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शनिवार, 31 अगस्त 2013

एशिया कप जीतकर सीधे क्वालीफाई करने उतरेगा भारत

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भारत की विश्व कप में सीट लगभग तय हो गयी है, लेकिन वह रविवार को मौजूदा चैंपियन दक्षिण कोरिया के खिलाफ होने वाले एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में जीत दर्ज करके अगले साल होने वाले हॉकी महाकुंभ के लिये सीधे क्वालीफाई करने की कोशिश करेगा।




पाकिस्तान की दक्षिण कोरिया के हाथों सेमीफाइनल में 2-1 की हार से भारत और मलेशिया ने हॉलैंड के हेग में होने वाले विश्व कप के लिये एक तरह से क्वालीफाई कर लिया है। रिकॉर्ड चार बार का चैंपियन पाकिस्तान 1971 में इस टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद पहली बार विश्व कप में नहीं खेलेगा।
कोरिया पहले ही विश्व कप में जगह बना चुका है और ऐसे में पाकिस्तान एशिया कप जीतकर ही विश्व कप में जगह बना पाता, लेकिन उसकी हार से भारत और मलेशिया के दरवाजे खुल गये और उन्हें नवंबर में ओसियाना कप की समाप्ति के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार रहेगा।
सरदार सिंह की अगुवाई वाली टीम हालांकि नवंबर तक का इंतजार करने के मूड में नहीं होगी और वह दक्षिण कोरिया को हराकर कल ही हेग का टिकट पक्का करना चाहेगी। पिछली बार 2009 में सातवें स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम जब कोरिया से भिड़ेगी तो इस टूर्नामेंट में अपना रिकॉर्ड सुधारने की बात भी उसके दिमाग में रहेगी।
भारत ने आखिरी बार चेन्नई में 2007 में एशिया कप जीता था। उसने इस बार लीग चरण में कोरिया को 2-0 से हराया जिसका उसे फाइनल में मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा। भारतीय टीम अभी टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ टीम दिख रही है। उसका फाइनल तक का सफर अजेय रहा है और वह इस क्रम को जारी रखना चाहेगी। भारत ने अब तक टूर्नामेंट में जो चार मैच खेले हैं उनमें उसने केवल एक गोल खाया है, जबकि वह 21 गोल करने में सफल रहा।
दिलचस्प तथ्य यह है कि अब तक भारतीय रक्षापंक्ति को कमजोर माना जाता था, लेकिन वह टूर्नामेंट में उसका सबसे मजबूत पक्ष बनकर सामने आया है। रक्षापंक्ति में वीआर रघुनाथ, रूपिंदर पाल सिंह, कोठाजीत सिंह, गुरमैल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा दीवार की तरह खड़े रहे। टीम के उप कप्तान और गोलकीपर पीआर श्रीजेश के प्रभावशाली प्रदर्शन से भी उनका मनोबल बढ़ा है।
मलेशिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय रक्षकों ने शानदार प्रदर्शन किया तथा मेजबान टीम की गोल करने की कई कोशिशों को नाकाम किया। टूर्नामेंट के दौरान भारतीय खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भी दिखा। रघुनाथ और रूपिंदर ने अपनी अतिरिक्त जिम्मेदारी को समझा। इन दोनों ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने में अच्छा प्रदर्शन किया।
भारत की मध्यपंक्ति में कप्तान सरदार सिंह ने अहम भूमिका निभायी। उनकी अगुवाई में मनप्रीत सिंह, चिंगलेनसाना सिंह और एसके उथप्पा के प्रदर्शन में भी निखार आया। भारत की युवा और अनुभवहीन अग्रिम पंक्ति भी अपेक्षाओं पर खरी उतरी है। भारत की अग्रिम पंक्ति में एसवी सुनील, गुरविंदर सिंह चांडी, दानिश मुज्तबा और आकाशदीप सिंह जैसे खिलाड़ी हैं। इन्हें मनदीप सिंह, रमनदीप सिंह, मलक सिंह, नितिन थिम्मया और निकिन थिम्मया का अब तक अच्छा साथ मिला है।

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हर सप्‍ताह नई वेश्‍या के पास जाता था साधु, बाजार में आई सीडी तो खुली पोल

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हर सप्‍ताह नई वेश्‍या के पास जाता था साधु, बाजार में आई सीडी तो खुली पोल

अहमदाबाद। अक्‍सर विवादों में रहने वाले स्‍वामी नारायण संप्रदाय का एक साधु सेक्‍स स्‍कैंडल में फंस गया है। साधु को एक सीडी में एक वेश्‍या के साथ पैसे देकर सेक्‍स करते हुए दिखलाया गया है। स्‍वामी नारायण संप्रदाय दुनिया के सबसे अमीर संप्रदायों में से एक है। यहां के साधुओं को पहले भी कई बार समलैंगिक क्रियाओं और सेक्‍स स्‍कैंडल में पकड़ा जा चुका है। 
गुजरात पुलिस ने तीन शख्‍स को सीडी बनाने के आरोप में अरेस्‍ट कर लिया है। इन तीनों पर आरोप है कि उन्‍होंने साधु को ब्‍लैकमेल करने के लिए वेश्‍या के साथ सेक्‍स करते हुए सीडी बनाई। 
घटना गुजरात के सेजपुर के पास के विश्‍वमंगल गुरूकुल की है। साधु का नाम नीलकांत स्‍वामी है। इस साधु ने वेश्‍या के लिए पांच से दस हजार रूपये का भुगतान एजेंट को किया था। जिसके बाद कुछ लोगों ने साधु और वेश्‍या के संबंधों की सीडी बनाकर उससे पचास लाख रूपये ऐंठने की कोशिश करने लगे। ब्‍लैक‍मेलिंग से तंग आकर साधु ने अपने संप्रदाय को अपनी करतूतों की पूरी जानकारी देते हुए ब्‍लैक‍मेलिंग के बारे में बताया। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। 
जिसके बाद संप्रदाय और पुलिस ने मिलकर एक प्‍लान बनाया और 25 लाख रूपये ब्‍लैकमेलर को देने की ठानी। इसके बाद दो स्‍वामी ब्‍लैकमेलर को पैसे देने पहुंचे तो पुलिस ने वहां पांच में से तीन ब्‍लैकमेलर को अपने शिकंजे में ले लिया। इनके पास से एक पैन ड्राइव भी मिली है। जिसमें स्‍वामी और वेश्‍या की अश्‍लील क्लिपिंग है। इन ब्‍लैकमेलरों ने बताया कि साधु को हर सप्‍ताह नई वेश्‍या चाहती थी। जिसकी सप्‍लाई वो लोग ही करते थे। बाजार में सीडी आने के बाद से ही नीलकांत स्‍वामी गायब है। 
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में भी एक ऐसी ही सीडी आई थी, जिसमें स्‍वामी नारायण संप्रदाय के दो स्‍वामियों को एक कॉल गर्ल के साथ सेक्‍स करते हुए दिखाया गया था। इसके बाद 2005 में भी जूनागढ़ में एक पुजारी समेत चार लोगों को पकड़ा गया था। सभी सेक्‍स स्‍कैंडल में शामिल थे। 

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अपने ही बेटे को जंजीरों में बांधकर गुफा में कर दिया कैद

