योगी के साथ योग जारी रहेगा

अच्छे खेल के साथ योग ने भी विश्व कप जीतने में जर्मन टीम की मदद की. टीम हर दिन समुद्र के किनारे योगाभ्यास करती थी. योगी के नाम से मशहूर कोच योआखिम लोएव की टीम आगे भी ऐसा करती रहेगी.
 
"मैं इस वक्त किसी ऐसे काम के बारे में नहीं सोच सकता जो मेरे अभी के काम से अच्छा हो." लोएव टीम को 2016 के यूरोकप के लिए भी ट्रेन करेंगे और टीम और खिलाड़ियों पर काम करते रहेंगे.
लोएव ने पिछले साल ही जर्मन फुटबॉल संघ डीएफबी के साथ अपना करार 2016 तक बढ़ाया था. लेकिन मीडिया में इस तरह की अफवाहें उड़ रही थीं कि लोएव टीम को छोड़ना चाहते हैं. लेकिन कोच ने खुद इन अफवाहों को गलत बताया, "मैंने तो इसके बारे में एक पल भी नहीं सोचा. मैं तो सिर्फ वही कर रहा हूं जिसको लेकर विश्व कप से पहले बात हुई थी, कि हम मैच के बाद टूर्नामेंट का विश्लेषण करेंगे."
वर्ल्ड कप विजेता टीम का सफर बर्लिन के मशहूर ब्रांडेनबुर्ग गेट पर आकर थमा. विशाल मंच पर कोच समेत पूरी टीम आई. खिलाड़ियों ने एक एक ट्रॉफी उठाई और मुग्ध दर्शकों के साथ झूमने लगे.

लोएव कहते हैं कि विश्व कप के दौरान कई चीजें बदल जाती हैं और इसके बाद उन्हें थोड़ा वक्त चाहिए था ताकि वह अपनी भावनाओं को काबू में कर सकें और आगे के बारे में सोचें. 54 साल के योआखिम लोएव को जर्मन प्यार से योगी लोएव कहते हैं. 2006 में उन्होंने अपने बॉस यूर्गेन क्लिन्समान के जाने के बाद टीम की कमान संभाली. उनके आने के बाद टीम 2010 में सेमी फाइनल तक पहुंची और इस बार कप ही अपने नाम कर गई.
1990 के बाद पहली बार जर्मन टीम ने इस साल विश्व कप जीता है. लेकिन योगी के साथ योग ने भी टीम को सबसे ऊपर पहुंचाने में मदद की है. योगा कोच पैट्रिक ब्रूमे हर दिन टीम को ब्राजील के समुद्री तट पर योग कराते थे. ब्रूमे के मुताबिक, "खास तौर से कमर, पैरों और जांघ के लिए योग कराया जाता था." और तो और फाइनल से पहले एक ऐसा खिलाड़ी था जो योग करके अपने शरीर को स्ट्रेच करना चाहता था. ब्रूमे एक मनौवैज्ञानिक हैं जो जीवमुक्ति नाम का योग कराते हैं. इससे शरीर लचीला रहता है और इसमें कई मॉडर्न व्यायाम भी मिलाए गए हैं. इस बार टीम में योग की सफलता को देखते हुए लग रहा है कि यह आने वाले दिनों में भी योग टीम की ट्रेनिंग का हिस्सा रहेगा.
ब्रूमे कहते हैं कि योग ऐसे कई व्यायामों और कार्यक्रमों का हिस्सा है जो फुटबॉल खिलाड़ी अपनी ट्रेनिंग के दौरान करते हैं. जर्मनी की टीम में मुख्य कोच लोएव के अलावा उनका एक सहायक होता है जो इस वक्त हंस डीटर फ्लिक हैं. टीम के मैनेजर हैं ऑलिवर बीयरहोफ और खास गोलकीपर के ट्रेनर हैं आंद्रेआस कोएपके. इसके अलावा कई लोग हैं जो आयोजन और टीम की देख रेख के लिए टीम के साथ जाते हैं.
एमजी/ओएसजे(डीपीए) sabhar :http://www.dw.de/

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट