श्रीलंका बोला- डॉलर की तरह इस्तेमाल हो रुपया:कहा- ये कॉमन करेंसी बना तो ऐतराज नहीं; अब भारत की तेजी से विकास करने की बारी

 श्रीलंका भारतीय रुपए को कॉमन करेंसी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसंघे ने कहा है कि श्रीलंका भारतीय रुपए का भी उतना ही इस्तेमाल होते देखना चाहता है जितना अमेरिकी डॉलर का होता है। अगर रुपए का इस्तेमाल कॉमन करेंसी के रूप में होगा तो इससे हमें कोई ऐतराज नहीं है। हमें ये देखना पड़ेगा कि इसके बाद हमें क्या जरूरी बदलाव करने होंगे।श्रीलंका भारतीय रुपए को कॉमन करेंसी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए तैयार है

विक्रमसिंघे ने कहा- जैसे जापान, कोरिया और चीन सहित पूर्वी एशिया के देशों में 75 साल पहले बड़े पैमाने पर विकास हुआ, वैसे ही अब भारत और हिन्द महासागर के क्षेत्र की बारी है। दुनिया विकसित हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में भी तेजी से विकास हो रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति का यह बयान कोलंबो में इंडियन CEO फोरम को संबोधित करते हुए आया।

विक्रमसिंघे बोले- श्रीलंका की अर्थव्यवस्था ठीक हो रही
द डेली मिरर के मुताबिक, विक्रमसंघे ने कहा कि श्रीलंका को भारत से गहरे रिश्तों के साथ ही समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और 2,500 साल पुराने व्यापारिक संबंधों से फायदा मिलता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा- हम आर्थिक संकट से बाहर निकल रहे हैं. सुस्ती के बावजूद अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है।

विक्रमसिंघे की भारत यात्रा के मायने

  • पिछले साल श्रीलंका में सिविल वॉर जैसे हालात बन गए थे और जनता ने राजपक्षे ब्रदर्स की सरकार को उखाड़ फेंका था। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे ने देश की कमान संभाली थी। दरअसल, रानिल सिर्फ गोटबाया राजपक्षे का बचा हुआ टेन्योर पूरा करने तक ही राष्ट्रपति रहेंगे। यह कार्यकाल सितंबर 2024 तक है।
  • भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा अगले हफ्ते कोलंबो जा रहे हैं। इस विजिट के दौरान विक्रमसिंघे की भारत यात्रा से जुड़ी तमाम तैयारियां पूरी की जाएंगी। श्रीलंकाई अखबार ‘द डेली मिरर’ के मुताबिक- रानिल की यह विजिट श्रीलंका के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। दिवालिया होने के बाद अगर इस देश की सबसे ज्यादा किसी ने मदद की थी तो वो भारत था और श्रीलंकाई सरकार इस बात तो पब्लिक प्लेटफॉर्म्स पर कई बार दोहरा चुकी है।
  • दरअसल, श्रीलंका में भारत की मदद से करोड़ों रुपए के वेलफेयर प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। श्रीलंकाई राष्ट्रपति और मोदी मिलकर इनकी समीक्षा करेंगे। कुछ प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो पूरे हो चुके हैं।
  • पॉवर और एनर्जी, एग्रीकल्चर और नेवल डिफेस से जुड़े मामले सबसे ज्यादा अहम हैं। माना जा रहा है ये वो मुद्दा है जिस पर भारत और श्रीलंका मिलकर काम कर सकते हैं और यहां चीन भी मौजूद है। 

राष्ट्रपति ने कहा- जैसे ही हम कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग पूरी कर लेंगे, हमारा फोकस ग्रोथ एजेंडा पर होगा। इसके लिए हमें अपनी अर्थव्यवस्था, कानूनी ढांचे और सिस्टम में कुछ बड़े बदलाव करने होंगे, जिससे हमारा रास्ता भारत के साथ जुड़ सके। रानिल विक्रमसिंघे 21 जुलाई को 2 दिन के दौरे पर भारत आएंगे। इस दौरान वो PM मोदी से भी मुलाकात करेंगे। sabhar Bhaskar.com

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