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अपने ही बेटे को जंजीरों में बांधकर गुफा में कर दिया कैद
चीन में इन दिनों एक अंधे लड़के को जंजीर से बांधकर गुफा में बिना कपड़ों के रखने का मामला लोगों के बीच चर्चा का  विषय बना हुआ है। इसे आप निर्दयता कहें या एक मजबूरी का एक किस्सा, लेकिन हर नजर में यह मानवता के खिलाफ एक बड़ा अपराध है। दरअसल चीन के हेनान प्रांत में  एक पिता ने खुद के अंधे बेटे को एक गुफा में जंजीर से जकड़कर बिना कपड़ों के रखा हुआ है। बंधक 26 वर्षीय युवक जन्म से अंधा है और मानसिक रूप से विक्षिप्त भी है। उसके पिता चेंग युआन चाओ का कहना है कि उनके घर के नष्ट हो जाने के बाद उनके पास और कोई विकल्प नहीं बचा था। इसीलिए उन्होंने अपने अंधे बेटे को गांव से दूर एक गुफा में जंजीर से बांधकर रखा हुआ है। उसके पैर को चैन से बांधा हुआ है।  
अपने ही बेटे को जंजीरों में बांधकर गुफा में कर दिया कैद
हालांकि अपने बेटे को ऐसे हालत में कैद करना वे एक मजबूरी बताते हैं। उनका कहना है 'मेरे पास अपना कोई घर नहीं है। ऐसे में मैं अपने बेटे को कहां रखूं। मेरे पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था। मैं एक दिन में तीन बार उसे खाना और पानी देने के लिए जाता हूं ताकि उसे भूख-प्यास न लगे। चैन से उसे इस वजह से बांधकर रखा हुआ है क्योंकि वह अपने आप को नुकसान पहुंचा सकता है।' बंधक के पिता का कहना है कि वह खुद भी अपने बेटे को इस हालत में नहीं दे्खना चाहते लेकिन उनके लिए यह एक मजबूरी है। पिता का कहना है कि 'वह (बंधक) कपड़े नहीं पहनता। यादि हम जबदस्ती उसे कपड़े पहना भी देते हैं तो वह उन्हें फाड़ देता है। हालांकि लोगों का भी यही कहना है कि यह महज एक मजबूरी है। यदि कोई पालतू पशु भी होता तो वह लड़के से ज्यादा बेहतर स्थिति में होता।'बंधक के पिता चेंग युआन चाओ का कहना है गरीबी इस सारे हालात की जड़ है। उनके पास न घर के लिए पैसै हैं न ही अपने बेटे के इलाज के लिए। यानी चेंग अपने बेटे को इस दयनीय हालत का कारण आर्थिक मजबूरी है।
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सेक्स शिक्षा की टीचर ने छात्र को बनाया शिकार, भेजती थी खुद की न्यूड तस्वीरें

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सेक्स शिक्षा की टीचर ने छात्र को बनाया शिकार, भेजती थी खुद की न्यूड तस्वीरें

एक महिला टीचर को अपने 14 साल के एक नाबालिग छात्र के साथ रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 27 वर्षीय रिचेल जेनड्रोन पर यह भी आरोप है कि वह अपने टॉपलेस और न्यूड तस्वीरें भी इस लड़के को भेजती थी।
महिला टीचर ने इस छात्र को दर्जनों एसएमस भी भेजें हैं जो अश्लील हैं। महिला टीचर और स्टूडेंट के बीच अवैध रिश्ते की शुरुआत पिछले साल शुरू हुई थी।
महिला टीचर रिचेल जेनड्रोन के खिलाफ जब पांच बार रेप करने के आरोप लगाए गए तो वह बुरी तरह सिहर उठी और उसके आंखों से आंसू छलक पड़े। उसे गत शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया।
गौरतलब है कि अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कई देशों में महिला टीचर्स के साथ नाबालिग छात्रों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन घटनाओं से वहां के अभिभावक बुरी तरह परेशान हैं।
सेक्स शिक्षा की टीचर ने छात्र को बनाया शिकार, भेजती थी खुद की न्यूड तस्वीरें
वोरसेस्ट सुपीरियर कोर्ट के अभियोजक ने कहा कि उनके पास महिला शिक्षिका रिचेल जेनड्रोन के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अस्सिटेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी चेरयल रिडेल ने कहा कि हमारे पास बहुत एसएमएस और जेनड्रोन की अश्लील तस्वीरें हैं। ये तस्वीरें पीडि़त बच्चे के मोबाइल फोन पर भेजी गईं थी। ये उसके खिलाफ लगे आरोपों के पक्ष में मजबूत साक्ष्य हैं।गिरफ्तार महिला टीचर रिचेल जेनड्रोन को जब कोर्ट में पेश किया गया तो उसकी मां भी आई हुई थी। मां पर नजर पड़ते ही वह रो पड़ी। जेनड्रोन पर 16 साल से कम उम्र के लड़के को बहकाने का भी आरोप लगाया गया है।
आरोप के अनुसार रिचेल जेनड्रोन ने अक्टूबर 2012 में नाबालिग लड़के के साथ तीन बार सेक्स किया। फिर एक बार जनवरी और एक बार मार्च 2013 में। रिचेल पर लड़के को बहलाने का एक आरोप लगाया गया है।

सेक्स शिक्षा की टीचर ने छात्र को बनाया शिकार, भेजती थी खुद की न्यूड तस्वीरें
रिचेल जेनड्रोन मेसाच्युसेट्स के फित्चबर्ग के नार्थ सेंट्रल चार्टर इसेंसियल स्कूल में हेल्थ और सेक्स एजुकेशन टीचर है। सेक्स अपराध के आरोप सामने आने के बाद गिरफ्तार होने पर स्कूल प्रबंधन ने रिचेल को नौकरी से हटा दिया है।
जेनड्रोन ने मैसाच्युसेट्स के नॉर्टन के व्हीटन कॉलेज से इंग्लिश और स्टूडियो आर्ट में बीए किया 
जेनड्रोन की वकील एंड्रिया लेवी ने एक बयान जारी कर सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि उसकी मुवक्किल निर्दोष है। वकील लेवी ने कहा कि मेरी मुवक्किल रिचेल जेनड्रोन ने इस कलंक के आरोपों पर माफी नहीं मांगी है। वह निर्दोष है और यही कारण है कि उसने माफी नहीं मांगी है।
 फित्जबर्ग पुलिस के सर्जेंट ग्लीन फोस्सा ने बताया कि पुलिस ने जेनड्रोन के खिलाफ मई में जांच शुरू की थी।
जज जेम्स आर लेमिरे ने 2,000 डॉलर में  रिचेल जेनड्रोन को जमानत दे दी है और मामले की अब अगली पेशी 10 अक्टूबर को होगी। इन आरोपों के चलते उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है।
 सेक्स शिक्षा की टीचर ने छात्र को बनाया शिकार, भेजती थी खुद की न्यूड तस्वीरें

महिला टीचर ने सेक्स के लिए घर में बुलाया अपने 4 छात्रों, फेसबुक से खुलासा होने पर गिरफ्तार :
एक महिला टीचर को अपने स्टूडेंट को अश्लील मैसेज भेजना भारी पड़ गया। इस मैसेज से खुलासा हुआ है कि उसने अपने चार स्टूडेंट्स को अपने साथ सेक्स करने के लिए घर में बुलाया था। दक्षिण फ्लोरिडा की 31 वर्षीय महिला टीचर स्टीव ग्लासपूल को गत गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था।
सेक्स शिक्षा की टीचर ने छात्र को बनाया शिकार, भेजती थी खुद की न्यूड तस्वीरें

महिला टीचर के सेक्स उत्पीड़न का शिकार एक 17 वर्षीय छात्र क्रिस ओ नील ने मैसेज के बारे में बताया कि महिला टीचर ने उसे मैसेज में कहा तुम्हें रात बितानी चाहिए और परफार्मेंस के आधार पर तुम्हें ग्रेड दिया जाएगा। उसे कुछ अन्य तरह के सेक्स का भी वादा किया गया था।
 महिला टीचर स्टीव ग्लापूल ने एक मैसेज में छात्र को लिखा कि मैं नहीं चाहती कि तुम मेरे साथ प्यार करो, लेकिन मैं यह भी नहीं चाहती हूं कि तुम पूरी तरह से एक तरफ चुप बैठे रहो। यह होगा, हाय, हाय, तुम मुझे उत्तर क्यों नहीं दे रहे हो। पहली बार नील ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब उसका ध्यान इस पर गया तो उसने पाया कि महिला टीचर ने एक 15 साल के लड़के को भी इस तरह का मैसेज किया है। उसे लगा कि जरूर इसमें कुछ ऐसा है जो ठीक नहीं है। इस बारे में जब नील के पिता को पता चला तो उन्हें काफी आघात लगा।
17 वर्षीय छात्र क्रिस ओ नील ने भी यह जानकारी पुलिस को दी और महिला टीचर के खिलाफ सेक्शुअल मिसकंडक्ट का आरोप लगाया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
वह एक अन्य स्कूल हॉलीवुड एकेडमी ऑफ आर्ट एंड साइंस में महज चार दिन ही काम किया था कि उसे पाम बीच पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ब्रोवार्ड काउंटी शेरिफ कार्यालय का कहना है कि स्टीव ग्लापूल ने यह मैसेज अप्रैल से मई के बीच फेसबुक पर पोस्ट किए थे। ये सारे मैसेज मावेरिक्स के स्टूडेंट्स के लिए थे। पुलिस को संदेह है कि महिला टीचर ने अन्य कई छात्रों को अपना शिकार बनाया होगा।स्टीव ग्लापूल मावेरिक्स चार्टर हाई स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाती थी। उस पर आरोप है कि उसने फेसबुक पर अपने चार स्टूडेंट्स को शारीरिक संबंध बनाने के लिए बुलाया था। उसका यह मैसेज एक अन्य टीचर ने फेसबुक पर देखा और उसने इसकी शिकायत कर दी। sabhar : bhaskar.com


