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सोमवार, 30 सितंबर 2013

ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

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ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

बाजार में तरह-तरह के फ्रूट जूस और हेल्थ ड्रिंक्स उपलब्ध हैं। लेकिन कौन-से फ्रूट जूस से सेहत को क्या फायदा पहुंचता है, इसकी ए टू जैड गाइडबुक तैयार की गई है। इनको दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
 
 
अगर आप रोजाना एक गिलास सेब का जूस पीते हैं, तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे और बीमारियां आपसे कोसों दूर रहती हैं। एक गिलास ताजा सेब का जूस आपको भरपूर मात्रा में विटामिन 'ए' और 'सी' देता है। ध्यान रहे कि जूस निकालते वक्त सेब छिलका नहीं उतारना ताकि आपको पूरा पोषण मिल सके। 

ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!
A : एपल (सेब) एपल जूस पीने से वजन तेजी से घटता है। कॉलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। सांस की समस्याओं से राहत मिलती है। डायबिटीज़ का खतरा टलता है। एपल जूस पीने से दिमाग भी तेज़ होता है। 
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!
B: बीट (चुकंदर)
 
मीठे और जड़ों वाले चुकंदर का बना जूस या चुकंदर को ऑरेन्ज जूस में डालकर पी सकते हैं। इस जूस को पीने से ब्लड प्रैशर कंट्रोल में रहता है।
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

C: सिलैन्ट्रो (हरा धनिया)
 
सिलैन्ट्रो को खरबूजे के साथ मिलाकर पी सकते हैं। सिलैन्ट्रो में डी-टॉक्सिफाइंग प्रॉपर्टीज होती हैं जो त्वचा के लिए बेहद लाभदायक हैं।
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D: डैंडीलियन ग्रीन्स (कुकरौंधा)
 
इसके पत्तों और जड़ों, दोनों का जूस बन सकता है। जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, इसका कड़वापन बढ़ने लगता है। इसलिए शहद डाल लें। इसे पीने से स्किन एलर्जी नहीं होती।
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E: ईपाजोट (मैक्सिको में मिलने वाले एक बूटी):
 
इसे जूस में डालने से स्वाद कुछ खट्टा हो जाता है। इसे रोज़ाना पीने से पेट और फेफड़ों की बीमारियों की आशंका कम हो जाती है।
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!
F: फैनल (सौंफ) ये खाने में मीठा होता है। खुशबू भी अच्छी होती है। इसे जूस में डालने से स्वाद बदल जाता है। फैनल में पत्ते ज्यादा होने से स्वाद में ज्यादा बदलाव आ जाता है।
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G: जिंजर (अदरक): इसे जूस में डालने से सूदिंग इफेक्ट मिलता है, लेकिन छील कर डालें। इसका सेवन करने से शरीर के लिए न्यूट्रियंट्स को एब्जॉर्ब करना आसान हो जाता है। इसे खाने से पेट की परेशानियां कम होती हैं।
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

H: हनीडच्यू मैलन (खरबूजे की किस्म) इसकी खुशबू फूलों जैसी होती है। इसे पीने से शरीर को ताकत मिलती है। इसमें विटामिन-सी और बी६, पोटैशियम, फाइबर अधिक मात्रा में होता है। इससे ब्लड-प्रेशर नहीं बढ़ता।
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I: इटेलियन स्वीट पैपर:
स्वीट पैपर जूस शरीर के लिए फायदेमंद है। कैंसर के पीड़ितों को स्वीट पैपर जूस पीना ही चाहिए। इसमें ३क् प्रकार के कैरेटनॉइड्स होते हैं। डायट में विटामिन-सी की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं तो ये परफेक्ट ऑप्शन है।
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J: हैलापीनो (तीखी या हरी मिर्च): इसके स्पेलिंग jalapeno होते हैं लेकिन उच्चरण हैलापीनो होता है। इसका जूस पीने से माइग्रेन की समस्या कम होने लगती है।
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K: कैल (एक तरह की गोभी): 
जूस में कैल की मात्रा 20 से 22 फीसदी ही डालें। इसका अर्दी फ्लेवर काफी तेज़ होता है। इसमें कैलोरी काफी कम और फाइबर ज्यादा होता है।

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L: लैमन (नींबू): इसमें विटामिन-सी की मात्रा सबसे ज्यादा होती हैं। इसे पीने से हर तरह की समस्याओं से राहत मिलती है।

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M: मिंट (पुदीना): पुदीना को जूस में डालकर पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है। दर्द से राहत मिलती है। एक्ने भी ठीक होते हैं।

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N: नस्टरशम (जलकुंभी, अमेरिकी पौधा): ये एक नेचुरल एंटीबायोटिक है। इसमें विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होती है। इसका जूस पीने से फ्लू और कोल्ड से राहत मिलती है। अधिक फायदे के लिए दिन में तीन-चार पत्ते खा लें।

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O: ऑरेन्ज (संतरा): 
रोज एक ग्लास ऑरेन्ज जूस पीने से कैंसर का खतरा टलता है। गुर्दे की बीमारियां नहीं होती हैं। हार्ट हेल्थ मजबूत होती है। कॉलेस्ट्र्ॉल लेवल कम होता है। 
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P; पाइनएपल (अननास): 
ये स्वीट फ्रूट है। जूस के लिए ऐसा अननास चुनें जो बाहर से सख्त और अंदर से थोड़ा नर्म हो। इसमें विटामिन और मिनरल की मात्रा ज्यादा होती है। इसे पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। 
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

Q: क्वेश्च प्लम (आलूबुखारा): इसका फ्लेवर खट्टा होता है। मध्यम आकार के प्लम में पोटेशियम की मात्रा 113 मिलिग्राम होती है। इससे गुर्दे की बीमारियां कम होती हैं। 
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R: रसबेरी: ये एक फ्रूट रिच डायट है। इसमें विटामिन-सी की मात्रा ज्यादा होने के कारण घाव जल्दी भरते हैं। इससे हॉरमोन्स का उत्पादन बढ़ता है। 
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

S: समर स्क्वैश: माइल्ड फ्लेवर होने के कारण इसे पीने में मजा आता है। इसमें विटामिन-ए, बी6 और सी, मैगनेशियम, फाइबर, फोलेट, रिबोफ्लेविन, फॉस्फोरस, मैग्नेशियम की मात्रा ज्यादा होने के कारण शरीर काबरेहाइड्रेट्स और ग्लूकोस को तेज़ी से प्रॉसेस करता है। 
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

T: टर्मरिक रूट (हल्दी की जड़) 
टर्मरिक रूट से जूस को पीला रंग होता है। हफ्ते में तीन बार टर्मरिक वाला जूस पीने से हड्डियों को मजबूती मिलती है। ये एक एंटी-ऑक्सीडेंट है। कैंसर के पीड़ितों के लिए फायदेमंद है।
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

U: अगली टोमैटो : इसमें विटामिन, मिनरल और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है। दिल की बीमारियां नहीं होती।
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

V: वियतनामी सिनमन (दालचीनी) ये पेट के लिए बेहद फायदेमंद है। जूस में इसे डालकर पीने से जुकाम और खांसी की आशंका काफी कम हो जाती है। 
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

W: वॉटरमैलन (तरबूज) ये सभी जूस में सबसे रिफ्रेशिंग ड्रिंक है। इसे रोज़ पीने से चेहरे पर चमक आती है। पेट की परेशानियां नहीं होती है।

ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!
X:एक्स फैक्टर जूस के टेस्ट और फ्लेवर को बदलने के लिए कामू-कामू और गोजी बेरीज जैसे सप्लीमेंट्स डालें। ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

Y: यम (जमीकंद) इसमें स्वीट पोटेटो की वेरायटी है। इसमें सिनमन और जिंजर डालने से तीखा और खट्टा टेस्ट आएगा। 
ये हैं A से Z तक सेहत के लिए फायदेमंद 26 फ्रूट और हेल्थ ड्रिंक्स!

Z: जूकीनी (तुरई जैसी एक सब्जी) अक्टूबर के महीने तक ज़ूकीनी का जूस पी सकते हैं। इसे पीने से कूल और रीफ्रेशिंग महसूस करते हैं। अगर कुछ अच्छा पीने का मन हो तो यही पीएं।  SABHAR : BHASKAR.COM





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रविवार, 29 सितंबर 2013

1 अक्टूबर के बाद अमेरिका के पास नहीं होगा खर्च के लिए पैसा

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1 अक्टूबर  के बाद अमेरिका के पास नहीं होगा खर्च के लिए पैसा

अमेरिकी सरकार के पास खर्च चलाने के लिए पैसा नहीं है। 1 अक्टूबर तक खर्च सीमा नहीं बढ़ी तो सारे सरकारी कार्यक्रम बंद हो जाएंगे। ऐसा 17  साल में पहली बार होगा। शनिवार रात अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेन्टेविव्स ने सरकार को ‘शटडाउन’ के और करीब ला दिया। सदन ने इमरजेंसी स्पेडिंग बिल के एक भाग के रूप में लाए गए राष्ट्रपति ओबामा के महत्वाकांक्षी हैल्थकेयर लॉ (ओबामाकेयर) को पास करने से इनकार कर दिया। सदन ने बिल को एक साल तक के लिए टाल दिया। 
 
एक साल के लिए टाला, कहा-संशोधन लाओ 
 
रिपब्लिक पार्टी के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेट्व्सि ने ‘ओबामाकेयर’ में संशोधन को 231-192 मतों से पास किया। ऐसी हालत में राष्ट्रपति ओबामा को अपने हैल्थकेयर बिल में संशोधन लाना होगा। अमेरिकी सरकार का मेडिकल डिवाइस टैक्स प्रस्ताव भी सदन में 248-174 मतों से गिर गया। 2010 में बनाए गए कानून के अनुसार इस टैक्स प्रस्ताव के जरिए हेल्थकेयर प्रोग्राम्स के लिए फंड जमा किया जाना था। 
 1 अक्टूबर  के बाद अमेरिका के पास नहीं होगा खर्च के लिए पैसा
अब क्या होगा 
 
सरकार के पास सिर्फ १ अक्टूबर तक का समय है। ऐसे में अब उसे और खर्च के लिए पैसा नहीं मिल सकेगा। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स की इस लड़ाई का असर आम अमेरिकी पर भी पड़ेगा। अगर सहमति नहीं बनी तो सरकारी कार्यक्रमों के लिए पैसा मिलना बंद हो जाएगा। 
 
हजारों नौकरियां दांव पर 
 
सबसे बड़ा असर फेडरल कर्मचारियों पर पड़ेगा। अमेरिकी सरकार के प्रशासनिक, नेशनल पार्क और म्यूजियम में काम कर रहे हजारों कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। 
 1 अक्टूबर  के बाद अमेरिका के पास नहीं होगा खर्च के लिए पैसा

१७ साल में ऐसा पहली बार होगा 
 
अमेरिका के इतिहास में ऐसी नौबत चार बार आ चुकी है। १९८१, १९८४, १९९० और १९९५-९६ के दौरान अमेरिका के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं बचा था। 
आखिरी गवर्नमेन्ट शटडाउन इससे पहले १६ दिसंबर १९९५ से ६ जनवरी १९९६ तक चला था। यह डेमोके्रट राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और हाउस के स्पीकर एन गिंगरिच (रिपब्लिकन) के बीच ‘बजट बैटल’ का नतीजा था। 
 
आखिरी शटडाउन का ऐसा था असर 
 
४ लाख मेडिक्लेम आवदेन नकार दिए गए 
 
८०,००० पासपोर्ट आवेदन स्वीकार नहीं किए गए 
 
२० लाख पर्यटकों को नेशनल पार्क और म्यूजियम के गेट्स से लौटा दिया गया, क्योंकि अंदर कर्मचारी नहीं थे। 
 
८०० मिलियन डॉलर का नुकसान टैक्स देने वाले अमेरिकियों को (४०० मिलियन डॉलर का नुकसान तो सिर्फ उन कर्मचारियों की वजह से हुआ, जिन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था, लेकिन उन्हें उन छु्ट्टियों का भुगतान किया गया था।
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फेसबुक पर छात्रा का अश्लील फोटो डाल बनाना चाहते थे शारीरिक संबंध, नहीं मिली राहत!

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फेसबुक पर छात्रा का अश्लील फोटो डाल बनाना चाहते थे शारीरिक संबंध, नहीं मिली राहत!

सासाराम। रोहतास के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उपेंद्र भूषण मिश्रा की अदालत ने छेड़खानी और ब्लैकमेलिंग के बहुचर्चित अलीगंज कांड के मुख्य आरोपी सहित दो युवकों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। ये युवक मनीष कुमार के साथ उसके ज्योति प्रकाश ने सुर्यपूरा थाना के अलीगंज गांव की एक छात्रा की अश्लील तस्वीर बनाकर फेसबुक पर लोड किया था। यह फेसबुक लव कुमार के नाम से बनाया गया था। 
 
इसके आधार पर इन युवकों ने छात्रा के साथ ब्लैकमेल करते हुए शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया था। इसके अलावे कॉलेज पढ़ने आने-जाने के क्रम में उसके साथ छेड़खानी भी करते थे। इसी से संबंधित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उसे खारिज कर दी। बताते चलें कि बिक्रमगंज अनुमंडल का यह बहुत चर्चित मामला वर्ष 2012 में सुर्खियों में रहा था, जिसमें मुख्य आरोपी को एक दबंग जनप्रतिनिधि का समर्थन भी प्राप्त था। इस प्रभाव में पुलिस ने गिरफ्तारी नही की थी। बाद में विरोधी दलों के दबाव और आंदोलन के फलस्वरूप पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी मनीष को गिरफ्तार किया गया।
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दिल की बीमारी से बचाएगा सरसों का तेल

