नई स्टडीः आधुनिक इंसान सिर्फ 1.5% होमो सैंपियंस, बाकी 98.5% आज भी 'आदिमानव'

 नई स्टडीः आधुनिक इंसान सिर्फ 1.5% होमो सैंपियंस, बाकी 98.5% आज भी आदिमानव

वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि आज का इंसान 100 फीसदी होमो सैपियंस (Homo Sapiens) नहीं है. वह सिर्फ 1.5 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक ही होमो सैपियंस है. बाकी का ज्यादातर हिस्सा आज भी 'आदिमानव' है. इस नई स्टडी में यह खुलासा इंसानों की जीनोम का अध्ययन करके बताया गया है. आइए जानते हैं कि वैज्ञानिक किस आधार पर यह दावा कर रहे हैं? क्या इससे इंसानों के इवोल्यूशन की कहानी बदल जाएगी

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में बायोमॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर और इस स्टडी के प्रमुख लेखक रिचर्ड ई. ग्रीन ने बताया कि स्टडी के मुताबिक 1.5 से 7 फीसदी जीनोम ही होमो सैपियंस का है. डीएनए का बाकी 98.5 से लेकर 93.0 फीसदी तक निएंडरथल मानव (Neanderthals) से संबंधित 

हालांकि, इस स्टडी से यह बात स्पष्ट नहीं होती कि वर्तमान इंसान और निएंडरथल मानव के बीच किस तरह के बायोलॉजिकल अंतर हैं. प्रो. रिचर्ड कहते हैं कि यह एक बड़ा सवाल है, जिसके लिए भविष्य में हमें काफी काम करना होगा. लेकिन फिलहाल हमें ये पता चल गया है कि भविष्य में हमें ये अंतर पता करने के लिए किस दिशा में काम करना होगा

प्रो. रिचर्ड ई. ग्रीन की यह स्टडी हाल ही में साइंस एडवांसेस जर्नल में प्रकाशित हुई है. इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने आधुनिक मानवों के डीएनए के अलग-अलग हिस्सों का अध्ययन करके यह पता लगाने की कोशिश की है कि निएंडरथल मानवों का कितना हिस्सा आज के डीएनए में है. या हमें वह जैविक वंश में मिला है

प्रो. रिचर्ड कहते हैं कि हम जिस प्राचीन समय की बात कर रहे हैं उस समय दो इंसानी प्रजातियों ने आपस में क्रॉसब्रीड किया था. ये दोनों प्रजातियां थी विकसित हो रहे नए होमो सैपियंस और निएंडरथल. इसलिए यह जानना जरूरी था कि वर्तमान इंसानों में निएंडरथल मानवों का जेनेटिक वैरिएंट कितना है. या होमो सैपिंयस का जीनोम ज्यादा प्रभावी है. Sabhar aajtak.in 

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