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अंधेरे कमरे में बिना कपड़ों के थे आसाराम- 'रेप' की शिकार लड़की की खौफनाक आपबीती

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अंधेरे कमरे में बिना कपड़ों के थे आसाराम- 'रेप' की शिकार लड़की की खौफनाक आपबीती

नई दिल्ली. पुलिस से बचने के लिए यहां-वहां फिर रहे कथावाचक आसाराम बापू खुद को बेकसूर बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं (सोनिया-राहुल) के इशारे पर उनके खिलाफ साजिश रची गई है। लेकिन इस मामले में पीड़ित लड़की की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आसाराम पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
 
पीड़ित लड़की की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में लड़की ने जो आपबीती बताई है, उसके मुताबिक, 'उसने (आसाराम) ने कमरे (जोधपुर आश्रम के) की लाइट बंद कर दी और मुझे पीछे बुला लिया। उन्होंने कमरा बंद कर दिया और मेरे साथ छेड़खानी करने लगे। जब मैंने चिल्लाना शुरू किया तो मेरे माता-पिता को मारने की धमकी देने लगे और मेरा मुंह बंद कर दिया। उन्होंने मुझे चूमा और आपत्तिजनक तरीके से मुझे छुआ। मेरे पूरे शरीर को वे सहला रहे थे और मुझसे ओरल सेक्स के लिए कहा। वे बिल्कुल नंगे थे। उन्होंने जबर्दस्ती करते हुए मेरे भी कपड़े उतारने की कोशिश की और मैं रोने लगी। मैं रोने लगी। उन्होंने फिर से मेरा मुंह बंद कर दिया। उन्होंने मेरे साथ एक घंटे से ज्यादा समय तक यह सब किया। जब मैं कमरे से बाहर जाने लगी तो उन्होंने एक बार फिर मुझे मुंह न खोलने के लिए धमकाया।' 
अंधेरे कमरे में बिना कपड़ों के थे आसाराम- 'रेप' की शिकार लड़की की खौफनाक आपबीती
बाबा बोले-मैं भगवान, तबाह कर दूंगा 
 
पीड़ित लड़की ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि बाबा ने उससे कहा था कि वह शाक्तिशाली पुरुष हैं। इतना ही नहीं उन्‍होंने अपनी तुलना भगवान से करते हुए कहा कि आज के भगवान हैं। अगर उसने इस कमरे के भीतर हुई कोई भी बात किसी को भी बाहर जाकर बताई तो वह उसे और उसके पूरे परिवार को तबाह कर दूंगा।
 
लड़की ने बताया कि वह उस वक्‍त काफी घबरा गई थी और उसने उस घटना के बारे में उस वक्‍त किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन जब वह घर अपने माता-पिता के साथ वापस घर उत्‍तर-प्रदेश अपने घर लौट गई तो उसने अपने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद 19 अगस्‍त को दिल्‍ली के कमला मार्केट थाने में मामला दर्ज कराया।

अंधेरे कमरे में बिना कपड़ों के थे आसाराम- 'रेप' की शिकार लड़की की खौफनाक आपबीती

कैसे जोधपुर आश्रम पहुंची लड़की 
 
यौन उत्पीड़न की शिकार लड़की ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि वह शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और मध्‍य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के ही गुरुकुल में 12 वीं पढ़ती है और वहीं हॉस्टल में रहती है। एक दिन अचानक उसकी तबियत खराब हो गई। हॉस्टल वॉर्डन ने 7 अगस्‍त को उसके माता-पिता को उत्‍तर प्रदेश से बुलाया गया। उन्‍हें बताया गया कि उनकी बेटी तबीयत ठीक न होने की वजह से उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने अखबार को बताया है कि लड़की के पिता को बताया गया कि उनकी बेटी का सीटी स्‍कैन कराया जा रहा है और ऐसा लगता है कि उस पर भूत-प्रेत का साया है।
 
आश्रम से बेटी की तबीयत की जानकारी मिलने पर अगले दिन की लड़की के माता-पिता अपनी बेटी का हाल जानने के लिए आश्रम पहुंचे। जब लड़की के माता-पिता आश्रम पहुंचे, तो उन्‍होंने अपनी बेटी को तंदुरुस्‍त और स्‍वस्‍थ्‍य पाया। आश्रम के वार्डन ने लड़की के माता-पिता को बताया कि आसाराम बापू ने लड़की के लिए एक मंत्र भेजा था, जिससे उनकी बेटी होश में आई। वार्डन ने उन्‍हें कहा कि वह अपनी बेटी को आसाराम बापू के जोधपुर स्थित आश्रम में ले जाए। जहां पर आसाराम बापू उनकी बेटी के लिए खुद धार्मिक अनुष्‍ठान करेंगे। पुलिस के मुताबिक लड़की के परिजनों ने अपने बयान में बताया कि वार्डन ने उन्‍हें कहा कि वह बिना देरी किए वहां जाए क्‍योंकि यह अनुष्‍ठान खुद बापू करने वाले हैं।
 
 
14 अगस्‍त को लड़की अपने माता-पिता के साथ जोधपुर पहुंचे। जहां पर आसाराम बापू के सेवक ने उन्‍हें एक कमरा दिया और कहा कि अनुष्‍ठान कल होगा। लड़की ने अपनी शिकायत में बताया कि 15 अगस्‍त की शाम को वह आसाराम बापू से मिलने के लिए उनके आश्रम पहुंची। इसके बाद आसाराम बापू ने उसे कमरे के अंदर बुलाया और उसके परिजनों को कहा कि वह बाहर इंतजार करें।
 
लड़की ने पुलिस को बताया कि आसाराम बापू ने उससे उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा। बापू ने उससे बातों-बातों में कहा कि वह इस संस्‍था की प्रवक्‍ता बन सकती है। इसके बाद आसाराम बापू ने अपने सेवक को कहा कि वह उसके माता-पिता से कहे कि वह चले जाएं क्‍योंकि अनुष्‍ठान में काफी समय लगेगा। इसके बाद आसाराम लड़की को कमरे में ले गए। 

लड़की को नहीं थी कोई बीमारी, साजिशन बुलाया आश्रम! 
 
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छिंदवाड़ा गुरुकुल की नाबालिग छात्रा को कोई बीमारी नहीं थी, बल्कि पूरी साजिश उसका आसाराम के समक्ष समर्पण कराने की थी। अब तक की पुलिस जांच के मुताबिक गुरुकुल वार्डन ने बीमारी के बहाने ही उसके परिजनों को बुलाया था, मगर बाद में भूत-प्रेत का साया बताकर आसाराम से अनुष्ठान कराने का दबाव बनाया था।
 
छिंदवाड़ा में छानबीन करने गई जोधपुर पुलिस टीम को उसकी बीमारी का कोई सबूत नहीं मिला और न ही गुरुकुल प्रबंधन ने उसके उपचार का कोई रिकॉर्ड दिया। खुद पीडि़ता व उसके परिजनों ने भी अपने बयान में यही कहा था कि उसे सिर्फ एक दिन चक्कर ही आया था। इसी के इलाज के बहाने आसाराम ने उसमें दैवीय शक्तियां समाहित करने की बात कहते हुए गलत हरकतें की थी।
 
 
जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी अजयपाल लांबा ने बताया कि गुरुकुल में पीड़िता के बीमार होने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। ऐसी बातें सामने आई है कि यह हरकत समर्पण कराने जैसी कोशिश थी। आसाराम व उनके सहयोगियों के खिलाफ गुजरात के दो थानों में हत्या के प्रयास, मारपीट व जमीन विवाद के 16 मुकदमे दर्ज हैं, वह रिकॉर्ड भी मंगवाया गया है।
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कोर्ट से लगा झटका 
 