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नयी दिल्ली : खाने में सरसों तेल का इस्तेमाल स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है और दिल की बीमारी के जोखिम को 70 प्रतिशत कम कर सकता है. एक सरसों प्रोत्साहक इकाई ने यह जानकारी दी है.
सरसों शोध एवं संवर्धन कन्सोर्टियम (एमआरपीसी) के अनुसार सरसों का तेल दिल की बीमारी के जोखिम को कम करता है और संतुलित आवश्यक फैटी एसिड अनुपात से जीवन की गुणवत्ता बढ़ता है. एमआरपीसी एक सहायतार्थ सरकार के द्वारा मान्यताप्राप्त शोध संगठन है जिसका ध्येय भारत में सरसों फसल की उपज में सुधार लाना है.
एमआरपीसी ने एक बयान में कहा, हम भारतीयों को सरसों तेल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके वैश्विक हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाना चाहेंगे क्योंकि यह स्वास्थ्य में सुधार लाने और हृदयरोग के जोखिम को 70 प्रतिशत कम करने में मदद कर सकता है जैसा कि जर्नल ऑफ प्रिवेन्टिव कार्डियोलॉजी के अध्ययन में कहा गया है.

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दोस्ती को किया शर्मसार, 22 वर्षीय फैशन डिजाइनिंग छात्रा के साथ किया बलात्कार

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नयी दिल्ली : महिलाओं की सुरक्षा की मांग सारा समाज कर रहा है, पर अभी तक उनकी इज्जत और आबरू का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में तो महिलाओं की सुरक्षा को ताख पर रख दिया गया है.
दक्षिण दिल्ली के सफदरजंग इलाके के एक होटल में कथित तौर पर 22 वर्षीय फैशन डिजाइनिंग छात्रा के साथ बलात्कार करने के आरोप में उसके इंजीनियर दोस्त को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने बताया कि आरोपी वैभव जैन (27) को बीती रात करोलबाग स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार लड़की कथित तौर पर वैभव जैन के साथ शुक्रवार को नेहरू प्लेस गयी थी, जहां आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशे की दवा मिलाकर पिला दी. आरोपी उसे होटल ले गया और उसके साथ बलात्कार किया.
पुलिस ने बताया, ‘मामला दर्ज करने और पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.’ आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. sabhar :http://www.prabhatkhabar.com

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बिजनेस @ इंटरनेट

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पिछले दिनों खबर आयी कि चीन की इंटरनेट आधारित कंपनी टेनसेंट ने कमाई के मामले में दुनिया की टॉप सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक की बराबरी कर ली है. दरअसल तकनीक की दुनिया ने आज व्यापार के पारंपरिक तौर-तरीकों को पीछे छोड़ दिया है और अब पूंजी तथा कच्च माल के बिना भी अरबों-खरबों का कारोबार हो रहा है. टेनसेंट के सफर और इंटरनेट बिजनेस की दुनिया पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज.
।।अमित द्विवेदी।।
तकनीक की आंधी में व्यापार की दुनिया भी आज इस तरह से बदल गयी है, जिसका अंदाजा शायद कुछ दशक पहले तक किसी ने नहीं लगाया होगा. पहले किसी भी तरह के नये कारोबार को शुरू करने के लिए जमीन से लेकर उसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में बड़ी रकम खर्च करने के अलावा कई सरकारी एजेंसियों से एनओसी (नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) हासिल करना पड़ता था. ऐसे उद्यम या व्यवसाय की स्थापना के साथ ही उसकी संचालन लागत भी बहुत ज्यादा होती है. कारोबारी एक-एक पैसा जोड़ कर अपना कारोबार जमाते हैं, तब जाकर कई वर्षो के बाद उसे एक बड़े बिजनेस के रूप में सेट कर पाते हैं. लेकिन अब नये जमाने में यदि आपके पास बहुत पूंजी नहीं है, लेकिन आप आइडिया के धनी हैं, तो फिर महज कुछ वर्षो में ही अपना कारोबार बहुत ही बड़ा बना सकते हैं. खासकर सेवा क्षेत्र में तो कई कंपनियों ने अच्छा खासा नाम कमाया है. कंप्यूटर और इंटरनेट के कारोबार से जुड़ी कंपनियों ने तो दिन-दोगुना रात-चौगुना वाली वृद्धि दर को हासिल करते हुए दुनिया को चौंका दिया है.
इंटरनेट का कारोबार
उदाहरण के तौर पर बात करें, तो अमेरिका के एक कॉलेज में पढ़नेवाले एक 19 वर्षीय छात्र (मार्क जूकरबर्ग) ने अपने चार दोस्तों के साथ मिल कर एक वेबसाइट डिजाइन की. उन्होंने इस कांसेप्ट को एक साकार रूप देते हुए 4 फरवरी, 2004 को फेसबुक डॉट काम नाम से एक सोशल नेटवर्किग वेबसाइट लांच की. आज दुनिया की यह सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किग वेबसाइट बन गयी है. तकरीबन 1.15 अरब उपभोक्ताओं वाली इस सोशल नेटवर्किग वेबसाइट को चीन की वेबसाइट टीसेंट ने कड़ी चुनौती दी है और 100 अरब डॉलर के कारोबार को पार कर लिया है.
इसी कड़ी में हम आपको कुछ ऐसी ही वेबसाइटों से रूबरू करवा रहे हैं, जिन्होंने इंटरनेट के कारोबार के मामले में दुनिया की कई बड़ी कंपनियों को मात दी है.
टेनसेंट डॉट कॉम
टेनसेंट को चीन में इंटरनेट की उपयोगिता को ज्यादा कारगर बनानेवाली कंपनी माना जाता है. हाल ही में यह कंपनी तब चरचा का विषय बनी, जब कमाई के मामले में इसने दुनिया की टॉप सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक की बराबरी कर ली.
टेनसेंट होल्डिंग लिमिटेड नाम की यह कंपनी चीन की इनवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी है. यह कंपनी सोशल नेटवर्क, वेबपोर्टल, ई-कॉमर्स और मल्टीप्लेयर ऑनलाइन गेम में बड़े पैमाने पर अपना कारोबार कर रही है. इसकी स्थापना 1998 में की गयी थी और इसका हेडक्वार्टर चीन में गुआंगडोंग के शेंङोन में है. कंपनी के संस्थापक हैं मा हुआटेंग.
मार्च, 2013 में टाइम मैगजीन में छपी खबर में, मा को चीन का  चौथा व दुनिया का 223वां सबसे धनी व्यक्ति बताया गया. इनकी व्यक्तिगत पूंजी 5.1 अरब अमेरिकी डॉलर बतायी गयी. मा बचपन से ही काफी चंचल थे, लेकिन रचनात्मकता उनके हर काम में दिखती थी. टेनसेंट को शुरू करने का ख्याल एक दिन उन्हें अपने दोस्तों से बातचीत के दौरान आया और उन्होंने इसे साकार करने की ठानी.
टेनसेंट के उत्पाद
टेनसेंट के प्रमुख उत्पादों में टेनसेंट क्यू क्यू है जो कि इंस्टेंट मैसेजिंग सॉफ्टवेयर के रूप में काफी लोकप्रिय है. इसका एप्लीकेशन एंड्रोएड, आइओएस, लाइनक्स, मैक, ओएसएक्स, विंडोज, विंडोज फोन, विंडोज मोबाइल सीइ, सिंबियन, जावा एमइ, वेब एप्प जैसे प्लेटफॉर्म को सपोर्ट करता है. यह चाइनीज, अंगरेजी, फ्रेंच और जापानी जैसी भाषाओं में उपलब्ध है. इसके अलावा क्यूक्यू डॉट कॉम चीन का सबसे बड़ा पोर्टल है.
साथ ही, टेनसेंट होल्डिंग द्वारा विकसित किये गये वी चैट ने स्मार्टफोन की दुनिया में तहलका मचा रखा है. वी चैट व्हाट्स एप्प जैसा ही एप्लीकेशन है, जिस पर मोबाइल के जरिये कोई भी अपने दोस्तों से मुफ्त में बात कर सकता है. इसे पहली बार चीन में जनवरी, 2011 में लांच किया गया. यह एप्लीकेशन एंड्रॉयड, आइफोन, ब्लैकबेरी, विंडोजफोन और सिंबियन के प्लेटफॉर्म पर काम करता है. यह मोबाइल एप्लीकेशन चाइनीज, अंगरेजी, इंडोनेशियन, स्पेनिश, पुर्तगीज, तुर्की, मलय, जापानी, कोरियाइ, पॉलिश, इटैलियन, थाई, वियतनामी, हिंदी और रूसी भाषाओं में भी अपनी सेवाएं देता है.
शेयर बाजार में कदम
टेनसेंट होल्डिंग लिमिटेड 16 जून, 2004 को हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर हुई.  2010 में एक ऐसा मौका आया जब यह कंपनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी बन गयी थी. इससे बड़ी सिर्फ गूगल और अमेजन जैसी कंपनियां ही थीं. इस कंपनी का कुल कारोबार उस समय 38 बिलियन यूएस डॉलर था, जो अब 101 बिलियन डॉलर हो चुका है. कंपनी का कारोबार पब्लिक इशू निकालने के महज नौ वर्षो में ही इस मुकाम तक पहुंच गया. कंपनी में कुल 24,160 कर्मचारी हैं. 8 सितंबर, 2013 को इसकी एलेक्सा रैंकिंग नंबर एक तक पहुंच गयी थी. इसमें  उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सोशल गेम्स, म्यूजिक, शॉपिंग, माइक्रोब्लॉगिंग, ग्रुप व वाइस चैट की सुविधा है. 20 मार्च, 2013 तक इसके पास 798.2 मिलियन एक्टिव क्यू क्यू एकाउंट थे.
 जानें दुनिया की कुछ शीर्ष इंटरनेट कंपनियों के बारे में

गूगल
नेसडैक में रजिस्टर गूगल की शुरुआत सितंबर, 1998 में हुई थी. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब लोग खोज शब्द के पर्याय के रूप में गूगल का प्रयोग करने लगे हैं. गूगल की स्थापना स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करनेवाले दो छात्रों- लैरी पेज और सर्जरी बिन ने की थी. गूगल के पास पूरी दुनिया में इस समय 44,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और इसकी कुल आय 50.18 अरब डॉलर है. गूगल ने सर्च इंजन के अलावा अपना विस्तार करते हुए ब्लॉगिंग, सोशल नेटवर्किग, इमेल जैसी सुविधाओं को सफलतापूर्वक लांच करते हुए इस कारोबार में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली. जीमेल, गूगल प्लस, यूट्यूब, मोटरोला मोबिलिटी, एडमॉब, डबलक्लिक, ऑन2 टेक्नोलॉजीज, पिकनिक, जगत और वेज जैसे ढेरों उत्पाद इसके पास हैं.
फेसबुक
फरवरी, 2004 में शुरू हुई यह सुविधा फिलहाल तकरीबन 70 भाषाओं में उपलब्ध है. इस बेबसाइट के संचालन में 5,000 से ज्यादा कर्मचारी जुटे हुए हैं. इसका मुख्यालय अमेरिका में कैलीफोर्निया के मेनलो पार्क में है. मार्क एलियट जूकरबर्ग (फेसबुक के चेयरमैन और सीइओ) ने 19 वर्ष की उम्र में अपने चार दोस्तों के साथ मिल कर की. मार्च, 2013 तक 1.15 बिलियन उपभोक्ताओं के साथ फेसबुक सबसे अधिक प्रयोग की जानेवाली सोशल नेटवर्किग वेबसाइट बन गयी. नेसडैक में रजिस्टर्ड यह कंपनी 2012 तक 53 मिलियन डॉलर की कमाई कर चुकी थी. इसका सालाना राजस्व 5.1 अरब  डॉलर है.
याहू
इसकी शुरुआत भी अमेरिका से ही हुई. कैलीफोर्निया के सनीवाले में जैरी यांग और डेविड फिलो ने इसकी नींव रखी थी. एक समय ऐसा भी आया था, जब याहू गूगल से काफी आगे निकल चुका था और याहू का सर्च इंजन ज्यादा मशहूर हो गया था. पूरी दुनिया में इसके 11,500 कर्मचारी हैं. इसकी सालाना आमदनी लगभग 4.98 अरब डॉलर है.
अमेजन
अमेजन ऑनलाइन रिटेलिंग के मामले में प्रख्यात कंपनी है. इसकी नींव जेफ बेजोस ने 1994 में रखी थी. सालाना 61.09 अरब यूएस डॉलर का कारोबार करनेवाली इस कंपनी के पास ढेरों उत्पाद हैं, जैसे- ए2 जेड डेवलपमेंट, ए9 डॉट कॉम, एलेक्सा इंटरनेट, अमेजन डॉट कॉम, अमेजन किंडले, अमेजन स्टूडियोज, अमेजन वेब सर्विसेस, ऑडिबल डॉट कॉम, डिप्रिव्यू डॉट कॉम, एंडलेस डॉट कॉम, आइएम वीडी, लव फिल्म, द बुक डिपॉजिटरी, जैपोस डॉट कॉम, वूट, जंगली डॉट कॉम, गुडरीड्स डॉट कॉम, माइ हैबिट डॉट कॉम और आस्क विले डॉट कॉम जैसे प्रख्यात इंटरनेट उत्पाद हैं.
ट्विटर
अपनी अभिव्यक्तियों को फुसफुसाहट के रूप में बयां करने का तरीका जैक डोर्सी ने दिया. 21 मार्च, 2006 को ट्विटर की नींव रखी गयी और जुलाई, 2006 में पहले ट्विट के साथ यह शब्द दुनियाभर में विख्यात हो गया. फरवरी, 2013 तक इसके यूजर की संख्या 20 करोड़ पार कर चुकी थी. इस पर केवल दो तरह की सुविधा है. आप किसी को फॉलो कर सकते हैं या फिर कोई आपको फॉलो कर सकता है. अगर कोई चाहे तो आपके ट्विट का जवाब दे सकता है या फिर उसे रीट्विट कर सकता है. मौजूदा समय में इसके माध्यम से देश-दुनिया की बड़ी हस्तियों को लाखों की संख्या में लोग फॉलो करते हैं. हालांकि, फॉलोअर के मामले में टॉप 100 की सूची में एक भी भारतीय नहीं है, फिर भी अमिताभ बच्चन 60 लाख फॉलोअरों के साथ दुनिया में 129वें नंबर पर हैं. इस वेबसाइट को दुनियाभर में इसके 900 कर्मचारी चला रहे हैं और इसका सालाना राजस्व 140 मिलियन  डॉलर है.
इंटरनेट कारोबार के महारथी
लैरी पेज
लैरी और सर्जरी ब्रिन गूगल के सह-संस्थापकों में से एक हैं. लैरी का नाम दुनिया के शीर्ष इंटरनेट कारोबारियों में सबसे ऊपर है. गूगल के प्रोजेक्ट के तहत पूरी दुनिया की जानकारी एक जगह मुहैया कराने की कोशिश जब उन्होंने शुरू की थी, तो उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा हो जायेगा. उन्होंने अपने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कुछ छात्रों को साथ में लेकर की थी. गूगल सर्च पूरी तरह से मुफ्त है, फिर भी यह दो एड प्रोग्राम- एडवर्ड और एडसेंस के जरिये सालाना 12 बिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार करती है. वर्तमान में गूगल के सीइओ लैरी पेज के पास 24.9 बिलियन पूंजी है, जबकि वे कंपनी से महज एक डॉलर का मासिक वेतन लेते हैं.
सर्जरी ब्रिन
सर्जरी ब्रिन बचपन से ही बेहद प्रतिभाशाली छात्रों में से एक थे. इनके माता-पिता रूस को छोड़ कर अमेरिका में जा बसे थे. उन्होंने कंप्यूटर के बारे में बहुत-सी जानकारियां इकट्ठी  की और गणित के आंकड़ों को सुलझाने में वे माहिर थे.  कैलीफोर्निया के लॉस एल्टोस में रहनेवाले ब्रिन की कुल पूंजी 24.4 बिलियन डॉलर है. गूगल के विकास में लैरी के साथ सर्जरी ने भी बड़ी भूमिका निभायी थी.
जेफ बेजोस
अमेजन डॉट कॉम के प्रमुख जेफ्री पेस्ट्रन जोर्गेन्सन उर्फ जेफ बेजोस ने इसकी स्थापना 1994 में की थी. अभी वे 27.2 अरब डॉलर के मालिक हैं. दुनिया की टॉप टेन वेबसाइटों में से एक अमेजन डॉट कॉम इंटरनेट ऑनलाइन रिटेलिंग में कारोबार करती है. इसका राजस्व वर्ष 2012 में 61.09 अरब डॉलर था. इस कारोबारी ने हाल ही में दुनियाभर में प्रख्यात ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ अखबार को खरीदा है.
एरिक सचमिड
गूगल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में स्थापित एरिक 8.2 अरब डॉलर के मालिक हैं. इनका वेतन 1.25 मिलियन डॉलर है. 27 अप्रैल, 1955 को वॉशिंगटन में जन्मे एरिक राष्ट्रपति ओबामा को तकनीकी सलाहकार के रूप में भी सेवाएं देते हैं.
पिएरे ओमिदयार
21 जून, 1967 को फ्रांस के पेरिस में जन्मे पिएरे मोराद ओमिदियार ईबे के मालिक हैं. पिएरे 8.7 अरब डॉलर के मालिक हैं. ईबे एक ऑक्शन वेबसाइट है. सितंबर, 1995 में उन्होंने इसे शुरू किया था. कंपनी की वार्षिक आमदनी 14.07 अरब डॉलर है. सितंबर, 2013 में वेबसाइट की एलेक्सा रैंकिंग 21वीं आंकी गयी.

