फोन जो आवाज सुनकर करेगा बात

गूगल के स्वामित्व वाली मोटोरोला ने एक ऐसा फोन लॉन्च किया है जो 'ऑलवेज लिसनिंग' यानी हमेशा फोन मालिक की आवाज के इशारों पर काम करता है।

'मोटो एक्स' नाम से लॉन्च हुआ ये फोन 'टच स्क्रीन' वाला फोन नहीं है बल्कि सुनकर कमांड लेता है।

इस फोन का निर्माण अमेरिका में किया जाएगा। इसे उपभोक्ताओं की जरूरतों के अनुकूल बनाने के लिए इसमें तमाम विकल्प दिए गए हैं।

इंटरनेट के क्षेत्र में शीर्ष कंपनी गूगल ने पिछले साल मोटोरोला को 12।5 अरब डॉलर में खरीद लिया था। उसके बाद से मोटोरोला ने ये पहला उत्पाद पेश किया है।

मोबाइल फोन उद्योग के विश्लेषकों का कहना है कि मोटो एक्स के बाजार में आने से एंड्राएड ऑपरेटिंग सिस्टम के बाजार पर असर पड़ेगा क्योंकि कई दूसरे फोन निर्माता गूगल के इस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं और वो मुनाफे के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मोटो एक्स का हार्डवेयर अमेरिका के टेक्सास में एक नए प्लांट में बनाया जाएगा। कई कंपनियां अब 'मेड इन यूएसए' को भुनाने की दिशा में काम कर रही हैं और मोटोरोला भी अब उनमें शामिल हो गई है।

नया अनुभव
पिछले साल मई में मोटोरोला का स्वामित्व गूगल के पास आने के बाद से मोटो एक्स पहला ऐसा फोन है जिसे कंपनी ने पूरी तरह खुद डिजाइन किया है।

हालांकि गूगल के नियंत्रण में आने के बाद मोटोरोला ने कुछ अन्य हैंडसेट बाजार में उतारे हैं लेकिन उन पर पहले से ही काम चल रहा था।

मतलब ये कि मोटो एक्स एक ऐसा फोन है जिसे गूगल की मोबाइल फोन को लेकर बाजार रणनीति के संकेतक के रूप में देखा जा रहा है।

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म आईडीसी के मोबाइल फोन विश्लेषक फ्रांसिस्को जरोनिमो का कहना है कि कंपनी ने फोन की नियंत्रण प्रणाली की मूलभूत अवधारणा को बदलने की कोशिश की है।

"बोलकर फोन को कमांड देना एक अलग अनुभव है। यूजर्स को इसमें बड़ा स्क्रीन मिलता है, वॉयस कंट्रोल है। इसलिए उपभोक्ता अगर इसकी ओर आकर्षित होते हैं तो उसकी सबसे बड़ी वजह होगी मौजूदा स्मार्ट फोन से अलग नया अनुभव। मेरे हिसाब से ये अगले साल के सबसे बड़े मोबाइल ट्रेंड में से एक होगा।"

जरोनिमो बताते हैं, "वॉयस कमांड सिस्टम वाले दूसरे फोन में पहले एक बटन दबाना होता है फिर आप कमांड दे सकते हैं। लेकिन इस ऑपरेटिंग सिस्टम में आपको पहले सिर्फ ये बोलना होगा - 'ओके गूगल नाउ...' और फिर अपना कमांड देना होगा, फोन कमांड के अनुसार काम करने लगेगा। ये वाकई बेहद आसान होगा।"

phone will work on voice command of user
गूगल बनाम सैमसंग
सैमसंग गूगल के एंड्रॉएड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाली सबसे प्रभावी कंपनी है, लेकिन अब इस नए फोन से होने वाली संभावित प्रतिस्पर्धा को लेकर दोनों कंपनियों के बीच तनाव बढ़ सकता है।

जरोनिमो कहते हैं, "एंड्रॉएड ऑपरेटिंग सिस्टम का पूरी दुनिया में होने वाले इस्तेमाल का 60 फीसदी अकेले सैमसंग करती है। एक तरह से गूगल और सैमसंग कारोबारी हित को देखते हुए एक-दूसरे पर निर्भर हैं।"

ऐसे में मोटो एक्स के बाजार में आने के साथ गूगल की कोशिश ये होगी कि ये सफल साबित हो और अगर ऐसा होता है तो सैमसंग के बाजार पर उसका असर होगा।

शायद इसी चुनौती को भांपते हुए पिछले हफ्ते ही सैमसंग ने घोषणा की कि जल्दी ही वो विशेषज्ञों का एक सम्मेलन आयोजित करेगा जिसमें तमाम सॉफ्टवेयर डेवलपर्स हिस्सा लेंगे।

मोटोरोला का कहना है कि मोटो एक्स को अमेरिका, कनाडा और लैटिन अमेरिका के बाजार में अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में उतारा जाएगा।

दो साल के कॉन्ट्रैक्ट डील के तहत खरीदे जाने पर इसकी कीमत होगी 199 डॉलर।

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट