनको कवर किया था। डेलीमेल, मेट्रो और द सन जैसे  इंटरनेशनल वेबसाइट्स पर रामजीत के बारे में खबरें प्रमुखता से छपी थीं। उन्होंने उस साल सबसे वृद्ध पिता होने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था।
 
यह रिकॉर्ड उनसे पहले एक भारतीय किसान नानु राम जोगी के नाम था जो 90 साल की उम्र में 2007 में 21वें बच्चे के बाप बने थे।


102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर






2012 में इसी महीने जब वह दूसरे बच्चे के बाप बने तो फिर से वह इंटरनेशनल मीडिया में छाए।
 
वेबसाइट इंडीपेंडेंट डॉट को डॉट यूके ने उनके बारे में लिखा कि नौ दशकों तक बैचलर रहने के बाद रामजीत ने दूसरे बच्चे को जन्म देकर अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा है।
 
वेबसाइट के अनुसार, रामजीत अपनी बीवी से 17 साल पहले हरियाणा में सोनीपत के खारखोदा में मिले थे। रामजीत का कहना है कि वह शराब से आजीवन दूर रहे, यही उनके सेक्स पावर का राज है।
 
रामजीत के बारे में इंटरनेशनल वेबसाइट मिरर डॉट को डॉट यूके ने लिखा है कि दूसरी बार रामजीत 96 साल की उम्र में दुनिया के ओल्डेस्ट डैड बनने में सफल हुए हैं। रामजीत की बीवी शकुंतला, जो उनसे उम्र में आधी है, ने इसी महीने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। 
 
वेबसाइट के अनुसार, पड़ोसी उनसे जलते हैं और उनके सेक्स पावर का राज पूछते हैं। रामजीत दूसरे बच्चे को ईश्वर की कृपा मानते हैं। 'ईश्वर चाहते थे कि मुझे दूसरा बच्चा हो।'
 
2010 में पहले बच्चे के जन्म के बाद रामजीत ने कहा था कि उनको एक से ज्यादा बच्चे की ईच्छा नहीं है।
102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर

इंटरनेशनल वेबसाइट मिरर डॉट को डॉट यूके के अनुसार, रामजीत ने अपने बच्चों के बारे में बड़े सपने सजाए हैं। उसने कहा, 'मैं तो जिंदगी भर किसान ही रह गया लेकिन अपने दोनों बच्चों को मैं ऊंचे सरकारी पदों पर देखना चाहता हूं।'
 
दूसरे बच्चे के बारे में रामजीत ने कहा, 'अच्छा हुआ कि मुझे दूसरा बेटा हुआ। अगर दोनों बच्चों में एक जिंदा न रहा तो दूसरा तो उनके परिवार की देखभाल करने के लिए रहेगा।'
 
रामजीत ने बताया कि डॉक्टर्स उनके बाप बनने पर हंसते हैं लेकिन उन लोगों को इस बात पर आश्चर्य भी है। 
 
वेबसाइट मिरर डॉट को डॉट यूके ने लिखा है कि रामजीत अपनी बीवी शकुंतला से बरसात महीने की एक सुबह में मिले थे जब वह एक मजार के पास अकेली बैठी थी। रामजीत बताते हैं,'मैं उसकी मदद करना चाहता था। उसके परिवार में कोई नहीं था, ना ही उसको कोई जानने वाला था।' 
 
रामजीत शकुंतला को अपने घर ले आए और उसके बाद वह भी हमेशा के लिए रामजीत की हो गई। शकुंतला का कहना है कि उसके लिए रामजीत की उम्र कोई मायने नहीं रखती। वह उनको बिल्कुल भी बूढ़े नहीं लगते। 
 
रामजीत की पहली शादी तब हुई थी जब वह 24 साल के थे। लेकिन अगले ही साल उनकी बीवी की मौत हो गई। उसके बाद से वह बैचलर ही रहे जब तक कि शकुंतला नहीं मिली।

102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर

रामजीत के दूसरे बच्चे के पिता बनने के बारे में इंटरनेशनल वेबसाइट द सन ने लिखा है कि पिछली बार जब वह पहले बच्चे के बाप बने थे तो कहा था कि दूसरा बच्चा वह नहीं चाहते।
 
लेकिन दूसरे बच्चे के बाद रामजीत ने कहा कि दो बच्चों का बाप बनकर वह खुश हैं। 'दो बच्चों का बाप बनना मुश्किल है लेकिन मैं खुश हूं', रामजीत ने कहा।
 
वेबासाइट लिखता है कि रामजीत के पास खारखोदा में दो कमरे की झोपड़ी है और खेती के काम से उसका परिवार चलता है। 


102 की उम्र में बने बाप के पास आया अमेरिका से लिफाफा, क्या था अंदर
इंटरनेशनल वेबसाइट हफिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि रामजीत को जिस उम्र में दादा-परदादा होना चाहिए था, उस उम्र में वह बाप बने हैं। पोस्ट के अनुसार, रामजीत ने मीडिया से कहा कि वह अपनी पूरी जिंदगी ब्रह्मचर्य का पालन करते रहे हैं। शकुंतला से मिलने के बाद उन्होंने परिवार बसाने की सोची और दो बच्चों के बाप बने। ईश्वर ने उनकी ईच्छा पूरी की। 
 
रामजीत के दूसरे बच्चे के पिता बनने के बारे में इंटरनेशनल वेबसाइट द सन ने लिखा है कि पिछली बार जब वह पहले बच्चे के बाप बने थे तो कहा था कि दूसरा बच्चा वह नहीं चाहते।
 
लेकिन दूसरे बच्चे के बाद रामजीत ने कहा कि दो बच्चों का बाप बनकर वह खुश हैं। 'दो बच्चों का बाप बनना मुश्किल है लेकिन मैं खुश हूं', रामजीत ने कहा।
 
वेबासाइट लिखता है कि रामजीत के पास खारखोदा में दो कमरे की झोपड़ी है और खेती के काम से उसका परिवार चलता है। 

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फिंगटन पोस्ट के अनुसार, रामजीत आर्थिक कारणों से अब आगे और बच्चा नहीं चाहते। रामजीत ने कहा कि उनकी माली हालत अच्छी नहीं है इसलिए वह और बच्चा नहीं पाल सकते। 'मैं अपने दोनों बच्चों को खूब पढ़ाना चाहता हूं और उनकी जिंदगी की हर जरूरत पूरी करना चाहता हूं।'
 