भारतीय इंटरनेट कारोबारी
इंटरनेट पर कारोबार के मामले में भारतीय कारोबारी भले ही टॉप टेन में न हों, फिर भी इंटरनेट के कारोबार में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जानते हैं कुछ प्रमुख भारतीय कारोबारियों के बारे में, जो इंटरनेट से जुड़े कारोबार के जरिये बड़ी कंपनियों को चुनौती दे रहे हैं.
-संजीव बिखचंदानी : नौकरी डॉट कॉम के संस्थापक संजीव बिखचंदानी आज भारत के शीर्ष इंटरनेट कारोबारियों में गिने जाते हैं. संजीव ने 1997 में इंफो एज लिमिटेड के रूप में इसकी स्थापना की थी. इस वेबसाइट पर ढाई करोड़ से ज्यादा लोग नौकरी के लिए रजिस्टर हैं.
-वीएसएस मणि : एक किराये के मकान से महज 50,000 रुपये में अपना कारोबार शुरू करनेवाले ‘जस्ट डायल’ कंपनी के मालिक वीएसएस मणि ने 1997 में इस कारोबार की नींव रखी थी. आज यह कंपनी 470 मिलियन रुपये की हो गयी है.
-सचिन बंसल और बिनी बंसल : फ्लिपकार्ट डॉट कॉम के मालिक सचिन बंसल और बिनी बंसल ने इसकी 2007 में इसकी शुरुआत की थी. महज छह साल में ही इसका कारोबार 500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. भारत में इसके 4,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं. यह एक ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनी है.
-अजीत बालाकृष्णन : रेडिफ मेल डॉट कॉम के मालिक अजीत ने इस कंपनी की शुरुआत 1995 में की थी. उन्होंने इस कंपनी में दो करोड़ रुपये का निवेश किया था. वर्ष 2001 में यह कंपनी नेसडैक में रजिस्टर हुई थी.

