1 अक्टूबर के बाद अमेरिका के पास नहीं होगा खर्च के लिए पैसा
अमेरिकी सरकार के पास खर्च चलाने के लिए पैसा नहीं है। 1 अक्टूबर तक खर्च सीमा नहीं बढ़ी तो सारे सरकारी कार्यक्रम बंद हो जाएंगे। ऐसा 17 साल में पहली बार होगा। शनिवार रात अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेन्टेविव्स ने सरकार को ‘शटडाउन’ के और करीब ला दिया। सदन ने इमरजेंसी स्पेडिंग बिल के एक भाग के रूप में लाए गए राष्ट्रपति ओबामा के महत्वाकांक्षी हैल्थकेयर लॉ (ओबामाकेयर) को पास करने से इनकार कर दिया। सदन ने बिल को एक साल तक के लिए टाल दिया।
एक साल के लिए टाला, कहा-संशोधन लाओ
रिपब्लिक पार्टी के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेट्व्सि ने ‘ओबामाकेयर’ में संशोधन को 231-192 मतों से पास किया। ऐसी हालत में राष्ट्रपति ओबामा को अपने हैल्थकेयर बिल में संशोधन लाना होगा। अमेरिकी सरकार का मेडिकल डिवाइस टैक्स प्रस्ताव भी सदन में 248-174 मतों से गिर गया। 2010 में बनाए गए कानून के अनुसार इस टैक्स प्रस्ताव के जरिए हेल्थकेयर प्रोग्राम्स के लिए फंड जमा किया जाना था।
अब क्या होगा
सरकार के पास सिर्फ १ अक्टूबर तक का समय है। ऐसे में अब उसे और खर्च के लिए पैसा नहीं मिल सकेगा। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स की इस लड़ाई का असर आम अमेरिकी पर भी पड़ेगा। अगर सहमति नहीं बनी तो सरकारी कार्यक्रमों के लिए पैसा मिलना बंद हो जाएगा।
हजारों नौकरियां दांव पर
सबसे बड़ा असर फेडरल कर्मचारियों पर पड़ेगा। अमेरिकी सरकार के प्रशासनिक, नेशनल पार्क और म्यूजियम में काम कर रहे हजारों कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा।
१७ साल में ऐसा पहली बार होगा
अमेरिका के इतिहास में ऐसी नौबत चार बार आ चुकी है। १९८१, १९८४, १९९० और १९९५-९६ के दौरान अमेरिका के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं बचा था।
आखिरी गवर्नमेन्ट शटडाउन इससे पहले १६ दिसंबर १९९५ से ६ जनवरी १९९६ तक चला था। यह डेमोके्रट राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और हाउस के स्पीकर एन गिंगरिच (रिपब्लिकन) के बीच ‘बजट बैटल’ का नतीजा था।
आखिरी शटडाउन का ऐसा था असर
४ लाख मेडिक्लेम आवदेन नकार दिए गए
८०,००० पासपोर्ट आवेदन स्वीकार नहीं किए गए
२० लाख पर्यटकों को नेशनल पार्क और म्यूजियम के गेट्स से लौटा दिया गया, क्योंकि अंदर कर्मचारी नहीं थे।
८०० मिलियन डॉलर का नुकसान टैक्स देने वाले अमेरिकियों को (४०० मिलियन डॉलर का नुकसान तो सिर्फ उन कर्मचारियों की वजह से हुआ, जिन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया था, लेकिन उन्हें उन छु्ट्टियों का भुगतान किया गया था।
sabhar : bhaskar.com
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