फेमस इंटरनेशनल वेबसाइट डेलीमेल ने रामजीत के पिता बनने की खबर देते हुए लिखा है कि दो साल पहले विक्रमजीत के जन्म के बाद उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाया था और दूसरी बार फिर से वह बाप बने हैं।
 
वेबसाइट ने रामजीत के हवाले से उनके लाइफ के बारे में लिखा है कि उनकी जिंदगी में जितनी भी लड़कियां आईं, उनमें से कोई भी जिंदा नहीं रहीं। जब रामजीत को शकुंतला मिली तो वह उनको घर ले आए। उनको योगा सिखाया और दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। उसके बाद दोनों ने शादी कर ली।


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अश्मित से मेरा रिश्ता फेक नहीं था वीना मलिक

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बिग बॉस से फेम पा चुकी पाकिस्तानी एक्ट्रेस वीना मलिक की पहली बॉलीवुड डेब्यू फिल्म 'दाल में कुछ काला है' फ्लॉप रही थी लेकिन बावजूद इसके वीना मलिक ने चर्चाओं में आना नहीं छोड़ा है और इसी का नतीजा है कि उन्हें फिल्मों के ऑफर भी आने लगे हैं।
वीना ने हाल ही में इस बात को स्वीकार किया कि वे वाकई अश्मित के साथ इन्वॉल्व हो गई थीं। वीना मलिक ने बिग बॉस के घर में अश्मित के साथ अपने संबंधों को लेकर कहा कि आपने जो कुछ भी देखा मुझे नहीं लगता कि वो फेंक था। मैं और अस्मित एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे, हम एक-दूसरे कि इज्जत करते थे, हां ये बात अलग है कि मैं अभी उनके टच में नहीं हूं। 
इतना ही नहीं वीना मलिक ने हाल ही इस बात का जिक्र किया कि वे बचपन से ही अपने आपको सेलिब्रिटी की तरह देखती थी। 
अब ये तो सोचने वाली बात है इतने लंबे समय बात अचानक वीना अपने लिए सफाई क्यों दे रही हैं, कहीं वीना फिर से कुछ नया तो करने नहीं जा रही, जिसकी दर्शकों को उम्मीद भी ना हो। खैर, ये तो वक्त ही बताएगा। sabhar : amarujala.com

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पानी से धुलने वाला मोबाइल और कीबोर्ड

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जल्द ही बाजार में ऐसा मोबाइल फोन, आइ-पैड और की-बोर्ड आने वाला है जिसे आप गंदा होने पर पानी से धो सकते हैं। शायद सुनने में ये आपको थोड़ा अजीब लगे, लेकिन रिसर्चरों ने इसे सच करने का दावा किया है। कीबोर्ड या मोबाइल के गंदा होने पर आपकी समस्या का समाधान जल्द ही अधिक यूजर फ्रेंडली इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए होने वाला है।

ये नए उपकरण ऐसे होंगे कि इन्हें आप रास्ते के लिए भी कैरी कर सकते हैं। इन उपकरणों को पानी से कोई नुकसान नहीं होगा। रिसर्चरों ने जेनरेशन-नेक्सट वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण विकसित किए हैं। इन सभी उपकरणों को फोल्ड करके रास्ते के लिए कैरी भी किया जा सकता है। इसके साथ ही इन उपकरणों को जीरो पिक्‍सल बार्डर की परत देकर वाशेबल बनाया गया है।

इन गैजेट्स की स्क्रीन पर इलेक्ट्रोफ्लूडिक इमेजिंग फिल्म का इस्तेमाल किया गया है। जिससे इन्हें पानी से साफ करने पर इनमें कोई खराबी नहीं आएगी। शोधकर्ताओं का दावा है ये गैजेट्स सूर्य की रोशनी में खुद ही चार्ज हो जाएंगे, जिससे इनके इस्तेमाल में बिजली की खपत बहुत कम होगी। इस तरह के उपकरणों में वायरलेस कनेक्शन पोर्ट दी गई है।

शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि अब आपका मोबाइल या आइ-पैड हाथ से कही गिर जाएं इस पर चढ़ी उच्च स्तरीय लचीली केसिंग इसकी स्क्रीन को नुकसान नहीं पहुंचने देगी और इसे आप धोकर भी साफ कर सकते हैं। इस काम को अंजाम देने में इलेक्ट्रोफ्लूडिक इमेजिंग फिल्म एक क्रांतिकारी खोज साबित हुई। ये एक पारदर्शी सफेद फिल्म है जिसमें पारगामी इलेक्ट्रोड की एक पतली परत चढ़ी हुई है।

तो अब आप जल्द ही बाजार में ग्रीन आइ-पैड, मोबाइल फोन और ई-रीडर देखने के तैयार रहिए, इनमें भारी बैटरी का बोझ नहीं होगा।

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30 साल की उम्र में भी कम हो सकती है मेमोरी

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आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि ज्यादा उम्र के लोग ही भूलने की बीमारी से परेशान रहते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल बुजुर्ग ही नहीं बल्कि 30 वर्ष की उम्र के लोगों को भी इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है। ब्रिटेन में 50 साल की उम्र के करीब 1000 लोगों पर किए गए एक सर्वेक्षण में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। 

इस सर्वेक्षण के अनुसार, आमतौर पर औसतन 50 साल की उम्र में लोगों को चीजें भूलना शुरू हो जाती हैं। मगर अधिकतर लोगों ने कहा कि भूलने की बीमारी उन्हें कम उम्र में ही लग गई थी। 

शोधकर्ताओं के अनुसार, 50 की उम्र में लोगों को अपने करीबियों तक के नाम याद रखने में मुश्किल पेश आती है। पांच में से दो लोगों ने स्वीकार किया कि उन्हें उन लोगों के नाम भी याद नहीं रहते जिन्हें वे सालों से जानते हैं। 