-दीप कालरा : अप्रैल, 2000 में दीप ने ‘मेक माई ट्रिप’ नाम से ऑनलाइन पोर्टल चालू किया. न्यूयॉर्क और सेन फ्रांसिस्को समेत भारत के तकरीबन 20 शहरों में इसके कार्यालय हैं. मौजूदा समय में भारत में बुक होनेवाले 12 टिकटों में से एक टिकट इस पोर्टल से बुक होता है. sabhar :http://www.prabhatkhabar.com

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बेनजीर भुट्टो की विदेशी हवेली में अब हर वीकेंड चलती हैं सेक्स पार्टियां

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बेनजीर भुट्टो की विदेशी हवेली में अब हर वीकेंड चलती हैं सेक्स पार्टियां

1995 में बेनजीर भुट्टो और उनके पति आसिफ अली जरदारी द्वारा खरीदे गए विटले गांव के रॉकवुड हाउस की रातें आजकल रंगीन रहती हैं। 365 एकड़ में फैली इस हवेली को आजकल सेक्स और रेव पार्टियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि भुट्टो परिवार ने यह हवेली 2004 में 4 मिलियन पाउंड में बेच दी थी। दिसंबर 2007 में एक चुनावी रैली में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हैरत की बात यह है कि आज जहां सेक्स पार्टियों का आयोजन किया जा रहा है, वहां कभी दुनिया के बड़े नेता भुट्टो के साथ गंभीर मसलों पर चर्चा करते थे।

रॉकवुड हाउस के नाम से मशहूर 15 बेडरूम वाली यह शानदार हवेली बेनजीर भुट्टो और उनके पति आसिफ अली जरदारी ने 1995 में खरीदी थी। रॉकवुड हाउस में होने वाली इन गतिविधियों का खुलासा तब हुआ, जब इसके मालिक ने इसे बेचने की इच्छा जाहिर की। वेबसाइट पर दिए गए विज्ञापन में इन सीक्रेट वीकेंड इवेंट्स का खुलासा हुआ है।

भुट्टो के बेचने के बाद हवेली के मालिक ने इसे सेक्स पार्टियों के लिए किराए पर देना शुरू कर दिया। यह जगह वाइफ स्वैपिंग और इरोटिक डांस चाहने वालों की पहली पसंद बन चुका है। 'लिटिल लायसन्स' कंपनी द्वारा  आयोजित की जाने वाली पार्टियों में हर हफ्ते के अंत में जोड़े 450 पाउंड की फीस चुकाकर एंट्री कर सकते हैं। पिछले महीने ही यहां दो दिन का 'मिनी फेस्टिवल ऑफ सिन' आयोजित किया गया था, जिसमें शामिल मेहमानों को एक हफ्ते पहले पार्टी की सूचना दी गई थी।
बेनजीर भुट्टो की विदेशी हवेली में अब हर वीकेंड चलती हैं सेक्स पार्टियां

दो दिन के 'मिनी फेस्टिवल ऑफ सिन' के शेड्यूल में नेकेड टेनिस, सेक्स इन पूल, नॉटी वॉक्स, बोन फायर के पास ओपन एयर सेक्स, हॉट टब सेक्स और फोरेस्ट सेक्स शामिल थे। इस जैसी कई सीक्रेट पार्टियां यहां हर वीकेंड में आयोजित की जाती हैं, जिनमें आने वाले मेहमानों की पहचान गुप्त रखी जाती है।
बेनजीर भुट्टो की विदेशी हवेली में अब हर वीकेंड चलती हैं सेक्स पार्टियां

नाम न छापने की शर्त पर हवेली के टेनेंट ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया, "यह किसी तरह का वेन्यू नहीं है। यह एक प्राइवेट घर है, जहां मैं अक्सर पार्टियों का आयोजन करता रहता हूं। ये पार्टियां केवल खुले विचारों वाले लोगों के लिए होती हैं। यहां आयोजित ज्यादातर इवेंट्स म्यूजिकल पार्टियां और चैरिटी इवेंट थीं। हां, यहां मैंने कुछ सेक्शुअल पार्टियां भी आयोजित की थीं, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि लोगों को इसमें दिक्कत क्या है।
बेनजीर भुट्टो की विदेशी हवेली में अब हर वीकेंड चलती हैं सेक्स पार्टियां
उन्होंने बताया, "यहां जो भी इवेंट हुए, वो सभी कानून और प्रशासन की अनुमति के बाद ही आयोजित किए गए। सेक्शुएलिटी से जुड़े रहने में शर्म कैसी? ये हैप्पी इवेंट्स हैं, वैसी वाहियात पार्टियां नहीं, जो दुनिया भर में आयोजित की जाती हैं।"
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भारतवंशी वैज्ञानिक ने तैयार किया रोबोट का 'दिमाग', हवा में ही रिपेयर कर देगा हवाई जहाज

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भारतवंशी वैज्ञानिक ने तैयार किया रोबोट का 'दिमाग',  हवा में ही रिपेयर कर देगा हवाई जहाज

वॉशिंगटन. क्‍या रोबोट इंसान की तरह सोच सकते हैं, क्‍या बिना किसी की निगरानी के इनका प्रयोग संभव है? क्‍या रोबोट के भीतर इंसान के जैसी चेतना भरी जा सकती है? पिछले कई सालों से ये सवाल खड़े थे, लेकिन अब एक नई राह दिखी है और यह कारनामा किया है कि भारतीय मूल के ही एक वैज्ञानिक ने। इसकी मदद से रोबोट हवा में ही हवाई जहाज ठीक कर देंगे और जरूरत पड़ी तो पलक झपकते ही इमरजेंसी लैंडिंग भी करा देंगे। अमेरिका की मिसुरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी से जुड़े भारतीय मूल के डा. जगन्नाथन सारंगपाणि ने रोबोट का 'दिमाग' तैयार किया है।
 
वैज्ञानिक भाषा में इसे 'फीडबैक सिस्टम' कहते हैं, इसके माध्‍यम से रोबोट और ज्‍यादा भरोसेमंद हो जाएंगे और इनकी निगरानी रखने की जरूरत बेहद कम हो जाएगी। नए 'फीडबैक सिस्‍टम' की मदद से रोबोट इतना सक्षम हो जाएगा कि उसे अपनी जिम्‍मेदारी का खुद-ब-खुद एहसास रहेगा और बिना किसी परेशानी के वह अपना काम कर सकेगा। इतना ही नहीं, नई खोज से भविष्य में रोबोट अपने लिए खुद सोच सकता है, सीख सकता है और बहुत सी बातें ग्रहण भी कर सकेगा यानी रोबोट के भीतर अब चेतना भरने की तैयारी हो चुकी है। भारतीय मूल के वैज्ञानिक की यह नई प्रणाली रोबोटिक क्रांति को अगले स्तर पर ले जाएगी। 
भारतवंशी वैज्ञानिक ने तैयार किया रोबोट का 'दिमाग',  हवा में ही रिपेयर कर देगा हवाई जहाज
इंसान की तरह सोचेगा रोबोट 
 