यौन शोषण के आरोपी कथावाचक आसाराम बापू को गुजरात हाई कोर्ट से झटका लगा है। आसाराम ने कोर्ट का रुख देख ट्रांजिट बेल की अर्जी वापस ले ली है। अब आसाराम के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।आसाराम की तरफ से शुक्रवार को ही ट्रांजिट बेल की अर्जी दाखिल की गई। अदालत ने क‍हा कि आसाराम के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और ऐसे में जमानत मिलना संभव नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर अर्जी वापस नहीं ली जाती है तो यह खारिज कर दी जाएगी। आसाराम को शुक्रवार को जोधपुर में जांच अधिकारी एसीपी चंचल मिश्रा के समक्ष पेश होना है। लेकिन उन्‍होंने 15 दिन की मोहलत मांग ली है। पुलिस ने वक्‍त देने से इनकार कर दिया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीपी मिश्रा के नेतृत्व में तीन थानेदारों की टीम बना दी गई है। शनिवार सुबह आसाराम जहां भी होंगे, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए टीम रवाना हो जाएगी। 
 
छिंदवाड़ा के गुरुकुल की वार्डन शिल्पी, संचालक शरदचंद्र और आसाराम के प्रमुख सेवादार शिवा को भी गुरुवार रात तक पुलिस के समक्ष पेश होना था। ये तीनों भी पेश नहीं हुए। पुलिस तीनों की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें भेजेगी। आसाराम पर कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को संसद में हंगामा हुआ। जदयू नेता शरद यादव ने तत्‍काल कार्रवाई की मांग की।  sabhar : bhaskar.com



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शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

सलमान के घर के बाहर मां-बेटी ने किया हंगामा

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 Brawl outside salman Khan house
मुंबई।। फिल्म में रोल दिलवाने के लिए मुंबई में बॉलिवुड ऐक्टर सलमान खान के घर के बाहर मां-बेटी ने जमकर हंगामा किया। दोनों को जब पकड़कर थाने ले जाया गया, तो उन्होंने वहां भी हंगामा किया।

जानकारी के मुताबिक एक महिला अपनी बेटी के साथ फिल्म में रोल के लिए सलमान खान के घर पहुंच गई। दोनों सलमान से मिलना चाहती थीं, लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। इसके बाद महिलाओं ने सिक्यॉरिटी गार्ड्स पर बदसलूकी का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया।

पुलिस ने मां और बेटी को हिरासत में ले लिया। उन्हें बांद्रा पुलिस स्टेशन ले जाया गया। दोनों ने वहां भी खूब हंगामा किया। बांद्रा पुलिस के मुताबिक ये महिलाएं पिछले कुछ दिनों से सलमान के घर के बाहर जाकर शोर-शराबा कर रही थीं। इसके मद्देनजर वहां सादी वर्दी में पुलिस तैनात थी। दोनों के वहां फिर आने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। sabhar :http://navbharattimes.indiatimes.com

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नॉर्थ कोरिया में सेक्‍स टेप बनाने पर तानाशाह ने प्रेमिका को गोलियों से भूना

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नॉर्थ कोरिया में सेक्‍स टेप बनाने पर तानाशाह ने प्रेमिका को गोलियों से भूना








नयी दिल्ली। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंगे ने अपनी पूर्व प्रेमिका को सरेआम गोलियों से भून दिया। प्रोनोग्राफी का आरोप लगाकर तानाशाह किम जोंग ने अपनी पू्र्व प्रेमिका ह्योन सोल वोल को मशीनगन से भूनवा दिया। दरअसल किम की प्रेमिका पर पॉर्न विडियो में काम करने का आरोप लगा था। मशहूर रॉक बैंड उनहांसू ऑर्केस्ट्रा में सिंगर के तौर पर काम करने वाली ह्योन सोल वोल को 11 और सिंगर के साथ सरेआम गोलियों ने भून दिया गया। ह्योन सोल वोल के अलावा इन सभी को पॉर्नोग्राफी के आरोप में 17 अगस्‍त को गिरफ्तार किया गया था। 28 साल की ह्योन पर अपने बैंड के सदस्यों के साथ पोर्न विडियों में काम करना का आरोप था। तानाशाह किम ने अपनी प्रेमिका के साथ-साथ बाकी से सभी आरोपियों को एक लाइन में खड़ा कर मशीनगन से गोली मारवा दी। इतना ही नहीं, किम ने इस पूरे हादसे को देखने के लिए उनके परिवारवालों को मजबूर किया। जानकारी के मुताबिक किम की पत्नी भी इस बैंड की सदस्य थी और उन्होंने ही पोर्नोग्राफी की शिकायत की थी। गौरतलब है कि 10 सालों तक ह्योन तानाशाह किम जोंग की गर्लफ्रेड रही थी। उनके पिता इस रिश्ते से नाखुश थे और उन्होंने इसे तोड़ने का आदेश दे दिया था। पिता के आदेश पर उन्होंने ह्योग से रिश्ता तो तोड़ लिया, लेकिन शादी के बाद भी ह्योन और जोंगे के रिश्‍ते थे। उनकी इस पत्नी को इस रिश्ते से आपत्ति थी। माना जा रहा है उनकी सिकायत पर ही बिना कोई ट्रायल चलाए सभी को गोलियों से भून दिया गया। दरअसल नार्थ कोरिया बाहरी दुनिया से ज्‍यादा संपर्क नहीं रखता है, इसलिए शायद ही कभी ह्योन की मिली सजा-ए-मौत के कारणों का खुलासा हो सके।
sabhar : http://hindi.oneindia.in

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GOOGLE के मालिक ने पत्नी को छोड़ा, 14 साल छोटी कर्मचारी के साथ जोड़ा रिश्‍ता

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GOOGLE के मालिक ने पत्नी को छोड़ा, 14 साल छोटी कर्मचारी के साथ जोड़ा रिश्‍ता

गूगल के को-फाउंडर की रईसी के चर्चे तो आपने खूब सुने होंगे। उनके जेट, उनके बोइंग और आलीशान घरों की चर्चाएं भी काफी हुई हैं। लेकिन इस समय वे अपनी डेटिंग को लेकर काफी चर्चा में हैं। करीब 154150 करोड़ की अकूत संपत्ति के मालिक 40 वर्षीय सेरजी ब्रिन अपनी ही कंपनी की मार्केटिंग मैनेजर 26 वर्षीय अमादा रोसेनबर्ग संग देखें जा रहे हैं। बता दें कि सेरजी अपनी पत्नी ऐनी वोसीकी से अलग हो चुके हैं। दोनों के दो बच्चे भी हैं। सेरजी और ऐनी ने 2007 में शादी की थी। हालांकि सेरजी के प्रवक्‍ता का कहना है कि दोनों अभी भी अच्छे दोस्त हैं। 
 
इन सबके बावजूद इंटरनेट की दुनिया के बादशाह सेरजी अपनी ही कंपनी की एम्प्लाई के साथ डेटिंग कर रहे हैं। बता दें अमांदा सेरजी से करीब 14 साल छोटी हैं। चलिए हम आपको सेरजी की जिंदगी से जुड़ी कुछ बाते बताते हैं।
 GOOGLE के मालिक ने पत्नी को छोड़ा, 14 साल छोटी कर्मचारी के साथ जोड़ा रिश्‍ता
सोरजी की 40 वर्षीय पत्नी ऐनी एक बायोटेक फर्म में चीफ एक्जिक्यूटिव हैं। गूगल ने इस फर्म में अरबों रुपए का इन्वेस्टमेंट किया था। वहीं ऐनी की बहन एक इंटरनेट सर्च कंपनी में टॉप एक्जिक्यूटिव हैं
GOOGLE के मालिक ने पत्नी को छोड़ा, 14 साल छोटी कर्मचारी के साथ जोड़ा रिश्‍ता

ब्रिन और उनकी पत्नी की ख्याति बहुत बड़े दानदाताओं के रूप में भी है। साल 2012 में दोनों ने करीब 1507 करोड़ रुपए एक चैरिटेबल ट्रस्ट में दान दिए थे। 

GOOGLE के मालिक ने पत्नी को छोड़ा, 14 साल छोटी कर्मचारी के साथ जोड़ा रिश्‍ता
ऐनी की कंपनी 23एंडमी में गूगलन ने करीब 64 करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए हैं। ऐनी ने इसे 2006 में शुरू किया था। ये कंपनी डीएनए टेस्टिंग किट की सेलिंग करती है। 
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लारी ने जब से गूगल के सीईओ का पद संभाला है तब से सेरजी अपना ज्यादातर समय गूगल की लेब में ही बिता रहे हैं। यहां पर गूगल के ‘मून शॉट’  प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।

GOOGLE के मालिक ने पत्नी को छोड़ा, 14 साल छोटी कर्मचारी के साथ जोड़ा रिश्‍ता

सेरजी ब्रिन और अमांदा इस समय कई जगहों पर साथ देखे जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो दोनों इस समय डेटिंग कर रहे हैं। 
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खारिज होने के डर से आसाराम ने वापस ली ट्रांजिट बेल की अर्जी, हो सकते हैं गिरफ्तार