सर्वे के अनुसार कई लोग तो डॉक्टर से लिया गया अपाइंटमेंट तक भूल जाते हैं। वहीं दस में एक व्यक्ति ने कहा कि 40 साल की उम्र में ही उन्हें चीजें भूलने की बीमारी हो गई थी। वहीं छह प्रतिशत लोगों ने 30 साल की उम्र से ही इस बीमारी से पीड़ित होने की बात कही। sabhar amarujala.com

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ऑटो-टैक्सी का किराया बढ़ा तो न्यूड हो गई रीमा

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ग्लैमर इंडस्ट्री में छोटी-छोटी पर मॉडल्‍स और एक्ट्रेस का न्यूड होने का एक ट्रेंड बन गया है। आए दिन कोई ना कोई मॉडल चर्चा में आने के लिए इस फंडे को अपना रही है। पूनम पांडे, गहना, वीना मलिक या शर्लिन चोपडा जैसी कितनी ही एक्ट्रेस है जो आए दिन सोशल नेटवर्किंग साइट्स ट्विटर और फेसबुक पर अपनी न्यूड फोटोज अपलोड करती रहती हैं ताकि उनकी पॉपलै‌रिटी बनी रहे, या फिर किसी भी इश्यू को भुनाने के लिए न्यूड होने से गुरेज नहीं करती।

इसी फेहरिस्त में मॉडल रीमा शर्मा का नाम भी जुड़ गया है। ‌बीते दिनों मुंबई में ऑटो और टैक्सी का किराया बढ़ने का विरोध करने के लिए मॉडल रीमा शर्मा ने न्यूड हो खूब चर्चा बटोरी। रीमा ने एक न्यूड फोटोशूट करवाया जिसमें उन्हें अपनी बैक साइड पर 'मीटर डाउन स्टॉप फ्रॉड' लिखवाया। रीमा को इस न्यूड फोटोशूट से कोई दिक्कत नहीं है।

गौरतलब है कि रीमा साउथ की कई फिल्मों में आ चुकी है। हाल ही में रीमा ने एक तमिल फिल्म भी साइन की है। वैसे आपको बता दें बॉलीवुड में रीमा को कोई नहीं पहचानता, इसीलिए रीमा ने अपने इस फोटोशूट की तस्वीरें ट्विटर पर अपलोड की। रीमा ने अपनी सफाई में कहा कि ये फोटोशूट सोशल कोस्ट के लिए था और वैसे भी मुंबई में लगभग 30 फीसदी टैक्सियों के मीटर खराब हैं तो वहीं 40 फीसदी ऑटो और रिक्‍शा वाले पुराने मीटर का उपयोग कर रहे हैं।
 
फिलहाल रीमा तो यही चाहती हैं कि इससे उनकी फैन फोलोइंग बने और फिर उन्हें बॉलीवुड में एंट्री करने को मिले।अब देखना होगा कि रीमा का ये कारनामा उनके काम आता है।   sabhar : amarujala.com

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सिर्फ इनके गाय का दूध पीते हैं मुकेश अंबानी और सचिन तेंडुलकर

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सिर्फ इनके गाय का दूध पीते हैं मुकेश अंबानी और सचिन तेंडुलकर

पुणे। यह दूध कुछ खास है। तभी तो इसकी कीमत 75 रुपए प्रति लीटर है। इसके ग्राहकों में शामिल हैं पुणे और मुंबई की 4 हजार से ज्यादा नामी हस्तियां। 
 
 
मसलन मुकेश अंबानी, सचिन तेंडुलकर, रितिक रोशन, शिल्पा शेट्टी, आदि गोदरेज, गरवारे, शबाना आजमी आदि। पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड दूध उत्पादन की प्रक्रिया में इंसानी हाथों का स्पर्श कतई नहीं है। सब तरह के रसायनों से मुक्त ऑर्गनिक दूध।
 
 
यह दूध गायों का है और गायों का रुतबा भी ‘वीआईपी’ से कम नहीं है। खानपान और रहन-सहन सब कुछ आलीशान। भीमाशंकर के पास स्थित 35 करोड़ रुपए लागत के इस फार्म की हर गाय के लिए कॉयरफोम का केरल से मंगाया रबर-कोटिंग वाला खास गद्दा है। 
 
 
हरेक की कीमत सात हजार रुपए। खाने में अल्फा-अल्फा घास, ओट्स, कॉटनसीड्स जैसी हाईप्रोटीन डाइट का बुफे। रोज नहाने के लिए मल्टीजेट शॉवर। 
 
 
वे 35 एकड़ के फॉर्म में खुला घूमती हैं। उनके रहने के लिए अलग जगह है, खाने की अलग और सोने के लिए एकदम अलग। डेयरी के अध्यक्ष देवेंद्र शहा कहते हैं, ‘हमारे उपभोक्ता क्वालिटी के प्रति बेहद जागरूक हैं। 
सिर्फ इनके गाय का दूध पीते हैं मुकेश अंबानी और सचिन तेंडुलकर
शिल्पा शेट्टी जैसे कई उपभोक्ताओं ने आकर न सिर्फ उत्पादन देखा बल्कि दूध उन तक पहुंचेगा कैसे, इसका पूरा प्रजेंटेशन देखकर ही हमसे जुड़े। गोवंश की सेहत एक अहम मसला है। तयशुदा वक्त पर टीके लगते हैं। किसी गलती की गुंजाइश न हो इसलिए यह काम किसी कर्मचारी के भरोसे नहीं छोड़ा गया है। 

सिर्फ इनके गाय का दूध पीते हैं मुकेश अंबानी और सचिन तेंडुलकर
गायों के कान में लगी एक माइक्रोचिप में इसका रिकॉर्ड है। टीके का वक्त होने  पर यह कम्प्यूटर को याद दिलाती है। अगर फिर भी टीका न लगे तो गाय का दूध निकालना नामुमकिन हो जाता है, क्योंकि दूध भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जरिए निकलता है दूध निकालने से पहले हर गाय का एक ट्रांसपोंडर से गुजरना अनिवार्य है। 