भारतीय मूल के डॉक्‍टर जगन्नाथन सारंगपाणि के इस नए 'फीडबैक सिस्‍टम' की मदद से रोबोट सौंपे गए कार्य को दक्षता से पूरा करेगा। इस नए 'फीडबैक सिस्टम' से यह संभव होगा कि यदि लीडर रोबोट का सिस्टम या मशीन ठप हो जाती है, तो उसके पीछे आ रहा रोबोट उस लीडर रोबोट की भूमिका किसी इंसान की तरह खुद ही ग्रहण कर लेगा। इसमें यदि लीडर रोबोट में कोई समस्या आ जाती है तो 'फीडबैक सिस्‍टम' अपने आप सक्रिय हो जाएगा। 
भारतवंशी वैज्ञानिक ने तैयार किया रोबोट का 'दिमाग',  हवा में ही रिपेयर कर देगा हवाई जहाज

भारतवंशी वैज्ञानिक ने अपने डिजाइन की खासियत  
 
इस नए डिजाइन को तैयार करने वाले भारतवंशी वैज्ञानिक सारंगपाणि ने कहा, ‘कल्पना कीजिए कि दूर-दूर कार्यरत 10 बुल्‍डोजरों को नियंत्रित करने के लिए कार्यालय में आपके पास सिर्फ आपरेटर है। इस प्रक्रिया में यदि एक बुलडोजर में तकनीकी खराबी आ जाती है तो हार्डवेयर यह सुनिश्चित करेगा कि काम जारी रहे।’ इस नए शोध को रोबोटिक सुरक्षा प्रणाली, खनन और यहां तक कि हवाई निगरानी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सारंगपाणि का मानना है कि यह शोध सबसे अधिक हवाई वाहनों के लिए महत्वपूर्ण है। यदि उड़ान के दौरान कोई हेलिकाप्टर किसी तकनीकी समस्या का शिकार हो जाता है तो समस्या का तुरंत पता लगाकर उसे ठीक करना संभव होगा। इसका मतलब यह है कि बड़ी तकनीकी समस्या के कारण किसी भयंकर हवाई हादसे के बजाय, यह नया सिस्टम हवाई जहाज को आपातस्थिति में उतारने में सक्षम बनाएगा।   sabhar : bhaskar.com

 

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अब जल्द बड़े होंगे पेड़

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Tree
रांची। 20 साल में पूर्ण रूप से विकसित होने वाला सागवान अब महज 10 सालों में ही तैयार हो जाएगा। प्राकृतिक रूप से बढ़ने वाले पेड़ों को समय से पूर्व विकसित करने की तकनीक झारखंड के वन विभाग ने इजाद की है। इस तकनीक को रूट ट्रेनर का नाम दिया गया है। वन विभाग की नर्सरी में सागवान के अलावा शीशम, गम्हार, आंवला और एकेसिया पर इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है। इससे पेड़ लगाने वाले किसानों को बहुत बड़ा फायदा होगा। अब वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है रूट ट्रेनर
रूट ट्रेनर काले रंग के प्लास्टिक की कड़ी टैपरिंगवाली ग्लासनुमा संरचना है। जो एक भी हो सकती है और ट्रे नुमा फ्रेम में समान दूरी पर ढली हुई भी। प्रत्येक संरचना में नीचे की ओर छिद्र होते हैं। इन्हें जमीन से ऊपर स्टैंड पर रखा जाता है।
कैसे कार्य करता है रूट ट्रेनर
आम तौर पर पौधों की तैयारी पॉलिथीन बैग में की जाती है। पॉली बैग में पौधों की तैयारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसमें पौधों की जड़ें घुमावदार हो जाती है। इससे उनकी उत्तरजीवता पर खराब प्रभाव पड़ा है। रूट ट्रेनर में ऐसा नहीं होता। पौधे की मूसला जड़ जब विकसित होकर रूट ट्रेनर के पेंदे पर स्थित छिद्र के पास पहुंचती है तो रूट ट्रेनर के जमीन के ऊपर स्टैंड पर रखे होने के कारण हवा के संपर्क में आती हैं। इससे मूसला जड़ों की वृद्धि स्वाभाविक रूप से रूक जाती है। ऐसा होने से मूसला जड़ में घुमाव की समस्या खत्म हो जाती है और उसमें प्रतिस्थानी जड़ें विकसित होने लगती हैं। 60 से 90 दिनों में रूट ट्रेनर में तैयार पौधों को जमीन में गढ्डा कर रोपा जा सकता है। बंजर भूमि में कारगर साबित हो सकती है यह तकनीक : झारखंड के कुल भू-भाग 79.14 हजार वर्ग किमी की 20 प्रतिशत भूमि बंजर है। हालांकि वन भूमि के लिहाज से झारखंड काफी समृद्ध है। यहां 29 फीसद भू-भाग में जंगल है लेकिन गैर वन भूमि में पेड़ नहीं के बराबर हैं। वन विभाग की योजना गैर वानिकी क्षेत्र और बंजर भूमि में अधिक से अधिक वृक्षारोपण की है।
आय का जरिया भी यह तकनीक
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी ने गैर वन क्षेत्र में पेड़ लगाने और ट्रांजिट रूल में परिवर्तन की वकालत की है। यदि कमेटी के सुझावों को भारत सरकार मान लेती है तो निजी जमीन में फसल की तरह पेड़ लगाए और काट कर बेचे जा सकते हैं। ऐसे में वन विभाग की यह तकनीक बहुत उपयोगी साबित होगी। कम समय में पेड़ तैयार होंगे और उन्हें बेचकर किसान मोटा मुनाफा अर्जित कर सकेंगे। sabhar : jagaran.com

