मर्दों की सभी प्रकार की कमजोरी दूर कर सकता है एक चमत्‍कारी पौधा

मर्दों की सभी प्रकार की कमजोरी दूर कर सकता है एक चमत्‍कारी पौधा

जयपुर। हिंदुस्‍तान का थार रेगिस्‍तान सिर्फ अपने उजड़ेपन और सूनेपन के लिए ही पूरी दुनिया में नहीं जाना जाता है, बल्कि यहां की रेतों में कई ऐसे रहस्‍यमयी पौधे उगते हैं, जिनके उपयोग से कई खतरनाक बीमारियों को जड़ से खत्‍म किया जा सकता है। एक ऐसा ही पौधा है छुईमई। राजस्‍थान के कुछ हिस्‍सों में छुईमुई को अलाय नाम से जाना जाता है। आज हम बात करेंगे इसी चमत्‍कारी पौधे की। कई स्‍टडी में यह साबित हो चुका है कि छुईमुई के बीजों से खोई हुए मर्दाना ताकत फिर से पाई जा सकती है। इसकी जड़ों से लेकर बीज तक का उपयोग सभी प्रकार की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।
मर्दों की सभी प्रकार की कमजोरी दूर कर सकता है एक चमत्‍कारी पौधा

पांच ग्राम अलाय के बीजों का पाउडर भैंस के दूध में डालकर पीने से शारीरिक कमजोरियों से छुटकारा तो पाया ही जा सकता है, साथ सेक्‍सुअल पावर भी पाया जा सकता है। कमजोर मर्द यदि इसकी जड़ों और बीजों का चूर्ण लें तो वीर्य की कमी की शिकायत में काफी हद तक फायदा होता है।
छुईमुई एक प्रकार का पौधा है, जिसकी पत्तियां मानव स्पर्श पाने पर अपनेआप सिकुड़ कर बंद हो जातीं हैं। कुछ देर बाद अपने आप ही खुल भी जातीं हैं| इसे अंग्रेजी में मिमोसा प्यूडिका कहते हैं|
मर्दों की सभी प्रकार की कमजोरी दूर कर सकता है एक चमत्‍कारी पौधा
छुईमुई अपने आप में चमत्कारी पौधा है। आज भी देश के विभिन्‍न हिस्‍सों के अलावा राजस्‍थान के देहा‍ती इलाकों में यह बड़ी संख्‍या में पाया जाता है। कई जगह इस पौधे को लाजवंती और शर्मीली जैसे नामों से भी पुकारा जाता है। 
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देहातों से लेकर जंगलों तक में रहने वाले लोगों को यह पौधा आज भी जीवनदान दे रहा है। अनेक रोगों को दूर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
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यदि किसी को घाव हो गया तो छुईमुई की जड़ों का दो ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ लिया जाए तो घाव जल्‍दी सूखने लगता है। 
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इसी तरह यदि छुईमुई की जड़ और पत्तों का चूर्ण दूध में मिलाकर दो बार लिया जाए तो बवासीर और भंगदर से राहत मिलती है। इसी तरह इसकी पत्तियों के रस को बवासीर के घाव पर भी लगाया जा सकता है।  sabhar : bhaskar.com


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