सिर्फ इनके गाय का दूध पीते हैं मुकेश अंबानी और सचिन तेंडुलकर
बीमार गाय को यह मशीन खुद ही कतार से बाहर कर देती है। रोज तीन बार में करीब 40-45 लीटर दूध देने वाली इन गायों के शरीर में मिनरल्स की कमी भी रोज पूरी की जाती है।  जर्मनी और स्विटजरलैंड से कुछ साल पहले कर्नाटक और तमिलनाडु में होलस्टिन फ्रिझन वंश की दस हजार गाएं आई थीं। इसी वंश की फस्र्ट ब्रीड इस डेयरी में लाई गई। 
दूध उत्पादन को बेहतर बनाने वाली हर तकनीक के प्रति डेयरी के कर्ता-धर्ता शुरू से सजग हैं। मसलन, अमेरिका-कनाडा के सांडों का गौवंश को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना।

सिर्फ इनके गाय का दूध पीते हैं मुकेश अंबानी और सचिन तेंडुलकर
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रविवार, 21 अक्तूबर 2012

शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटर

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प्लेब्वॉय मैगज़ीन के लिए हाल ही में न्यूड होकर तहलका मचाने के बाद शर्लिन चोपड़ा लगातार ऐसा कुछ कर रही हैं जिससे वह चर्चा में बनी रहें.
वह आए दिन ट्विटर पर अपने बोल्ड कमेन्ट पोस्ट करने के साथ साथ न्यूड और सेमी न्यूड तस्वीरें भी अपलोड कर रही हैं.

हाल ही में शर्लिन ने ट्विटर पर अपनी सेमी न्यूड तस्वीरें अपलोड कर तहलका मचा दिया था.
अब इस बार उन्होंने कुछ हॉट और टॉपलेस तस्वीरें अपलोड कर सनसनी फैला दी है


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.PICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटर
PICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटर
PICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटरPICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटरPICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटरPICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटरPICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटरPICS:शर्लिन की बोल्ड तस्वीरों से एक बार फिर हॉट हुआ ट्विटर

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कैंसर, डायबिटीज, दिल की बीमारियों का इलाज आसान होगा

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बेकार, बंजर, बिना काम का डार्क मैटर। वर्ष 2000 में जब पहली बार मनुष्य के जीन समूह (जीनोम) को सिलसिलेवार तरीके से जमाया गया तब वैज्ञानिकों ने उसके ज्यादातर हिस्से का इस तरह वर्णन किया था। तीन अरब मूल जोड़ों से बने हमारे डीएनए को केवल 22000 जीन्स में बांटा गया। यह मानवीय जीनोम का केवल दो प्रतिशत है। वैज्ञानिकों का कहना था, बाकी बहुत ज्यादा काम का नहीं है।
 
 
 
हमारे आनुवंशिक गौरव के लिए सौभाग्य की बात है कि यह निष्कर्ष गलत निकले हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) की अगुवाई में हो रही खोज से पता लगा है, 98 प्रतिशत जीनोम का अधिकतर हिस्सा बायो केमिकल हलचल की जीवंत दुनिया है। इनसाइक्लोपीडिया ऑफ डीएनए एलिमेंट्स (एनकोड) प्रोजेक्ट ने कुछ लाइलाज बीमारियों के उपचार की संभावनाएं पेश की हैं। एनआईएच के राष्ट्रीय मानव जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ एरिक ग्रीन ने पत्रकारों को बताया, जीवन ने कैसे आकार लिया- इस बुनियादी सवाल का हल खोजने के लिए यह एक शक्तिशाली संसाधन है। इससे हमें मनुष्य की बीमारियों के जीनोमिक आधार को समझने में मदद मिलेगी।
 
 
 
डीएनए का वह हिस्सा जो जीन नहीं बनाता, निठल्ला नहीं बैठा है। वह जीन्स को बताता है, कब काम करना है और किस वक्त आराम से बैठना है। वह यह भी निर्देश देता है, विभिन्न कोशिकाओं (सेल्स) में जीवन के किस बिंदु पर कितनी प्रोटीन का निर्माण करना है। उदाहरण के लिए उस 80 प्रतिशत डीएनए में किसी जगह से किसी कोशिका को दिमाग का न्यूरॉन बनाने या पैनक्रियास को इंसुलिन बनाने या चमड़ी की कोशिका को बूढ़ी कोशिका का स्थान लेने का निर्देश दिया जाता है।
 
 
 
एनकोड ने बेकार समझे जाने वाले 98 प्रतिशत जीनोम की रिसर्च को नई दिशा दी है। अगर कोई बीमारी जेनेटिक ऑन-ऑफ स्विच में गड़बड़ी से हुई है तो शोधकर्ता या डॉक्टर उसका पता लगाकर इलाज कर सकेंगे।  यह खोज दिल के रोगों, डायबिटीज, अल्जीमर्स और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज को आसान बनाएगी। सबसे अधिक फायदा कैंसर मरीजों को होने की संभावना है। यह बीमारी कई टिश्यूज में अनेक तरह से होती है।
 
 
 
कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का मुख्य कारण है। इधर, कैंसर रोधी नई दवाएं ट्यूमर निर्माण की प्रक्रिया को निशाना बनाती हैं। अब एनकोड ने कैंसर की कोशिकाओं को जीवित रखने वाले समूचे सर्किट का पता लगा लिया है। इससे मौजूदा दवाओं का नए तरीके से उपयोग हो सकेगा। उदाहरण के लिए स्तन और फेफड़े के ट्यूमर एक ही सर्किट में हैं तो किसी मरीज के इलाज में इस्तेमाल की गई दवा का उपयोग दूसरे के लिए भी हो सकेगा।
 
 
 
 
सेंट लुई में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कच्चे डीएनए को आरएनए में बदलने वाले दो दर्जन ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर की पहचान की है। फिर इनसे 17 किस्म के कैंसर में पाए जाने वाले प्रोटीन की पहचान की गई। इन फैक्टर के अधिक सक्रिय होने से ट्यूमर बढ़ सकते हैं। अगर इन पर काबू पाने का तरीका खोज लिया जाता है तो एक उपचार से 17 कैसरों को ठीक किया जा सकेगा। एनकोड से मानव शरीर की सेहत से संबंधित कई गुत्थियां सुलझेंगी। जीन के समूह का ब्योरा मौजूद होने से डॉक्टर आपको होने वाली बीमारियों के खतरे के प्रति सचेत रहेंगे। sabhar :bhaskar.com

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टेबलेट लें या गैलेक्सी नोट?