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खारिज होने के डर से आसाराम ने वापस ली ट्रांजिट बेल की अर्जी, हो सकते हैं गिरफ्तार

जोधपुर। यौन शोषण के आरोपी कथावाचक आसाराम बापू को गुजरात हाई कोर्ट से झटका लगा है। आसाराम ने कोर्ट का रुख देख ट्रांजिट बेल की अर्जी वापस ले ली है। अब आसाराम के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।आसाराम की तरफ से शुक्रवार को ही ट्रांजिट बेल की अर्जी दाखिल की गई। अदालत ने क‍हा कि आसाराम के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और ऐसे में जमानत मिलना संभव नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि अगर अर्जी वापस नहीं ली जाती है तो यह खारिज कर दी जाएगी। आसाराम को शुक्रवार को जोधपुर में जांच अधिकारी एसीपी चंचल मिश्रा के समक्ष पेश होना है। लेकिन उन्‍होंने 15 दिन की मोहलत मांग ली है। पुलिस ने वक्‍त देने से इनकार कर दिया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसीपी मिश्रा के नेतृत्व में तीन थानेदारों की टीम बना दी गई है। शनिवार सुबह आसाराम जहां भी होंगे, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए टीम रवाना हो जाएगी। 
छिंदवाड़ा के गुरुकुल की वार्डन शिल्पी, संचालक शरदचंद्र और आसाराम के प्रमुख सेवादार शिवा को भी गुरुवार रात तक पुलिस के समक्ष पेश होना था। ये तीनों भी पेश नहीं हुए। पुलिस तीनों की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें भेजेगी। आसाराम पर कार्रवाई को लेकर शुक्रवार को संसद में हंगामा हुआ। जदयू नेता शरद यादव ने तत्‍काल कार्रवाई की मांग की। 
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आसाराम पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाने वाली छिंदवाड़ा गुरुकुल की नाबालिग छात्रा को कोई बीमारी नहीं थी, बल्कि पूरी साजिश उसका आसाराम के समक्ष समर्पण कराने की थी। अब तक की पुलिस जांच के मुताबिक गुरुकुल वार्डन ने बीमारी के बहाने ही उसके परिजनों को बुलाया था, मगर बाद में भूत-प्रेत का साया बताकर आसाराम से अनुष्ठान कराने का दबाव बनाया था।
खारिज होने के डर से आसाराम ने वापस ली ट्रांजिट बेल की अर्जी, हो सकते हैं गिरफ्तार
छिंदवाड़ा में छानबीन करने गई जोधपुर पुलिस टीम को उसकी बीमारी का कोई सबूत नहीं मिला और न ही गुरुकुल प्रबंधन ने उसके उपचार का कोई रिकॉर्ड दिया। खुद पीडि़ता व उसके परिजनों ने भी अपने बयान में यही कहा था कि उसे सिर्फ एक दिन चक्कर ही आया था। इसी के इलाज के बहाने आसाराम ने उसमें दैवीय शक्तियां समाहित करने की बात कहते हुए गलत हरकतें की थी।
जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी अजयपाल लांबा ने बताया कि गुरुकुल में पीडि़ता के बीमार होने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। ऐसी बातें सामने आई है कि यह हरकत समर्पण कराने जैसी कोशिश थी। आसाराम व उनके सहयोगियों के खिलाफ गुजरात के दो थानों में हत्या के प्रयास, मारपीट व जमीन विवाद के 16 मुकदमे दर्ज हैं, वह रिकॉर्ड भी मंगवाया गया है।
छिंदवाड़ा में गुरुकुल संचालक शरदचंद्र व वार्डन शिल्पी से पुलिस ने पीडि़ता की बीमारी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसकी तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी।
जांच दल ने छिंदवाड़ा में जब गुरुकुल में लड़की के हुए उपचार के बारे में पूछा और रिकॉर्ड मांगा तो वहां कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। यही बात छात्रा के साथ वाले विद्यार्थियों से भी पूछी तो उनसे भी पीडि़ता की बीमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। जांच में यह पता चला है कि बीमारी का बहाना बना कर गुरुकुल की छात्राओं को आसाराम को ‘समर्पण’ कराने की कोशिश की जाती है।
यही बात पीडि़ता ने पुलिस को दिए बयान में कही कि आसाराम ने उसे ‘समर्पण’ करने को कहा था। यह प्रलोभन भी दिया कि वे उसे आश्रम की प्रमुख सेवादारों में शामिल कर देंगे और उसमें दैवीय शक्ति पैदा कर देंगे।

गुरुवार को आसाराम ने भोपाल में भी चौंकाने वाले बयान दिए। गुरुवार को वे अपने समधी और भोपाल आश्रम के प्रमुख देव कृष्णानी के अंतिम दर्शन के लिए यहां आए थे। आते ही एयरपोर्ट पर उन्हें मीडिया ने घेर लिया। सवालों के जवाब में उन्होंने कहा- मुझ पर लगे आरोपों से मेरे समधी गहरे सदमे में थे। छिंदवाड़ा आश्रम में पुलिस ने अन्य लड़कियों पर दबाव बनाया कि वे मेरे खिलाफ बयान दें। इसकी जानकारी मेरे समधी को मिली तो वे टूट गए। इसी सदमे में उनकी जान चली गई। देव कृष्णानी आसाराम के बेटे नारायण सांई के ससुर थे। 
 
सवाल-क्या आपको लगता है ये साजिश है? 
 
आसाराम- लोग कहते हैं ये सब मैडम और उनके पुत्र के इशारे पर हो रहा है। (इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि आसाराम इतने बड़े नहीं हैं कि नेहरू-गांधी परिवार उनके खिलाफ साजिश करे)। 
 
सवाल-पुलिस से कितना समय मांगा है? 
 
आसाराम- समय क्यों मांगूंगा? 
 
मैं तो तैयार हूं। जेल जाऊंगा तो वो भी मेरे लिए बैकुण्ठ है। (आसाराम ने जोधपुर पुलिस को पत्र देकर २० सितंबर तक का समय मांगा था। पुलिस इतना समय देने से इनकार कर चुकी है)। 
 
सवाल-आपने कहा था-जेल भेजेंगे तो अन्न-जल त्याग दूंगा! क्या सही है? 
 
आसाराम-मुझे जेल भेजने की साजिश है। वहां खाने-पीने में कुछ भी दिया जा सकता है। इसीलिए मैंने अपनी किसी नजदीकी से कहा था-जेल जाऊंगा तो अन्न-जल त्याग दूंगा। 
 
सवाल-उमा भारती ने तो आपका बचाव किया है? 
 
आसाराम-(तैश में) गलत बात है ये। मेरे साथ कोई नहीं है। आप भी नहीं। मत सताओ मुझे। (बाद में आश्रम में कहा-सभी पार्टियों में मेरे भक्त पार्षद, विधायक और मंत्री हैं।)
आसाराम के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई टली

आसाराम बापू और उनकी प्रवक्ता नीलम दुबे के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में दायर विविध आपराधिक याचिका की सुनवाई गुरुवार को टल गई। न्यायाधीश कंवलजीत सिंह अहलूवालिया की पीठ ने इस याचिका के साथ टीवी प्रोग्राम में दोनों आरोपियों के बयान की ट्रांस्क्रिप्ट पेश नहीं करने पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पिछले सप्ताह आसाराम व नीलम दुबे ने एक टीवी कार्यक्रम में भावनाएं आहत करने वाला बयान दिया।
मैडम और उनके बेटे के इशारे पर हो रहा है सब : आसाराम
नाबालिग बच्ची से यौन उत्पीडऩ के आरोपों में घिरे आसाराम ने गुरुवार को भोपाल में कहा कि उनके खिलाफ ये सब मैडम और उनके बेटे के इशारे पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं कहता हूं कि करने दो, जो भी उन्हें करना है। लोग बताते हैं कि साढ़े चार साल से धर्मांतरण कराने वालों को इन्हीं का समर्थन है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे सोनिया गांधी पर आरोप लगा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं तो वही कह रहा हूं, जो लोगों से सुना है।

