सुहागरात में पत्नी ने मारी लात, युवक ने जिद पकड़ ली लड़की बनने की

सुहागरात में पत्नी ने मारी लात, युवक ने जिद पकड़ ली लड़की बनने की

अहमदाबाद। बीते शुक्रवार को अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में सेक्स चेंज का ऑपरेशन कराने पहुंचा युवक कौन था? आखिर क्यों उसने लड़की बनने की जिद ठानी? पुरुष से स्त्री बनने के लिए इसने क्या-क्या किया?  
बातचीत में पता चला कि इसके पीछे उसका दर्द था। वह विवाहित होने के बाद भी अब तक सेक्स से वंचित है। इतना ही नहीं, अब वह पत्नी से इतना त्रस्त हो चुका है कि उसने स्त्री बनकर रहने का दृढ़ निश्चय कर लिया है।
सुहागरात में पत्नी ने मारी लात, युवक ने जिद पकड़ ली लड़की बनने की
गत 28 अक्टूबर की रात मेरी सुहागरात थी। मैं कमरे में पहुंचा, जहां मेरी पत्नी प्रियंका घूंघट में बैठी हुई थी। मैंने उसका घूंघट उठाया, लेकिन उसके चेहरे के भाव चौंका देने वाले थे। मैंने उससे बातें करनी शुरू की, लेकिन वह अच्छे मूंड में नहीं थी। जैसे ही मैंने उसे स्पर्श किया, उसने मेरे पेट पर लात मार दी। प्रियंका यहीं नहीं रुकी, बल्कि उसने मेरे चेहरे को अपने नाखूनों से नोंचना शुरू कर दिया। पहली रात में ही मैं उसका यह व्यवहार देखकर चौंक उठा।
सुहागरात में पत्नी ने मारी लात, युवक ने जिद पकड़ ली लड़की बनने की

मैंने उसे अकेला छोड़ दिया और कमरे की लॉबी में आकर बैठ गया। सुबह के लगभग साढ़े चार बजे मेरे पिता की नींद खुली। जैसे ही मैंने उनके कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज सुनी, मैं तुरंत कमरे में आ गया कि कहीं वे मुझे इस तरह न देख लें। 
 
मैंने देखा कि प्रियंका सो रही थी। वैवाहिक जीवन की पहली रात ही ऐसी होगी, मैंने ऐसा बिल्कुल नहीं सोचा था। मुझे इसका बहुत आघात लगा। सुबह मैंने अपने माता-पिता और भाई-भाई को यह बात बता दी। वे भी यह बात जानकर दंग रह गए और अब पूरे घर में प्रियंका विरोधी माहौल बन गया।मैं महाराष्ट्र में एक एग्रो इंडस्ट्रीज में नौकरी करता था और शादी के लिए सिर्फ चार दिनों की ही छुट्टी मिली थी। पति-पत्नी के इसी झगड़े में ही मेरे चार दिन बीत गए। मुझे लगा कि मेरा वैवाहिक जीवन शुरू होने से पहले ही बर्बाद हो चुका है। मैं वापस महाराष्ट्र आ गया। लगभग साढ़े तीन महीनों बाद मेरे माता-पिता प्रियंका को लेकर मेरे पास आ गए। काफी वाद-विवादा और समझाइश के बाद तय हुआ कि अब प्रियंका मेरे साथ ही रहेगी।प्रियंका मेरे साथ 6 महीनों तक रही। अब मेरे अच्छे दिन आ गए थे। हमारे यहां बेटी का जन्म हुआ। कुछ समय बाद मेरा ट्रांसफर अहमदाबाद हो गया। लेकिन बेटी के जन्म के बाद फिर से प्रियंका का स्वभाव पहले की तरह हो गया। मैंने उसे समझाने के काफी प्रयास किए, लेकिन प्रियंका मानने के लिए तैयार नहीं थीइस दरमियान प्रियंका के पिता का निधन हो गया। प्रियंका ससुराल आ गई। प्रियंका यहां से जाने के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए मैं भी ससुराल में ही रहने लगा। ससुराल में मै एक-दो दिन नहीं, बल्कि पूरे दो साल तक रहा। यहां भी प्रियंका का स्वभाव में परिवर्तन नहीं आया था। घर में हमारे लिए अलग रूम था, फिर भी प्रियंका अपने घरवालों के साथ ही सोया करती थी। इसके बाद भी अगर मैं उससे कोशिश करता तो जोर-जोर से चिल्लाने लगती। वह अपने परिजनों से मेरे बारे में यही कहती कि मैं सेक्स का भूखा हूं। जबकि वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार ही नहीं थी। हकीकत में सेक्स एक पुरुष की आवश्यकता है, लेकिन प्रियंका के कारण मेरा जीवन अधर में लटक गया है। इसलिए अब मैंने निश्चय किया है कि मैं उसे कभी स्पर्श नहीं करूंगा। अब तो मुझे पुरुष के रूप में जीना ही नहीं, मैं स्त्री बनकर पूरी जिंदगी गुजारना चाहता हूं।इसके बाद मैंने शारीरिक परिवर्तन के लिए इंटरनेट पर जानकारी जुटाईं और शारीरिक परिवर्तन के लिए दवाएं लेनी शुरू कर दीं। इसके लिए मुझे हर महीने एक इंजेक्शन भी लेना पड़ता था। लगभग 6-8 महीनों में ही दवाईयों का मेरे शरीर पर असर होने लगा। मेरे लिंग का उत्थान रुक गया और मुझे सेक्स में कोई रुचि नहीं रही। अब मेरी चाल और बोली भी बदल गई थी। सीने का आकार भी काफी परिवर्तित हो गया था।इसके बाद मैंने स्त्रियों के कपड़े पहनने शुरू कर दिए। शुरुआत में तो प्रियंका ने इसका विरोध किया, लेकिन मेरी जिद के आगे उसे हार माननी पड़ी। मेरी पत्नी को थायराइड की समस्या है। जो डॉक्टर उसका इलाज करते हैं, वही स्त्री हॉर्मोंस के भी विशेषज्ञ हैं। मैंने उनसे ही हॉमोर्ंस के इंजेक्शन लेने शुरू कर दिए। 
 
पिछले सात महीनों से मैं मेमको स्थित स्वीमिंग पुल जा रहा हूं। यहां मैं महिलाओं के साथ ही स्वीमिंग शूट में स्वीमिंग करता हूं। शुरुआत में तो युवक मुझे देखने के लिए उमड़ पड़ते थे, वहीं यहां आने वाली महिलाएं भी मुझे देखकर चौंक उठती थीं, लेकिन अब सबकुछ सामान्य होने लगा है।
sabhar : bhaskar.com


 

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