भारत के चार शहरों की जलसमाधि बनाने का खतरा!
नई दिल्ली. दुनिया भर में तेजी से बदल रहे मौसम से होने वाले खतरे के बारे में अब तक बहुत कुछ कहा जा चुका है। मौसम में इस बदलाव से होने वाले संभावित खतरों पर भी दुनिया भर में चर्चा हो रही है लेकिन असल खतरा दुनिया भर में समुद्र के किनारे बसे शहरों और वहां रह रहे लोगों पर मंडरा रहा है। दुनिया के 20 ऐसे शहर हैं जिनका आने वाले सालों में नामो निशां तक मिट सकता है और उन शहरों की जल समाधि बन सकती है। वर्ल्ड बैंक के नए अध्ययन में कहा गया है कि अगर दुनिया भर की सरकारें इन विनाश की आहट समय रहते नहीं सुनेंगी और बाढ़ से बचने के तरीकों पर गौर नहीं करेंगी तो दुनिया के इन शहरों को बर्बाद होने से नहीं बचाया जा सकता है। 2050 तक इन शहरों में बाढ़ से होने वाला नुकसान 63 लाख करोड़ रुपए होगा। पहले नंबर पर चीन का शहर ग्वांगझू है।
दूसरे नंबर पर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई है। समुद्र के किनारे बसे होने की वजह से इस पर ज्यादा खतरा है। पिछले कुछ सालों से बाढ़ से मुंबई को काफी नुकसान हुआ है।
मुंबई के बाद भारत का जो दूसरा शहर रिस्क पर है वह कोलकाता है। कोलकाता की बाढ़ का एक दृश्य।
इक्वाडोर का ग्वायाक्विल शहर भी खतरे के निशान पर तैर रहा है।
चीन का शहर शेनझेन खतरे की सूची में पांचवें नंबर पर है।
भारत का शहर चेन्नई भी आने वाले सालों में डूबने के कगार पर है।
नरेंद्र मोदी के गुजरात का शहर सूरत भी ग्लोबल वार्मिंग के खतरे पर है।
sabhar : bhaskar.com
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