अब खाना भी छपा करेगा
3डी प्रिंटर जब पहली बार मेलों में दिखाई दिए, तो लोग हैरान रह गए. कि किस तरह से घर पर ही लोग खिलौने, मूर्तियां घर ही प्रिंट हो सकेंगी. अब आया है डिजाइनर खाना बनाने वाला प्रिंटर.स्पेन की कंपनी ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे खाना भी खिलौने की तरह प्रिंट होगा. चाहे पिज्जा हो, बर्गर हो या फिर बिस्किट. कच्चा माल सूखने के बाद बस आप चाहें तो उसे बेक कर लें या फिर खाने को तरह तरह से डिजाइन दे दें.स्पेन की फूडिनी कंपनी के प्रिंटर को आने वाले दिनों में चीन में बनाया जाएगा. अमेरिका और यूरोप के कई देश इस प्रिंटर की 400 यूनिट पहले ऑर्डर कर चुके हैं.
3डी क्रांति
त्रिआयामी प्रिंटिंग में क्रांति तब आई जब घर में इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्रिंटर को पहली बार पेश किया गया. साथ ही रंग बिरंगी मूर्तियों, बर्तनों की छपाई शुरू हुई.खिलौने, और अपनी इमेज छापने की मासूम कोशिशों के बाद जब अमेरिका में एक व्यक्ति ने 3डी प्रिंटर से बंदूक छाप ली तब दुनिया के कान खड़े हुए. इसके बाद समझ में आया कि इस तकनीकी प्रगति के नुकसान भी हो सकते हैं.इस प्रिंटर से तीन तरीके से 3डी वस्तुएं छप सकेंगी. या तो सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर में 3डी मॉडल बना कर, 3डी कैमरे से या फिर 3डी स्कैनर से स्कैन कर तस्वीरें सीधे प्रिंट करना.महंगे हैं
फिलहाल 3डी प्रिंटर की कीमत 70 हजार रुपये से सवा लाख रुपये की बीच है. लेकिन इससे जुड़े सपोर्ट सिस्टम में एक मुश्किल बनी हुई है. 3डी कैमरे और स्कैनर बहुत महंगे हैं. सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करना हर किसी के बस की बात नहीं

पेन भी 3डी
पेन का आकार और वजन किसी छोटे हाथ के पंखे जितना है. 3डी सिमो पेन में इस्तेमाल किया जाने वाला पदार्थ तरल स्याही में तब्दील हो जाता है, जैसे ही यह हवा के संपर्क में आता है, सूख जाता है. इससे प्लास्टिक मॉडल तैयार किए जा सकते हैं.
एक से एक डिजाइन
दुनिया भर में तीन 3डी पेन अस्तित्व में हैं. दुनिया का पहला 3डी पेन 3डूडलर है, जिसे बोस्टन में विकसित किया गया है. चीन में एक स्पिनऑफ बनाया गया था और अब 3डी सिमो. sabhar :http://www.dw.de/


3डी क्रांति
त्रिआयामी प्रिंटिंग में क्रांति तब आई जब घर में इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्रिंटर को पहली बार पेश किया गया. साथ ही रंग बिरंगी मूर्तियों, बर्तनों की छपाई शुरू हुई.खिलौने, और अपनी इमेज छापने की मासूम कोशिशों के बाद जब अमेरिका में एक व्यक्ति ने 3डी प्रिंटर से बंदूक छाप ली तब दुनिया के कान खड़े हुए. इसके बाद समझ में आया कि इस तकनीकी प्रगति के नुकसान भी हो सकते हैं.इस प्रिंटर से तीन तरीके से 3डी वस्तुएं छप सकेंगी. या तो सॉफ्टवेयर से कंप्यूटर में 3डी मॉडल बना कर, 3डी कैमरे से या फिर 3डी स्कैनर से स्कैन कर तस्वीरें सीधे प्रिंट करना.महंगे हैं
फिलहाल 3डी प्रिंटर की कीमत 70 हजार रुपये से सवा लाख रुपये की बीच है. लेकिन इससे जुड़े सपोर्ट सिस्टम में एक मुश्किल बनी हुई है. 3डी कैमरे और स्कैनर बहुत महंगे हैं. सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करना हर किसी के बस की बात नहीं
पेन भी 3डी
पेन का आकार और वजन किसी छोटे हाथ के पंखे जितना है. 3डी सिमो पेन में इस्तेमाल किया जाने वाला पदार्थ तरल स्याही में तब्दील हो जाता है, जैसे ही यह हवा के संपर्क में आता है, सूख जाता है. इससे प्लास्टिक मॉडल तैयार किए जा सकते हैं.
एक से एक डिजाइन
दुनिया भर में तीन 3डी पेन अस्तित्व में हैं. दुनिया का पहला 3डी पेन 3डूडलर है, जिसे बोस्टन में विकसित किया गया है. चीन में एक स्पिनऑफ बनाया गया था और अब 3डी सिमो. sabhar :http://www.dw.de/
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें