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सोमवार, 26 जुलाई 2021

उन्नति की आकाँक्षा

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  उन्नति की आकाँक्षा करने से पहले मनुष्य को अपने को परखकर देख लेना चाहिए कि ऊँचे चढ़ने के लिए जिस श्रम की आवश्यकता होती है, उसकी जीवन वृत्ति उसमें है भी या नहीं। यदि है तो उसकी आकाँक्षा अवश्य पूर्ण होगी अन्यथा इसी में कल्याण है कि मनुष्य उन्नति की आकाँक्षा का त्याग कर दे, नहीं तो उसकी आकाँक्षा स्वयं उसके लिए एक कंटक बन जायेगी।

□ हममें से अधिकांश लोग किसी कार्य की शुरुआत इसलिए नहीं करते, क्योंकि आने वाले खतरों को उठाने का साहस हममें नहीं होता। हम दूसरों की आलोचना, विरोध से डरते हैं। असफलता या लोकनिन्दा का भय हमें कार्य की शुरुआत में ही निस्तेज कर देता है, इसी कारणवश हम दीन-हीन जीवन व्यतीत करते हैं। संसार की जो जातियाँ साहस पर ही जीती हैं, वे ही सबकी अगुवा भी बन जाती हैं।

◆ किसी कार्य को केवल विचार पर ही नहीं छोड़ देना चाहिए। कार्य रूप में परिणत हुए बिना योजनाएँ चाहे कितनी ही अच्छी क्यों न हों, लाभ नहीं दे सकतीं।  विचार की आवश्यकता वैसी ही है जैसी रेलगाड़ी को स्टेशन पार करने के लिए सिग्नल की आवश्यकता होती है। सिग्नल का उद्देश्य केवल यह है कि ड्राइवर यह समझले कि रास्ता साफ है अथवा आगे कुछ खतरा है? विचारों द्वारा भी ऐसे ही संकेत मिलते हैं कि वह कार्य उचित और उपयुक्त है या अनुचित और अनुपयुक्त?

◇ मनुष्य के साध्य, सुख और शान्ति का निवास कामनाओं, उपादानों अथवा भोग-विलास में नहीं है। वह कम से कम कामनाओं, अधिक से अधिक त्याग और विषय-वासनाओं के विष से बचने में ही पाया जा सकता है। जो निःस्वार्थी, निष्काम, पुरुषार्थी, परोपकारी, संतोषी तथा परमार्थी हैं, सच्ची सुख-शान्ति के अधिकारी वही हैं। सांसारिक स्वार्थों एवं लिप्साओं के बंदी मनुष्य को सुख-शान्ति की कामना नहीं करनी चाहिए।

✍🏻 पं श्रीराम शर्मा आचार्य

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सोमवार, 12 जुलाई 2021

सेमल के फूल

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सेमल के फूल की सब्जी का स्वाद तो आप सभी ने लिया ही होगा। सब्जी के अतिरिक्त इसका स्वादिष्ट अचार भी बनाया जाता है। हमारे पर्वतीय क्षेत्र में चाँवल के आटे से बनाए जाने वाले सिंगल नामक व्यंजन में इसके तने की छाल का प्रयोग किया जाता है।

इसकी हरी वाह्य पंखुड़ियों से सब्जी बनाई जाती है, लाल पंखुड़ियों को फेंक देते हैं।

बात मार्च के प्रथम सप्ताह की रही होगी। कई दिनों से इस विशालकाय सेमल वृक्ष के नीचे लगातार 6- 7 नन्हे से प्यारे बच्चों का जमावड़ा देख रहा था, ये बच्चे फूल गिरते ही उसको पाने के लिए हुज्जत कर रहे थे। मैंने जिज्ञासावश रुक कर बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हम लोग सब्जी के लिए सेमल के फूल एकत्रित कर रहे हैं। 

कुछ देर में एक महिला- पुरुष भी आगए, उन्होंने बताया कि इसकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट व पौष्टिक होती है, फूल की हरी वाह्य पंखुड़ियों से सब्जी बनाई जाती है, लाल पंखुड़ियों को फेंक देते हैं, इसके फूल आयुर्वेदिक गुणों की खान हैं। उन लोगों ने कुछ फूल तोड़ कर एकत्रित किए हुए थे, वो मुझे फूल देने लगे और कहने लगे कि आप ले जाओ सब्जी बना लेना, मैंने उनसे बोला कि आपने मेहनत करी है ये फूल आपने अपने लिए तोड़े होंगे, इनके जो भी रुपए होते हैं ले लो, लेकिन उन्होंने रुपए नहीं लिए और मैंने फूल नहीं लिए। उन्होंने अगले दिन रुपए लेकर फूल देने का वादा किया और अगले रोज निर्धारित स्थान पर मुझे कुछ फूल दे दिए।

हमारे क्षेत्र में भरपूर मात्रा में सेमल वृक्ष पाए जाते हैं। फैक्ट्री में इसकी लकड़ी से प्लाई- बोर्ड बनाए जाते हैं तथा इसकी रुई का प्रयोग तकिया बनाने में किया जाता है। इसकी पत्तियों तथा छोटे पेड़ों की जड़ (सेमल मूसली) का आयुर्वेद में बहुत महत्व है। sabhar Rajendra psad josi Facebook wall

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रविवार, 11 जुलाई 2021

जामुन के फायदे

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जामुन (जामु कोली ओड़िया में)~आकार में छोटे हैं पर मीठे हैं।
इसका वैज्ञानिक नाम सैजियम क्यूमिनाई है। यह पेड़ जमीन में ज्यादा नमी होने से, यहां तक कि पानी जमने पर भी अच्छे तरह से बढ़ता है।
घर के पास रास्ता किनारे पेड़ से बचे इक्ट्ठा कर रहे थे, एक बांस और मच्छरदानी जाली से। किलो ₹ १४० है, उनके हिसाब से। आधा किलो रखा, ₹५० में। वर्षा ऋतु का फल है, खाना चाहिए। 
जामुन एक औसधिय गुण वाला फल है, जो खासकर रक्त शर्करा को नियंत्रित रखता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत रखता है और हृदय रोग की चिकित्सा में सहायता करता है। चर्म रोग में भी यह गुणकारी है। आयुर्वेद दुकानों में जामुन के जूस और जामुन बीज की चूर्ण उपलब्ध है जो वैद्य के सलाह पर ले सकते हैं। sabhar Facebook wall bhojan kalp grup

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