शोधकर्ताओं ने ढूंढा स्टीफन हाकिंग की बीमारी का इलाज



लंदन। शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के मशहूर भौतिक शास्त्री स्टीफन हॉकिंग की तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारी मोटर न्यूरोन का उपचार खोज निकालने की उम्मीद जताई है। नई तकनीक का अगले साल तक चिकित्सकीय परीक्षण किया जा सकता है।
शेफील्ड इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल न्यूरोसाइंस के मुताबिक, इस तकनीक से मोटर न्यूरोन बीमारी के उपचार का मार्ग प्रशस्त होगा। इसकी मदद से ऐसे लोगों की पहचान की जा सकेगी, जिसके परिवार में तंत्रिका तंत्र संबंधी बीमारी रही हो। इससे जीन संबंधी गड़बड़ी को पहले ही सुधारा जा सकेगा।
जीन थेरेपी के प्रोफेसर मिमोन अजोज के मुताबिक, मोटर न्यूरोन बीमारी का कोई इलाज नहीं है। इससे पीड़ित व्यक्ति के जिंदा बचने की संभावना बहुत कम होती है। व्यक्ति अपनी मांसपेशियों पर नियंत्रण खो बैठता है। इसके कुछ मामले अनुवांशिक होते हैं जिनमें एसओडी1 जीन की गड़बड़ी पाई जाती है। हम इस जीन की गड़बड़ी को सही करने के प्रयास कर रहे हैं। ताकि बीमारी के लक्षण उभरने से पहले ही जीन का उपचार किया जा सके।
प्रोफेसर अजोज ने कहा, मौजूदा समय में रिलुजोल नाम की दवा से मरीज के जीवनकाल को तीन से छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। लेकिन इसका प्रभाव सभी मरीजों पर एक जैसा नहीं होता।
दुनिया भर में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' के लेखक और कैम्ब्रिज सेंटर फॉर थ्योरेटिकल कॉस्मोलॉजी में शोध निदेशक स्टीफन हाकिंग बोलने के लिए कंप्यूटर तकनीक की मदद लेते हैं, जिससे उनके जबड़े की मांसपेशियों से संचालित होती हैं। यह पहेली शोधकर्ताओं की समझ से अभी तक बाहर है कि वह मोटर न्यूरोन जैसी खतरनाक बीमारी के साथ 40 साल से कैसे जीवित हैं
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