इस दौरान आसाराम मीडिया पर भी नाराज हुए। आसाराम ने कहा कि वह यहां अपने समधी और भोपाल आश्रम के प्रमुख देव कृष्णानी के अंतिम दर्शन के लिए आए हैं। मुझ पर लगे आरोपों से मेरे समधी गहरे सदमे में थे। छिंदवाड़ा आश्रम पहुंचकर पुलिस ने अन्य लड़कियों पर भी दबाव बनाया। पुलिस ने लड़कियों से कहा कि वे भी ऐसा बयान दें कि जो उनकी सहेली के साथ हुआ, वो उनके साथ भी हुआ है। हालांकि लड़कियों ने इससे मना कर दिया। इस बात की जानकारी उनके शिष्य व समधी कृष्णानी को मिली तो वे टूट गए। इसी सदमे में उनकी जान चली गई।
 आसाराम के बेटे ने कहा- लड़की का दिमाग खराब है

दुष्कर्म के आरोपी आसाराम बापू के बचाव में उनके बेटे नारायण साईं ने गुरुवार को फिर विवादित बयान दिया। ससुर के अंतिम संस्‍कार में शामिल होने आए नारायण ने कहा कि आसाराम पर आरोप लगाने वाली लड़की पागल है। वह ढाई-ढाई घंटे तक नहाने के लिए बाथरूम में चली जाती थी और भी कई ऐसी हरकतें करती थी जो पागल ही कर सकता है।
नारायण ने बुधवार को भी राजकोट में प्रवचन के दौरान कहा था- आरोप लगाने वाली लड़की मानसिक रूप से कमजोर है। उसका दिमाग खराब है।
शिंदे से मिले गहलोत
इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात की। गहलोत ने उन्हें आसाराम के खिलाफ अब तक हुई कार्रवाई के बारे में बताया। बाद में गहलोत ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। निष्पक्षता से जांच चल रही है।
मंगलवार को चला था सात घंटे का ड्रामा
इंदौर में जिस आश्रम में आसाराम रुके थे, वहां मंगलवार सुबह सवा सात बजे ही जोधपुर पुलिस आ धमकी थी। समन देने के लिए। द्वार पर पुलिस थी और भीतर आसाराम थे। पर 7 घंटे लग गए संत को समन थमाने में।
जैसे ही पुलिस पहुंची, समर्थकों ने उसे द्वार पर रोक दिया। कहा-बापू नहीं मिल सकते। समन भी नहीं लेंगे। पुलिस ने अपना रूप दिखाया। सारे समर्थक इधर-उधर हो गए। पुलिस परिसर में दाखिल। वहां पुलिस से कहा गया-बापू ध्यान में चले गए हैं। समन हमें दे दो। फिर आई कड़क आवाज़। ध्यान से निकलने दो। और चिंता मत करो। समन तामील कराना हमें आता है।

7 घंटे बाद की कहानी और भी अलग
पुलिस चली गई। आसाराम सामने आसन पर बैठे थे। और सामने समर्थकों का हुजूम। प्रवचन शुरू हुए। इतने में एक टीवी चैनल का संवाददाता आ पहुंचा। सवाल पर सवाल। आप पर गंभीर आरोप हैं। आसाराम ने कहा-सब झूठ है

जोधपुर की उस कुटिया में ऐसा कुछ हो ही नहीं सकता। आपस में बोलो तो वहां से दूर तक आवाज जाती है। मैंने डेढ़ घंटे मुंह दबाया और किसी को आवाज ही नहीं आई! ऐसे कैसे हो सकता है? मिला होगा। कई लोगों से मिलता हूं। लेकिन वैसा नहीं मिला, जैसा कहा जा रहा है। सवाल तीखे हुए। आपको गिरफ्तार किया जा सकता है? जवाब -7 नहीं, 17 साल के लिए जेल में डाल दो।

सांच को आंच नहीं। संवाददाता ने पूछा-आप खुद को निदरेष कैसे साबित करेंगे? भक्तों ने जयघोष शुरू किया। आसाराम ने कहा-थोड़ा कैमरा उधर भी घुमा दो। 

मुझे तो रोज 20 देश के लोग देखते और सुनते हैं। गुस्सा चेहरे पर साफ था। संवाददाता ने फिर सवाल किया। 
आसाराम ने कहा-अब जरा भक्तों से बात कर लूं। बोलने लगे- सुबह उठकर पानी पीना बहुत जरूरी है। सुबह 9 से 11 के बीच भोजन सर्वोत्तम। संवाददाता का सवाल-गुस्से के बावजूद हंसते हुए आसाराम ने भक्तों से कहा-रात को 1 से 3 बजे के बीच जागना खतरनाक है।
 खारिज होने के डर से आसाराम ने वापस ली ट्रांजिट बेल की अर्जी, हो सकते हैं गिरफ्तार

संवाददाता ने कहा-जवाब तो दीजिए। अनसुना करते हुए भक्तों से फिर कहा-टेंशन 3 प्रकार के होते हैं। शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक। संवाददाता ने फिर तेज आवाज में सवाल किया। आसाराम ने माइक से ही शुरू किया-ओम.ओम.ओम.। 

भक्त भी यही दोहराने लगे। संवाददाता ने फिर जवाब मांगा। आसाराम ने फिर कहा-हसंते रहिए। हंसने से ऊपर बताए सारे टेंशन भाग जाते हैं। फ्लाइट का टाइम हो गया है। चलो एयरपोर्ट। और आसाराम मुंबई होते हुए सूरत की फ्लाइट के लिए निकल गए। sabhar : bhaskar.com





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गुरुवार, 29 अगस्त 2013

खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

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खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

अभी तक तो सभी लोग बस इसी बात का इंतजार कर रहे थे कि कब कैटरीना कैफ और रणबीर कपूर अपने रिलेशनशिप को सबके सामने स्वीकार करेंगे। लेकिन यहां तो सीधे सगाई और शादी की बात होने लगी है।
 
इस कपल के बारे में लेटेस्ट खबर ये है कि ये दोनों रिलेशनशिप के स्टेटस से आगे बढ़ गए हैं और जल्दी ही सगाई करने वाले हैं।
 
एक एंटरटेनमेंट एंड लाइफस्टाइल वेबसाइड के मुताबिक रणबीर इन दिनों अपने कई करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों से इस बारे में बात कर रहे हैं कि कपूर खानदान की बहू बनने के लिए कैटरीना कैफ कैसी रहेंगी? अगर ये सारे लोग कैट के लिए अच्छा रिस्पॉन्स देते हैं तो जल्दी ही ये दोनों सगाई कर लेगें।
 खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

वैसे अगर रणबीर कैटरीना के रिलेशनशिप की बात की जाए तो जब से ये दोनों स्पेन के बीचेस पर छुट्टियां मना कर लौटे हैं, तब से फिल्म इंडस्ट्री और पूरी मीडिया में यही छाए हैं।
खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

इनके वेकेशन्स की तस्वीरें इतनी वायरल हो गई थीं कि कैटरीना ने तो मीडिया को लेटर तक लिख दिया था कि उनकी निजी तस्वीरें ना दिखाई जाएं।

खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

हालांकि कपूर परिवार के मुताबिक ये चीजें अब काफी पुरानी हो गई हैं और अब कैट और रणबीर अपना रिश्ता आगे बढ़ाने की सोच रहे हैं।

खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

यहां तक कि रणबीर का मां भी कैटरीना को अपनी बहू बनते देखना चाहती हैं। उनकी तरफ से रणबीर को कैट के लिए ग्रीन सिग्नल मिल चुका है।
बताया ये जा रहा है कि 28 सितंबर को जब रणबीर का बर्थडे होगा तो रणबीर कैटरीना को प्रपोज करने वाले हैं। अगर कैटरीना इसके लिए हां बोल देती हैं तो जल्दी ही इन दोनों की सगाई भी हो जाएगी। इसके लिए रणबीर की तरफ से प्लानिंग अभी से शुरू हो गई है।

खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!
खैर, इनके रिश्ते में अब आहगे जो भी हो, रणबीर अपनी प्लेब्वॉय की इमेज के लिए तो फेमस हैं ही। लेकिन अब अगर वो कैट से शादी के बारे में सोच रहे हैं तो ये जरूर एक बड़ी खबर है।
खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!