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सैमसंग का गैलेक्सी नोट भारतीय और विदेशी बाजार में तेजी से पॉपुलर हुआ है। मगर इसके फीचर्स के बारे में लोगों के मन में काफी दुविधा भी है। क्या यह एक एडवांस मोबाइल है? जिसमें टेबलेट की खूबियां भी समाहित हैं। या फिर यह टेबलेट का छोटा रूप है? बेहतर होगा कि हम गैलेक्सी नोट्स के फीचर्स पर एक निगाह डालते हैं, जिससे आप इसके बारे में बेहतर फैसला कर सकें।

टेबलेट की खूबियां
यह तो तय है कि गैलेक्सी नोट एक अलग किस्म की मोबाइल डिवाइस है, जिसमें टेबलेट की खूबियां और मोबाइल फोन की सहूलियत का सुंदर तालमेल है। सबसे पहली खूबी है इसका बड़े साइज का स्क्रीन। करीब 5.3 इंच का इसका एचडी सुपर एमोलेड स्क्रीन दुनिया में अपनी तरह का पहला है। इस स्क्रीन की मदद से आप न सिर्फ वेबपेज का ज्यादा बेहतर डिस्प्ले पाते हैं बल्कि वीडियो और इ-बुक्स की भी बेहतर प्रस्तुति मिलती है और उन्हें स्क्रोल या जूम-इन करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

स्मार्ट पेन
इसकी दूसरी खूबी है- स्मार्ट पेन। इसे स्टेट-आफ-द-आर्ट-इनपुट टेक्नोलाजी के नाम से भी जाना जाता है। इसकी मदद से आप न सिर्फ स्क्रीन पर कुछ लिख सकते हैं बल्कि ड्रा कर सकते हैं या उनमें रंग भी भर सकते हैं। यह डिवाइस आपको काफी रचनात्मक आजादी देती है। इस लिहाज से गैलेक्सी नोट उन लोगों के मिजाज से ज्यादा मेल खाता है जो रचनात्मक कार्यों से जुड़े हैं। यह एक ऐसा फीचर है जिसकी मदद से आप कभी भी, कहीं भी अपनी अभिव्यक्ति को रिकार्ड कर सकते हैं। चाहे तस्वीर उतारनी हो, फटाफट कुछ लिखना हो (टाइप नहीं- क्योंकि वह झंझट भरा होता है और जब तक मेल न करनी हो आप उससे परहेज करते हैं) या फिर कुछ रेखांकन करना हो।

स्पेशल फीचर्स
कलात्मकता के साथ इसके कई फिचर एक कामकाजी व्यक्ति या उसके बिजनेस मोबाइल की जरूरतों को भी पूरा करते हैं। S-प्लानर में आप को अपने डे-प्लान के लिए कई एडवांस फीचर मिलते हैं। इसके अलावा S-चॉयस के जरिए आप कई ऐसे एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हैं- जो कि खास गैलेक्सी नोट्स को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। सैमसंग चैट-ऑन फीचर आपको न सिर्फ रीयल टाइम चैट की सुविधा देता है बल्कि इसकी मदद से टेक्स्ट, हाथ से लिखे नोट्स, तस्वीरें और वीडियो अपने मित्रों के साथ आसानी से शेयर कर सकते हैं।

मनोरंजन भी
जहां तक मनोरंजन की बात है तो इसके 1.4 गीगा हर्ट्ज ड्यूएल कोर प्रोसेसर की मदद से आप बखूबी रीयल टाइम वीडियो देख सकते हैं या फिर वीडियो गेम का आनंद उठा सकते हैं। गेम के शौकीन लोगों के लिए सैमसंग का गेम हब मदद कर सकता है। और अंत में यह फोन आसानी से आपकी जेब में समा जाता है sabhar : amarujala.com

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फेसबुक पर अपना दूध बेच रही हैं मम्मियां

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अपने फिगर को संतुलित रखने की चाह में मॉडर्न महिलाएं एक ओर जहां अपने बच्चों को अपना दूध नहीं पिलाना चाहतीं वहीं ब्रिटेन व अमेरिका की मम्मियां जल्दी पैसा बनाने के लिए फेसबुक समेत कई सामुदायिक मंचों से अपना दूध बेच रही हैं। हालांकि दूध खरीदने वाले माता-पिताओं का मानना है कि उनके शिशुओं को इससे फायदा हो रहा है। लेकिन विशेषज्ञों ने इस दूध के सुरक्षित होने पर आंशका जताई है। उनका कहना है कि दानदाता महिला के पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की कोई निश्चितता नहीं होती। 

एक अध्ययन के अनुसार एस्सेक्स से न्यूकैसल तक की महिलाएं ताजा या फ्रीज किया हुआ दूध बेच रही हैं। इसकी कीमत एक पाउंड प्रति इकाई है जबकि अमेरिका में इसकी कीमत दो अमेरिकी डॉलर है। डेली मेल को एक वेबसाइट ने बताया कि हमारी इस व्यवस्था में साफ सुथरा दूध निजता पूर्ण तरीके से खरीदा जा सकता है। दानदाता माताएं अपने शिशु की उम्र के साथ अपने दूध को सूचीबद्ध कराती हैं। लेकिन जर्मनी के डॉक्टरों ने नए अभिभावकों को फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्कों के जरिए निजी रूप से बच्चे के लिए दूध लेने के खिलाफ चेतावनी दी है।

साथ ही शिशु रोग विशेषज्ञों की संस्था के अध्यक्ष वूल्फरैम हार्टमैन ने कहा कि हो सकता है कि दानदाता महिलाएं कोई दवाई या नशीला पदार्थ ले रही हों, या उन्हें एड्स या हिपेटाइटिस जैसा कोई संक्रमित रोग हो। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ सप्ताह के बच्चे और कुछ महीने के बच्चे की पोषण की जरूरतों भी अलग-अलग होती हैं।

सामुदायिक मंचों के अतिरिक्त मातृ दुग्ध दान करने या प्राप्त करने के लिए कानूनी तरीके भी मौजूद हैं। कुछ केंद्र स्तनपान न करवा सकने वाली माताओं के बच्चों के लिए दूसरी महिलाओं का दूध लेकर संरक्षित करते हैं। ये बैंक पूर्व निगरानी से गुजरीं उन माताओं से दूध इकट्ठा करते हैं जिनके पास पर्याप्त दूध आपूर्ति हो और जिनका बच्चा छह माह से कम उम्र का हो। इसके बाद इसे पाश्च्युरीकृत किया जाता है और फिर नजदीकी अस्पतालों को दे दिया जाता है। sabhar: amarujala.com