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पेड़ पर उगेगा शाकाहारी अंडा

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vegetarian eggs

वाशिंगटन। शाकाहारी अंडा! जी हां, अभी तक तो शायद ही किसी ने शाकाहारी अंडे के बारे में सुना होगा, मगर अब शाकाहारी लोगों के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है।
एक अमेरिकी कंपनी ने ईजाद किया है यह शाकाहारी अंडा। इस कृत्रिम अंडे को पूरी तरह से पौधों से बनाया गया है। .तो हुआ ना शाकाहारी लोगों के लिए यह नया तोहफा! कंपनी ने सफलतापूर्वक फॉक्स मेयोनेज और कई तरह की बेक्ड चीजों को मिलाकर इन अंडे का सब्सिट्यूट तैयार किया है। ये अंडे बहुत ही साधारण तरीके से लेकिन मटर की अद्भुत प्रजातियों, ज्वार और 11 अन्य तरह के पौधों से मिलकर बनाया गया है। फॉक्सन्यूज डॉट कॉम ने कंपनी के सीईओ जोश टेटरिक के हवाले से यह बात कही। टेटरिक ने इसके लिए टीवी शो टॉप शेफ के कंटेस्टेंट क्त्रिस जोन्स और बायोकेमिस्ट जोशुआ क्लेन की मदद ली। जिसमें उन्होंने एक ऐसा अंडा बनाने में उनकी मदद मांगी जो पूरी तरह से असली अंडे की तरह दिखे, एग फ्री प्रोडक्ट हो। टेटरिक ने इस बात पर भी जोर दिया कि पौधों से तैयार यह अंडा सिर्फ शाकाहारियों के लिए ही नहीं सभी के लिए हैं। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि इससे अंडा या पोल्ट्री इंडस्ट्री किसी तरह प्रभावित नहीं होगी। वास्तविक रूप से यह कोई पोल्ट्री इंडस्ट्री के महत्व को कम भी नहीं करेगा। अमेरिका में एग्रीकल्चर रिसर्च फिजियोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट के रेमंड ग्लाहन ने बताया कि यह प्रोडक्ट लंबे समय तक उपलब्ध रहेगा। वहीं उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि प्लांट बेस्ड फूड होने के कारण इस अंडे की न्यूट्रीशनल वेल्यू बहुत अधिक होगी। सैन फ्रांसिस्को स्टार्टअप हैम्पटन क्त्रीक फूड्स वेबसाइट ने दावा किया है कि यह प्रोडक्ट न सिर्फ अधिक स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि सामान्य अंडों से इसकी कीमत 19 प्रतिशत कम भी होगी। टेटरिक ने कहा कि कंपनी का यह नया प्रोडक्ट बिल्कुल अलग है और बाजार में भी उपलब्ध है। इसमें प्राकृतिक अंडे जैसी ही पौष्टिकता है। sabhar : jagaran.com

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एक ही पेड़ पर उगे आलू और टमाटर

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Potatoes

लंदन। एक ही पेड़ पर आलू और टमाटर लगे देखकर चौंकिए नहीं। शाकाहारी लोगों के लिए ये खोज किसी वरदान से कम नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा हाईब्रिड पौधा तैयार किया है जिसमें एक ही समय में लाल रसीले टमाटर और आलू दोनों लगते हैं। इसे नाम दिया गया है टॉमटैटो।
इप्सविच की हार्टिकल्चर कंपनी थांपसन एंड मारगन ने ब्रिटेन के बाजार के लिए तैयार किए इस हाईब्रिड पौधे के जीन में कोई परिवर्तन नहीं किया है। इसलिए ये दोनों सब्जियां सामान्य आलू और टमाटर जितनी ही स्वादिष्ट और पौष्टिक हैं। हालांकि कंपनी का कहना है कि इस पौधे के टमाटर दुकान पर बिकने वाले टमाटरों से अधिक स्वादिष्ट होंगे। रायल हार्टीकल्चर सोसाइटी (आरएचएस) के गाय बारटर ने बताया कि प्रयोग के तौर पर ब्रिटेन में भी ऐसे पौधे तैयार किए गए हैं। लेकिन वाणिज्यिक उपयोग के लिहाज से इतने बड़े पैमाने पर आलू-टमाटर की एक ही पौधे से खेती पहली बार की गई है। ऐसी संकर प्रजातियों के कई पौधों को ग्राफ्टिंग की तकनीक से तैयार किया गया है। हालांकि ये तकनीक पुरानी है पर इससे तैयार पौधों पर उगने वाले फलों और सब्जियों का स्वाद अच्छा नहीं होता था।
कंपनी के निदेशक पॉल हानसोर्ड ने दावा किया कि इसके टमाटरों का स्वाद सामान्य टमाटरों से भी अच्छा है। इस पौध पर पिछले एक दशक से काम किया जा रहा है। ये लक्ष्य हासिल करना बहुत ही मुश्किल रहा चूंकि टमाटर और आलू के तने दोनों ही समान रूप से पतले होने चाहिए थे। ये बहुत ही उच्च प्रशिक्षण से अंजाम दी गई तकनीक है। एक ही गमले में उगे टमाटर और आलू पर पैनी नजर रखी गई। ताकि आलू का विकास भी सही तरीके से हो। कंपनी का कहना है कि पिछले मौसम से ही वह एक साथ पौधे से टमाटर और आलू एक साथ उगा रहे हैं। अब दोनों ही सब्जियां पककर पौधे से तोड़ने के लिए तैयार हैं। उद्देश्य शक्ति और लचीलापन प्रदान करता है कि एक और की जड़ों के साथ फूल या फलने के गुणों का गठबंधन है। इसतरह आलू और टमाटर के रूप में अधिकांश पौधों अपनी ही प्रजाति के भीतर संकर किए जाने की जरूरत है, लेकिन यह कभी-कभी एक भिन्न रूप लेकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ का जरिया भी बन सकता है। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है।
बहुत से लोग अपने बागानों में कम स्थान के कारण ये तकनीक अपना कर ऐसे ही हरी सब्जियां और फल अपने किचन गार्ड या लान में उगाना चाहेंगे। इसीतरह का उत्पाद पुटैटो टाम नाम से इसी हफ्ते न्यूजीलैंड में भी एक बगीचे में उगाया गया है। sabhar : 
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शनिवार, 28 सितंबर 2013

रागिनी MMS 2' के बाद सामने आया सनी लियोनी का न्यू फोटोशूट

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'रागिनी MMS 2' के बाद सामने आया सनी लियोनी का न्यू फोटोशूट


रागिनी MMS 2' के ट्रेलर से तहलका मचाने के बाद सनी लियोनी फिर चर्चा में हैं। सनी की चर्चा का वजह है एक 'मैनफोर्स' ब्रांड के लिए उनके द्वारा कराया गया विज्ञापन।
 
सनी इस ब्रांड के विज्ञापन में पहले भी नजर आ चुकी हैं और अब एक बार फिर कंपनी ने यह नया विज्ञापन जारी कर दिया है।
 
सनी इस विज्ञापन के लिए एक हॉट फोटोशूट कराया है जिसमें उनका चिरपरिचित बोल्ड अंदाज सामने आया है। सनी की इस वक्त पांचों उंगलियां घी में नजर आ रही हैं। 2011 में सबसे पहले बिग बॉस में हिस्सा लेने के लिए वह भारत आईं और इसके बाद उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा।
 इस शो में आने के बाद उन्हें महेश भट्ट की फिल्म 'जिस्म 2' में काम करने का मौका मिला। फिल्म नहीं चली मगर सनी का सितारा चमक गया। इस साल उनकी दो फिल्में 'रागिनी MMS 2' और टीना और लोलो रिलीज़ होने वाली है।
 
फिल्मों के अलावा उनके पास कई कंपनियों के विज्ञापन हैं और मैनफोर्स कंडोम कंपनी उनमें से एक है
'रागिनी MMS 2' के बाद सामने आया सनी लियोनी का न्यू फोटोशूट

'रागिनी MMS 2' के बाद सामने आया सनी लियोनी का न्यू फोटोशूट

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'रागिनी MMS 2' के बाद सामने आया सनी लियोनी का न्यू फोटोशूट

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