अभी तक कैटरीना अपनी बहन की शादी की वजह से लंदन में व्यस्त थीं लेकिन बीती रात वो भी मुंबई वापस आ गई हैं।
खत्म हुआ कपूर खानदान का इंतजार, रणबीर कैटरीना की होगी सगाई!
वहीं दूसरी ओर रणबीर इन दिनों अपनी आगामी फिल्म 'बेशर्म' के प्रमोशन में व्यस्त हैं।तो इन दोनों स्टार्स के फैन्स के लिए अच्छी खबर यही है कि सितंबर में उन्हें गुड न्यूज मिल सकती है।






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ये है अमेरिका की असली ताकत, PIX देख मजबूरी में दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां

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ये है अमेरिका की असली ताकत, PIX देख मजबूरी में दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां


आधुनिकता के इस दौर में दुनियाभर के देश अपने आपको शक्तिशाली और समृद्ध बनाने के लिए जमकर प्रयोग कर रहे हैं। वे ऐसे प्रोजेक्ट पर पैसा लुटा रहे हैं जिनकी बदौलत दुनियाभर में उनकी ताकत और बढ़ सके। वे पहले से भी ज्यादा समृद्ध और आधुनिक हो जाएं और उनके यहां का बिजनेस और इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ बन सके।  
 
इनमें प्रमुख रूप से अमेरिका और चीन ऐसे देश हैं जो अपने सरकारी खजाने से बेशुमार दौलत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर खर्च कर रहे हैं। चलिए हम आपको दुनिया के  ऐसे इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट के बारे में बता रहे हैं जो कि दुनिया के सबसे महंगे प्रोजेक्ट में शुमार हैं। इनमें से कुछ पूरे हो चुके हैं और कुछ पर अभी काम चल रहा है। 






ये है अमेरिका की असली ताकत, अंबानी की दौलत से चार गुना ज्यादा है इसकी लागत

जेराल्ड आर फोर्ड क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर
 
लागत- करीब 5476 करोड़ रुपए
 
द जेराल्ड आर फोर्ड क्लास एयरक्राफ्ट कैरिअर्स (सीवीएन 78) अमेरिकी नौसाना का नेक्स जनरेशन सुपर कैरिअर पोत होगा। इसका निर्माण कार्य २क्क्७ में शुरू हुआ। 2015 तक इसे तैयार करने की योजना है। यह पोत अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लेस रहेगा। यह न्यूक्लियर पॉवर एयरक्रॉफ्ट ले जाने में समक्ष है। फिलहाल यह अमेरिका के इकलौते न्यूक्लियर पॉवर एयरक्रॉफ्ट कैरियर शिप बिल्डिंग यार्ड में निर्माणाधीन है। इस प्रोजेक्ट के तहत अभी तीन पोत तैयार किया जा रहे हैं लेकिन आगामी समय में 11 पोत तैयार किए जाएंगे। 
 ये है अमेरिका की असली ताकत, अंबानी की दौलत से चार गुना ज्यादा है इसकी लागत

 बिग डिग, बोस्टन
 
लागत- करीब 98710 करोड़ रुपए
 
यह इंटरस्टेट टनल है। यह अमेरिकी शहर बोस्टन के बीचो बीच से गुजरती है। करीब 3.5 मील लंबी यह टनल दुनिया के सबसे महंगे हाईवे प्रोजेक्ट में शुमार है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े कई क्रिमिनल रिकार्ड भी हैं। जनवरी 2006 में यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया था। यह बेहद मुश्किल टन हाइवे प्रोजेक्ट की गिनती में आता है। 


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हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम क्यों गिराए गए थे?

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हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम क्यों गिराए गए थे?

जापान अपने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर दुनिया भर में परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिए संघर्ष करेगा। यह बात जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 6 अगस्त को हिरोशिमा पर अमरीकी परमाणु बमबारी की 68-वीं बरसी पर आयोजित एक स्मृति समारोह में बोलते हुए कही।

यह लक्ष्य तो बहुत ही अच्छा है, लेकिन इसे हासिल करने की संभावना लगभग नहीं के बराबर है। इसका कारण यह है कि परमाणु हथियारों के मामले में भी राजनीति की जा रही है। अगर ऐसी स्थिति से निपटना है तो सबसे पहले मानवजाति को इस सवाल का जवाब बड़ी ही ईमानदारी से देना होगा कि हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने की ज़रूरत क्या थी। इस संबंध में मास्को स्थित अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान के एक वरिष्ठ शोधकर्ता आन्द्रेय इवानोव ने कहा-
यह बात तो निर्विवाद है कि अमरीकियों द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर की गई परमाणु बमबारी जापानी जनता के लिए एक भयानक त्रासदी थी। उस परमाणु बमबारी के कारण आज भी कई लोग बीमार होते हैं और मर जाते हैं। आज भी इस सवाल पर बहस जारी है कि जापान पर की गई परमाणु बमबारी कहाँ तक जायज़ थी। अमरीका में आज भी इसी बात का प्रचार किया जाता है कि हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराने के बाद ही जापान आत्मसमर्पण करने पर मज़बूर हुआ था और इसकी बदौलत ही लाखों अमरीकी, ब्रिटिश, सोवियत, चीनीऔर जापानी सैनिकों की जानें बच गई थीं। जहाँ तक कि सन् 2007 में जापान के रक्षामंत्री फ़ुमियो कियुमा ने तो यह भी कह दिया था कि हिरोशिमा और नागासाकी पर की गई परमाणु बमबारी त्रासदिक तो थी लेकिन इसके बिना कोई दूसरा विकल्प भी तो मौजूद नहीं था। इस प्रकार, पश्चिम में आज भी हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमबारी की आवश्यकता का विचार प्रमुख धारणा बना हुआ है और वहाँ इस बमबारी को न्यायोचित ठहराया जाता है।
आन्द्रेय इवानोव ने याद दिलाया है कि उस समय ख़ुद ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि अमरीका की परमाणु बमबारी से नहीं, बल्कि जापान के विरुद्ध युद्ध में सोवियत संघ के शामिल होने के बाद ही जापान आत्मसमर्पण करने पर मज़बूर हुआ था। रूस में तो इस बात को बच्चा-बच्चा जानता है लेकिन पश्चिम में इसे भुला दिया गया है। इसलिए कई पश्चिमी पाठक एक ब्रिटिश इतिहासकार, वार्ड विल्सन के लेख "स्टालिन ने वह काम चार दिनों में कर दिखाया जो अमरीका चार साल में भी नहीं कर पाया था" को पढ़कर बहुत हैरान हुए हैं। वार्ड विल्सन ही "परमाणु हथियारों के बारे में पाँच भ्रम" शीर्षक से एक पुस्तक लिखी थी। लेखक ने इस अवधारणा को ग़लत सिद्ध किया है कि परमाणु बमबारी के कारण ही प्रशांत महासागर में युद्ध का अंत हुआ था। परमाणु बमबारी से पहले भी "उड़ते किले" नामक अमरीकी विमानों ने बमबारी करके दर्जनों जापानी शहरों का नामो-निशान मिटा दिया था। इन हमलों में लाखों लोग मारे गए थे। लेकिन उस समय की जापानी आलाकमान का कहना था कि ऐसे हमलों की बदौलत पूरा राष्ट्र एकजुट हो रहा है और दुश्मन का मुकाबला कर रहा है। इसलिए जब 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर परमाणू बम गिराया गया था तो जापानी नेताओं को बहुत परेशानी नहीं हुई थी। 9 अगस्त को नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने के बाद भी जापानी नेताओं के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया था। उनके रवैये में बदलाव तब ही आया था जब उसी दिन जापान के प्रधानमंत्री कन्तारो सुज़ुकी ने एक आपात बैठक में कहा था कि "आज सुबह सोवियत संघ के द्वारा युद्ध में शामिल हो जाने से हम एक कठिन स्थिति में फंस गए हैं और अब इस युद्ध को जारी रखना असंभव है"।
वास्तव में, जब सोवियत सैनिक मंचूरिया में बड़ी तेज़ी से आगे बढ़े थे तो तब ही जापान के सम्राट हिरोहितो 14 अगस्त को आत्मसमर्पण संबंधी एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने पर मज़बूर हुए थे। केवल सोवियत सेना के निर्णायक हमले के कारण ही मंचूरिया और कोरिया में जापानी सशस्त्र बलों को पराजय का मुँह देखना पड़ा था और 19 अगस्त 1945 को जापान ने बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण कर दिया था। वास्तव में, हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमबारी ने नहीं, जिसने कि हज़ारों निर्दोष जापानी नागरिकों की जानें ले ली थीं, बल्कि सोवियत सेना की इस कार्रवाई ने ही युद्ध का अंत किया था। इस परमाणु दुःस्वप्न के बिना भी युद्ध का अंत ऐसा ही होना था। लेकिन अमरीका इस "परमाणु डण्डे" से सोवियत संघ पर दबाव डालना चाहता था।
लगातार परमाणु सर्वनाश के ख़तरे के डर के माहौल में जीना बहुत ही असहज होता है। लेकिन हिरोशिमा और नागासाकी की त्रासदी को भूल जाने से ही दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त नहीं कराया जा सकता है। इस सिलसिले में आन्द्रेय इवानोव ने कहा-
दुर्भाग्य से, हम देख रहे हैं कि आज कई देशों के लिए परमाणु हथियार ही उनके अस्तित्व की एक विश्वसनीय गारंटी हैं। उदाहरण के लिए, इज़राइल ऐसा ही समझता है। लेकिन, इज़राइल के परमाणु हथियारों की मौजूदगी पर अमरीका को कोई आपत्ति नहीं है पर प्योंगयांग के संबंध में उसका रवैया इसके बिलकुल उलट है। उत्तरी कोरिया के लिए भी मिसाइलें और परमाणु हथियार उसकी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। वाशिंगटन एक के बाद एक संप्रभु देशों में सत्ता परिवर्तन करवा रहा है, लेकिन प्योंगयांग को इस बात की कोई गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है कि वहाँ भी ऐसा नहीं किया जाएगा। ईरान की स्थिति भी ऐसी ही है।
इससे यही निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि अगर कई देशों को बाहरी हमलों के विरुद्ध कोई अन्य विश्वसनीय गारंटी नहीं दी जाएगी तो वे परमाणु हथियार प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील रहेंगे और ऐसी स्थिति में दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त कराने का सपना कभी साकार नहीं हो सकता है। sabhar : http://hindi.ruvr.ru
और पढ़ें: http://hindi.ruvr.ru/2013_08_06/hiroshima-nagasaki-parmanu/