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शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

17 साल की लड़की से 13 बार सेक्स नहीं: बर्लुस्कोनी

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इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने कम उम्र की नाइट क्लब डांसर के साथ सेक्स के लिए पैसा देने के आरोप से इनकार किया है. उन पर मिलान में मुकदमा चल रहा है जहाँ बर्लुस्कोनी ने कहा कि उनके घर पर कभी भी ' सेक्स से जुड़े' कोई आयोजन नहीं हुए. वह इस मुक़दमेकी सुनवाई में अचानक पहुँचे. बर्लुस्कोनी ने माना कि उनकी एक पार्टी में करीमा अल-महरूग नाम की वो लड़की आई थी. मगर साथ ही उन्होंने बताया कि जब उस लड़की से उसकी उम्र पूछी गई थी तो उसने अपनी उम्र 24 साल बताई थी और उसकी ये बात मान ली गई. अल-महरूग इस बात से इनकार करती रही हैं कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनीके साथ महज़ 17 साल की उम्र में सेक्स किया था, या वह एक वेश्या हैं. जबकि अभियोक्ताओं का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने अल-महरूग के साथ 13 बार सेक्स किया था. इटली में 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाने के लिए धन नहीं दिया जा सकता.




बर्लुस्कोनी 70 के

 
बर्लुस्कोनी पर आरोपहै कि उन्होंने रूबी नाम से जानी जाने वाली अल-महरूग के साथ तब सेक्स किया जब वह 17 साल की थीं और उसके लिए उन्हें पैसा भी दिया था. उस समय बर्लुस्कोनी ख़ुद 70 साल के थे. उन पर ये भी आरोप है कि उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उस लड़की को पुलिस की हिरासत से छुड़वाने में मदद की थी. मगर बर्लुस्कोनी ने कहा कि उन्होंने कभी भी मिलान पुलिस पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला. मोरक्को से आई अल-महरूग चोरी के एक आरोप में गिरफ़्तार हुई थीं. सेक्स पार्टियों से जुड़े मामले में बर्लुस्कोनी ने जिन 78 लोगों को गवाह बनाने के लिए सूची पेश की है उनमें रियाल मैड्रिड के फ़ुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो और हॉलीवुड स्टार जॉर्ज क्लूनी भी शामिल हैं. ये सभी बर्लुस्कोनी की एक पार्टी में मेहमान रह चुके हैं. वह कहते रहे हैं कि उन्होंने सभी के लिए डिनर का आयोजन किया था जिसमें सभी ने साथ में खाना खाया.

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अपनी काया से प्यार करें : ऑग्विलेरा

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गायिका क्रिस्टीना ऑग्विलेरा अपनी वर्तमान काया के लिए खासी लोकप्रियता हासिल कर चुकी हैं। वह कहती हैं कि वह खुद की काया के साथ सहज महसूस करती हैं और उम्मीद करती हैं कि उनका संघर्ष अन्य महिलाओं को भी सशक्त बनाएगा।
वेबसाइट ‘द सन डॉट को डॉट यूके’ के मुताबिक ऑग्विलेरा कहती हैं कि मैं हमेशा ऐसे व्यक्ति का समर्थन करती हूं, जिसमें इच्छाशक्ति हो और जो अपनी काया को लेकर सहज रहता हो।
उसके ये गुण उसे गले लगा लेने के लिए पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि अपनी काया से प्यार करना बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर एक महिला होने पर यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
महिलाओं की शारीरिक काया की काफी समीक्षा की जाती है। 31 वर्षीया ऑग्विलेरा कहती हैं कि उम्र बढ़ने के साथ यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप अपनी काया से प्यार करें।sabhar :bhaskar.com

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ये है सस्ता लेकिन इन बीमारियों का सबसे पक्का इलाज

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आयुर्वेद में अदरक बहुत उपयोगी माना गया है। अदरक पाचनतंत्र के लिए लाभकारी होता है। कब्ज और डायरिया जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है। इसीलिए भोजन में अदरक का प्रयोग किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं अदरक  के कुछ घरेलू प्रयोग जिनसे आप कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का इलाज कर सकते हैं...

-अपनी गर्म तासीर की वजह से अदरक हमेशा से सर्दी-जुकाम की बेहतरीन दवाई मानी गई है। अगर आपको सर्दी या जुकाम की प्रॉब्लम है, तो आप इसे चाय में उबालकर या फि र सीधे शहद के साथ ले सकते हैं। साथ ही, इससे हार्ट बर्न की परेशानी भी दूर करता है।

- रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ अदरक का एक टुकड़ा खाएं। इससे खूबसूरती बढ़ती है।

- अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना (छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें। इसे मुंह में रख कर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खांसी ठीक हो जाती है।

-बहुत कम लोग जानते हैं कि अदरक एक नेचरल पेन किलर है, इसलिए इसे आर्थराइटिस और दूसरी बीमारियों में उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

-अदरक कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है। दरअसल, यह कोलेस्ट्रॉल को बॉडी में एब्जॉर्व होने से रोकता है।

-कैंसर में भी अदरक बेहतरीन दवाई मानी गई है। खासतौर पर ओवेरियन कैंसर में यह काफी असरदार है।

-यह हमारे पाचन तंत्र को फिट रखता है और अपच दूर करता है।

-अदरक के इस्तेमाल से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।

-अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया भी मर जाते हैं
sabhar : bhaskar.com
 
 

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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा

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PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा
PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा

PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा
लंदन। उल्का पिंडों की वर्षा में पृथ्वी पर गिरे मंगल गह के एक छोटे से पत्थर के टुकड़े की अमेरिका में 1,60,000 पाउंड में नीलामी होगी। महज 3.5 इंच लंबा और 326 ग्राम वजनी यह टुकड़ा मंगल की सतह का हिस्सा है और लाखों साल पहले एक एस्ट्रॉयड (क्षुद्रग्रह) के प्रभाव के चलते वहां से छिटक गया। 
अंतरिक्ष में घूमते हुए यह टुकड़ा पिछले साल मोरक्को के रेगिस्तान में उल्का पिंडों की वर्षा के साथ जमीन पर गिरा। डेली मेल की खबर के अनुसार टिसिंट गांव में गिरे इस एस्ट्रॉयड को उल्का पिंडों को एकत्रित करने वाली एक अमेरिकी कंपनी ने इसे खरीद लिया और इस साल की शुरूआत में लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम को बेचे।
ऐसे अनेक टुकड़ों में इसे भी बेच दिया गया। संग्रहालय ने मंगल से गिरे टुकड़े को अपने पास रखा और अब इसे नीलामी के लिए रखा गया है। यह पत्थर आग्नेय चट्टान का हिस्सा है, जो ठोस रूप में बदले लावा से बना है।
गल की सतह पर बीते 6 अगस्त से मौजूद रोवर क्यूरियॉसिटी ने बहुत पनासा ने कहा कि इन चट्टानों के आकार और आकतियां इस धारा की गति और गहराई का अंदाजा देती हैं। क्यूरियॉसिटी विज्ञान के सह जांचकर्ता रेबेका विलियम्स ने कहा कि इनकी आकृतियां बताती हैं कि इन्हें यहां लाया गया है और इनका आकार बताता है कि इन्हें हवा यहां लेकर नहीं आई। ये यहां तक पानी के बहाव के साथ आए हैं। 

PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा



पहले तेजी से बहने वाली जलधारा के साथ बहकर वहां तक आई बजरी को खोज निकाला है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह पर कभी मौजूद रहे पानी का सबूत ढूंढ़ा था, लेकिन पहली बार उन्होंने धारा के साथ बहकर बनी बजरी की पूरी सतह खोजी है।
अभियान के वैज्ञानिक जॉन ग्रोतजिंगर ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि सतह से निकाला गया चट्टानी अंश ऐसा दिखता है, मानो किसी ने फुटपाथ की एक पट्टी पर हथौड़े मार-मारकर उसे बनाया हो। लेकिन यह वाकई किसी पुरानी धारा की बजरी की सतह का एक अंश है। क्यूरियॉसिटी की भेजी गई तस्वीरों में एक दूसरे से जुड़े हुए पत्थर चट्टानों की सतह के बीच मिले हैं। यह तस्वीर गेल नामक गड्ढे के उत्तरी भाग और शार्प नामक पर्वत के आधार के बीच मिला है। क्यूरियॉसिटी इसी दिशा में बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों का आकलन है कि पानी तीन फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से बह रहा था और उसकी गहराई टखने से कमर के बीच रही होगी। क्यूरियॉसिटी नामक यह रोवर मंगल की सतह पर जीवन की संभावना की तलाश के लिए 2 वर्षीय अभियान पर है। इसे यह भी पता लगाना है कि क्या कभी पूर्व में भी मंगल पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियां थीं।बिल्कुल पृथ्वी जैसी है चट्टान : क्यूरियॉसिटी से ली गई तस्वीर की तुलना पृथ्वी पर पानी के बहाव से बजरी बनी चट्टान से की गई है। दोनों में गोल बजरी दिखाई दे रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इतने भारी पत्थर के टुकड़े हवा से उड़कर एक से दूसरे स्थान तक नहीं पहुंच सकते। ऐसी स्थिति तभी बनती है जब पानी के दबाव से चट्टानों का निर्माण होता है। इन्हें सेडिमेंटरी रॉक कहते हैं। इसमें बजरी के कई स्तर होते हैं।नासा ने रद्द किया मलबा हटाने का मिशन : ह्यूस्टन त्न नासा ने कहा कि एक भारतीय रॉकेट और रूसी उपग्रह के अवशेष से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को कोई खतरा नहीं है। अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्विटर के जरिए कहा कि आईएसएस के प्रबंधकों ने फैसला किया है कि इन मलबों से आईएसएस को कोई खतरा नहीं है और अब मिशन की कोई जरूरत नहीं है। इससे पहले नासा ने कहा था कि वह अंतरिक्ष में मलबे पर नजर बनाए हुए है, जो आईएसएस से टकरा सकते हैं।क्‍यूरियोसिटी रोवर को मंगल पर कई जगहों (इस तस्‍वीर सहित) पर बहते पुराने झरनों के सबूत भी मिले हैं। नासा के वैज्ञानिकों की टीम ने इस तस्‍वीर में दिख रहे चट्टान का नाम 'Hottah' रखा है। कनाडा के उत्‍तर पश्चिम में इस नाम से एक झील है।
 PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा
साभार :भास्कर .कॉम
PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा
















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PHOTOS : 1.50 करोड़ रुपये में बिकेगा मंगल ग्रह का टुकड़ा

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भारत में इस साल कम रह सकता है खाद्यान्न उत्पादन: पवार÷

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने चालू वर्ष में देश में खाद्यान्न उत्पादन कम रहने के संकेत दिए हैं। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि भारत का खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2012.13 में पिछले वर्ष के 25 करोड़ 74.4 लाख टन के रिकार्ड उत्पादन से कम रहेगा लेकिन अनाज की उपलब्धता घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी।

आर्थिक संपादकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में अनुमानित गिरावट को चालू रबी सत्र के उत्पादन से पाटने की कोशिश करेगी। पवार ने कहा कि इस वर्ष उत्पादन निश्चित तौर पर पिछले वर्ष से कम रहेगा। पिछला वर्ष एक खास वर्ष था, हमारे यहां रिकार्ड उत्पादन हुआ। पवार से पूछा गया था कि फसल वर्ष 2012-13 (जुलाई से जून) में कुल खाद्यान्न उत्पादन कितना होगा। हालांकि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष देश के कुछ भागों में असमान और देर से आए मानसून के कारण उन्हें खाद्यान्न उत्पादन में बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं है।

पिछले महीने कृषि मंत्रालय ने कमजोर बरसात तथा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के 360 से भी अधिक तालुकों में सूखे की स्थिति के कारण खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 10 प्रतिशत घटकर 11 करोड़ 71.8 लाख टन रहने का अनुमान व्यक्त किया था। sabhar : bhaskar.com