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यूराल पर्वत की तलहटी की विचित्र यात्रा

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यूराल पर्वत की तलहटी की विचित्र यात्रा

रूस के यूराल पहाड़ों की तलहटी में मलियोब्का नामक एक गाँव बसा हुआ है। आजकल वहाँ पर्यटकों की ख़ूब रौनक लगी रहती है। उफो विशेषज्ञों ने इस इलाके को “मलियोब्का त्रिकोण” का नाम दिया हुआ है।

इस "विषम" क्षेत्र में लगातार रहस्यमयी घटनाएं घटती रहती हैं, और कोई भी नहीं बता सकता है कि ये घटनाएं क्यों घटती हैं। यही कारण है कि दुनिया के कोने-कोने से लोग यहाँ आते हैं और वे इस उम्मीद से यहाँ आते हैं कि शायद परग्रह-वासियों से उनकी मुलाकात हो सके।
इस इलाके में पहुँचना कोई आसान काम नहीं है। यहाँ सड़कें नहीं हैं। यहाँ जंगलों के बीचों-बीच गुज़रना पड़ता है। वाहन कीचड़ में फंस जाते हैं। वीडियो कैमरे बंद हो जाते हैं। झाड़ियों में से दूधिया रोशनी निकलती दिखाई देती है मानो धरती के गर्भ से किरणें निकल रही हों। आकाश में आग के गोले उड़ते दिखाई देते हैं।
अचानक पेड़ों की चोटियों से ऊपर आकाश में विशाल मानव आकृतियां दिखाई देने लगती हैं। गाइड पर्यटकों को सलाह देता है कि अगर किसी को ठंड लगती है तो वे गुनगुने भोज वृक्षों से चिपक जाएँ को क्योंकि ये वृक्ष ठंड के मौसम में भी गर्मी देते हैं। इस विचित्र जगह का सबसे पहले एक भूविज्ञानी एमिल बचूरिन ने पता लगाया था। बाद में, एक दिन रहस्यमयी परिस्थितियों में अपने घर में ही उनकी जलकर मृत्यु हो गई थी। अपने जीवनकाल में एक बार उन्होंने बताया था कि मलियोब्का त्रिकोण में परग्रह-वासियों से उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने बताया था-
मैंने आकाश में बादलों के बीचों-बीच नीले-बैंगनी रंग की चमकती हुई कोई चीज़ देखी। वह बड़ी तेज़गति से नीचे उतर रही थी। जब वह ज़मीन की सतह से टकराई तो उसने एक चमकदार गोलार्द्ध का रूप धारण कर लिया। वह चलती-चलती गाँव की ओर बढ़ने लगी। अब तक वह एक गुंबद में बदल गई थी। मैंने इस जगह को याद कर लिया और अगले दिन वहाँ पहुँच गया। रात को कुछ हिमपात हुआ था। मैंने उस जगह पर एक गोल दायरा देखा। वहाँ घास दबी हुई थी। और तापमान शून्य से नीचे होने के बावजूद गोल दायरे के केंद्र से भाप निकल रही थी।
अब इस क्षेत्र में घटी घटनाओं का उल्लेख न केवल रूस में बल्कि विदेशों में भी किया जाता है। जापान, अमरीका, इंग्लैंड, कनाडा, इटली और अन्य देशों की उफो पत्रिकाओं में मलियोब्का त्रिकोण का हवाला दिया जाता है। शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में ऐसे लगभग चालीस स्थान खोज डाले हैं जहाँ समय भी अपनी गति बदल लेता है। चाबी वाली यांत्रिक घड़ियाँ दिन में कुछ घंटे पीछे चलने लगती हैं और इलेक्ट्रॉनिक घड़ियों पर केवल शून्य दिखाई देता है या फिर बड़ी अजीब-सी संख्या दिखाई देने लगती है। हालांकि, भूभौतिकीविदों को इन घटनाओं में कोई रहस्य दिखाई नहीं देता। उनका कहना है कि यहाँ की चुंबकीय विसंगति और भूमि संरचना की क्रस्टल-गति के कारण ही ऐसी घटनाएं घट रही हैं। बात दरअसल यह है कि इस इलाके में भूमि के नीचे कम गहराई पर ही गैस का एक भंडार मौजूद है। गर्मियों में यहाँ कुछ स्थानों पर दरारें पड़ जाती हैं और इन दरारों के ज़रिए गैस बाहर निकल आती है। इसलिए वहाँ आनेवाले किसी भी व्यक्ति पर इस मादक गैस का असर हो जाता है। “यहाँ शांति और खुशी की भावनाओं का अनुभव होता है। जिस किसी बात की समझ नहीं आती, यहाँ आकर उसका समाधान भी उपलब्ध हो जाता है।” इस प्रकार की कई टिप्पियाँ वेबसाइट molebka.ru पर छपी हुई हैं। इस सिलसिले में एक स्थानीय खोजकर्ता वालेरी यकीमोव ने कहा-
दुनिया के कोने-कोने से यात्री यहाँ आते हैं। हमारे यहाँ बहरीन से भी कुछ मेहमान आए थे। इस अरब देश की एक महिला नेसंयोग से ही हमारी वेबसाइट देख ली। इस साइट पर छपे चित्रों को देखते ही वह इतनी आकर्षित हुईं कि उनके साथ एक पूरा ग्रुप यहाँ पहुँच गया। इन लोगों ने पूरे बीस दिन यहाँ बिताए।
मलियोब्का त्रिकोण की यात्रा बहुत सस्ती है। इसके आयोजकों के अनुसार, अगर कोई टेंट आदि आपने साथ लेकर यहाँ की यात्रा पैदल करता है तो उससे एक पैसा भी नहीं लिया जाता है। केवल भोजन की लागत ही वसूल की जाती है। लेकिन यदि कोई यात्री कारों और स्नोमोबाइल की सेवाएं लेनी चाहता है तो उससे भी केवल एक सौ डॉलर ही वसूल किए जाते हैं sabhar :http://hindi.ruvr.ru
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आ के फिर ना जायेगी जवानी

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स्रोत फोटो : गूगल 
आ के  फिर ना जायेगी जवानी  जवानी जो तीनो पड़ाव मे मे सबसे  लुभावनी है  | कब सरक जाती है पता नहीं चलता  मगर ईधर पश्चिम  देशो मे  कयी ऐसी चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है | जो आई जवानी के वापस न जाने की बात कही है, यानी की सदाबहार जवानी का दावा  इस संदर्भ मे पिछले दिनो हावर्ड विश्विद्यालय से आई रिपोर्ट अपने आप मे पहली रिपोर्ट कही जा सकती है | जो जवानी की चाभी कही जाने वाली टेलोमियर्स को राह पे आने मे सफल हुई है |

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स्रोत फोटो : गूगल 
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 स्रोत फोटो : गूगल 

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      साभार : हिंदुस्तान दैनिक 

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