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सोमवार, 23 जुलाई 2012

तंत्र ने सेक्‍स को स्प्रिचुअल बनाने का दुनिया में सबसे पहला प्रयास किया था

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OSHO SATSANG LIVE


तंत्र ने सेक्‍स को स्प्रिचुअल बनाने का दुनिया में सबसे पहला प्रयास किया था। खजुराहो में खड़े मंदिर, पुरी और कोणार्क के मंदिर सबूत है। कभी आप खजुराहो की मूर्तियों देखी। तो आपको दो बातें अदभुत अनुभव होंगी। पहली तो बात यह है कि नग्‍न मैथुन की प्रतिमाओं को देखकर भी आपको ऐसा नहीं लगेगा कि उन में जरा भी कुछ गंदा है। जरा भी कुछ अग्‍ली है। नग्‍न मैथुन की प्रतिमाओं को देख कर कहीं भी ऐसा नहीं लगेगा कि कुछ कुरूप है; कुछ गंदा है, कुछ बुरा है। बल्‍कि मैथुन की प्रतिमाओं को देखकर एक शांति, एक पवित्रता का अनुभव होगा जो बड़ी हैरानी की बात है। वे प्रतिमाएं आध्‍यात्‍मिक सेक्‍स को जिन लोगों ने अनुभव किया था, उन शिल्‍पियों से निर्मित करवाई गई है।
उन प्रतिमाओं के चेहरों पर……आप एक सेक्‍स से भरे हुए आदमी को देखें, उसकी आंखें देखें,उसका चेहरा देखें, वह घिनौना, घबराने वाला, कुरूप प्रतीत होगा। उसकी आंखों से एक झलक मिलती हुई मालूम होगी। जो घबराने वाली और डराने वाली होगी। प्‍यारे से प्‍यारे आदमी को, अपने निकटतम प्‍यारे से प्‍यारे व्‍यक्‍ति को भी स्‍त्री जब सेक्‍स से भरा हुआ पास आता हुआ देखती है तो उसे दुश्‍मन दिखाई पड़ता है, मित्र नहीं दिखाई पड़ता। प्‍यारी से प्‍यारी स्‍त्री को अगर कोई पुरूष अपने निकट सेक्‍स से भरा हुआ आता हुआ दिखाई देगा तो उसे आसे भीतर नरक दिखाई पड़ेगा, स्‍वर्ग नहीं दिखाई पड़ सकता।
लेकिन खजुराहो की प्रतिमाओं को देखें तो उनके चेहरे को देखकर ऐसा लगता है, जैसे बुद्ध का चेहरा हो, महावीर का चेहरा हो, मैथुन की प्रतिमाओं और मैथुन रत जोड़े के चेहरे पर जो भाव है, वे समाधि के है, और सारी प्रतिमाओं को देख लें और पीछे एक हल्‍की-सी शांति की झलक छूट जाएगी और कुछ भी नहीं। और एक आश्‍चर्य आपको अनुभव होगा।
आप सोचते होंगे कि नंगी तस्‍वीरें और मूर्तियां देखकर आपके भीतर कामुकता पैदा होगी,तो मैं आपसे कहता हूं, फिर आप देर न करें और सीधे खजुराहो चले जाएं। खजुराहो पृथ्‍वी पर इस समय अनूठी चीज है। अध्यात मिक जगत में उस से उत्‍तम इस समय हमारे पास और कोई धरोहर उस के मुकाबले नहीं बची है।
लेकिन हमारे कई निति शास्‍त्री पुरूषोतम दास टंडन और उनके कुछ साथी इस सुझाव के थे कि खजुराहो के मंदिर पर मिटटी छाप कर दीवालें बंद कर देनी चाहिए, क्‍योंकि उनको देखने से वासना पैदा हो सकती है। मैं हैरान हो गया।
खजुराहो के मंदिर जिन्‍होंने बनाए थे, उनका ख्‍याल यह था कि इन प्रतिमाओं को अगर कोई बैठकर घंटे भर देखे तो वासना से शून्‍य हो जाएगा। वे प्रतिमाएं आब्‍जेक्‍ट फार मेडि़टेशन रहीं हजारों वर्ष तक वे प्रतिमाएं ध्‍यान के लिए आब्‍जेक्‍ट का काम करती रही। जो लोग अति कामुक थ, उन्‍हें खजुराहो के मंदिर के पास भेजकर उन पर ध्‍यान करवाने के लिए कहा जाता था। कि तुम ध्‍यान करों—इन प्रतिमाओं को देखो और इनमें लीन हाँ जाओ।
अगर मैथुन की प्रतिमा को कोई घंटे भर तक शांत बैठ कर ध्‍यानमग्‍न होकर देखे तो उसके भीतर जो मैथुन करने का पागल भाव है, वह विलीन हो जाता है।
खजुराहो के मंदिर या कोणार्क और पुरी के मंदिर जैसे मंदिर सारे देश के गांव-गांव में होने चाहिए।
बाकी मंदिरों की कोई जरूरत नहीं है। वे बेवकूफी के सबूत है, उनमें कुछ नहीं है। उनमें न कोई वैज्ञानिकता है, न कोई अर्थ, न कोई प्रयोजन है। वे निपट गँवारी के सबूत है। लेकिन खजुराहो के मंदिर जरूर अर्थपूर्ण है।
जिस आदमी का भी मन सेक्‍स से बहुत भरा हो, वह जाकर इन पर ध्‍यान करे और वह हल्‍का लौटेगा शांत लोटेगा। तंत्रों ने जरूर सेक्‍स को आध्‍यात्‍मिक बनाने की कोशिश की थी। लेकिन इस मुल्‍क के नीति शास्त्री और मारल प्रीचर्स है उन दुष्‍टों ने उनकी बात को समाज तक पहुंचने नहीं दिया। वह मेरी बात भी पहुंचने देना नहीं चाहते है। मेरा चारों तरफ विरोध को कोई और कारण थोड़े ही है। लेकिन मैं न इन राजनितिगों से डरती हूं और न इन नीतिशास्‍त्रीयों से। जो सच है वो में कहता रहूंगा। उस की चाहे मुझे कुछ भी कीमत क्‍यों न चुकानी पड़े।
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ओशो द्वारा दिए गए विभिन्न अमृत प्रवचनों का संकलन.. shabhar :http://satsanglive.com

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