नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

इनसे मिलिए, ये हैं सुभाष, जिन्होंने 11 सालों से नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

सिरसा. गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करवाने व अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर एक साधु ने 11 साल से अन्न का एक दाना भी ग्रहण नहीं किया। साधु का प्रण है कि जब तक सरकार उसकी दोनों मांगों को पूरा नहीं करती वह अन्न ग्रहण नहीं करेगा।
 
इसी मांग को लेकर हिसार जिले के टोक्स गांव के दादा केसराराम धाम में रहने वाले सुभाष मुनि ने सोमवार को सिरसा में धरना दिया। उन्होंने गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने की मांग का लेकर डीसी को ज्ञापन भी दिया। मुनि का कहना है कि देश में गाय की हालत बहुत बुरी है। बुचडख़ानों में गो वध हो रहा है। गाय भूखी प्यासी व बेसहारा भटक रही है। गाय को हिंदू धर्म में तो इसको माता का दर्जा दिया गया है।
 
केवल हरी सब्जी खा रहे हैं...
 
65 वर्षीय सुभाष मुनि ने बताया कि वे पिछले 11 साल से अन्न ग्रहण नहीं कर रहे हैं। वे केवल हरी सब्जी पर सेंधा नमक मिलाकर खाते हैं। उनका प्रण है कि जब तक दोनों प्रमुख मांगों में से उनकी एक भी मांग पूरी हो गई तो वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। सुभाष मुनि भारत भ्रमण कर चुके हैं।
 
उन्होंने जगह जगह जाकर यह मांग जोर शोर से उठाई है। वे अब तक 38 बार धरना दे चुके हैं। जिनमें दिल्ली के इंडिया गेट, संसदीय भवन व जंतर मंतर पर भी धरना शामिल है। इसके अलावा जहां भी गोरक्षा से जुड़ा मामला हो मुनि तुरंत वहां पहुंच जाते हैं। इसके अलावा अयोध्या में राममंदिर निमार्ण को लेकर भी वे अग्रणी भूमिका निभाते नजर आते हैं।
 
वैसे हम आपको बता दें कि ये अपनी तरह का कोई इकलौता मामला नहीं है। इससे पहले भी देश-विदेश में इस तरह के कई मामले आ चुके हैं, जिसमें लोग या तो खाना खाते ही नहीं है और अगर खाते भी हैं, तो कोई निश्चित चीज। हरियाणा की ही एक लड़की ने पिछले 25 सालों से अन्न नहीं खाया है। इतनी उम्र तक वो सिर्फ दूध पी कर जिंदा है।
इनसे मिलिए, ये हैं सुभाष, जिन्होंने 11 सालों से नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

हो सकता है आपको ऐसा लगे कि ये लड़की कोई साध्वी या पुजारिन है, लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है और ये एक बिल्कुल सामान्य लड़की है। साथ ही इस लड़की का केस किसी तरह के अंधविश्वास पर भी आधारित नहीं है। हरियाणा के सोनीपत में रहने वाली 25 वर्षीया मंजू ने अपनी पूरी जिंदगी में कुछ भी नहीं खाया है।
 
दरअसल, ये मामला मेडिकल साइंस से जुड़ा हुआ है। मंजू को एकालासिया नाम की एक बीमारी है, जिसके चलते ये दूध या इससे बनी चीजों के अलावा कुछ नहीं खा सकती है। अगर मंजू अन्न या कुछ और खाती है, तो इसे तुरंत उल्टी होने लगती है। इसी वजह से उसने अपनी पूरी जिंदगी में दूध, बटर मिल्क, चाय और पानी ही पिया है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन मंजू की खातिर एक भैंस रखनी पड़ती है।
 
मंजू दिन में 4 से 5 लीटर दूध पी जाती है। उसकी मां का कहना है कि अगर वो कुछ भी ठोस खाती है, तो उसकी तबीयत बिगड़ जाती है। हालांकि, मंजू को देखकर उसकी इस बीमारी के बारे में पता नहीं चलता है। वो पूरी तरह स्वस्थ दिखती है। वैसे इस बीमारी के बारे में हम आपको बता दें कि इसका इलाज संभव है। वैसे मंजू सिलाई वगैरह काम भी करती है और अपने भविष्य के लिए पैसे एकत्र कर रही है।
 
डेली मेल के मुताबिक, इस बीमारी में भोजन नली अपना काम करना बंद कर देती है। ऐसे में खाना नहीं खाया जा सकता। खाना पेट तक पहुंचेगा ही नहीं और आहार नाल में ही फंसा रहेगा। ऐसे में पीड़ित को उल्टी हो जाती है।
इनसे मिलिए, ये हैं सुभाष, जिन्होंने 11 सालों से नहीं खाया अन्न का एक भी दाना


सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं। ये कोई बार्बी डॉल नहीं, बल्कि जीती-जागती एक लड़की है। वैसे कोई भी इसकी फोटो देखकर यही सोचता है कि ये कोई बार्बी डॉल है। ये लड़की अपने जीरो फिगर के कारण इन दिनों सनसनी बनी हुई है।
 
हू-ब-हू बार्बी डॉल जैसी दिखने वाली यह लड़की यूक्रेन की वालेरिया लूक्यानोवा है, जिसे देखने वाला हर शख्स एक बार तो दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाता है। 23 वर्षीय ल्यूकानोवा की खूबसूरत का रहस्य दुनिया के सामने आ चुका है।
 
आज तक नहीं खाया खाना
 
बेहद खूबसूरत बॉडी और बार्बी डॉल जैसे फिगर वाली ल्यूकानोवा का कहना है कि उसने अभी तक खाना नहीं खाया। वह हवा, पानी और रोशनी पर जिंदा है। ल्यूकानोवा कहती है कि वह आध्यात्मिक गुरु है जो हर समय यात्रा करती है। उनका कहना है वह दुनिया में बढ़ रही नकारात्मकता को कम करने के लिए ही आईं है।

इनसे मिलिए, ये हैं सुभाष, जिन्होंने 11 सालों से नहीं खाया अन्न का एक भी दाना

इसके अलावा गुजरात के प्रहलाद जानी का किस्सा भी खूब चर्चित है। अहमदाबाद के प्रहलाद जानी 84 वर्ष के हो चुके हैं, लेकिन पिछले 70 सालों से उन्होंने ना कुछ खाया है और ना ही कुछ पिया है। उन्हें ना भूख लगती है और ना ही प्यास। मेडिकल साइंस के लिए प्रहलाद एक बहुत बड़ी चुनौती हैं।
 
जाहिर सी बात है कि कोई इंसान बिना खाए-पिए 10 दिन से ज्यादा नहीं रह सकता, लेकिन प्रहलाद जानी का दावा है कि पिछले 70 सालों से उन्होंने कुछ नहीं खाया है। उनके इस दावे का परीक्षण करने के लिए 300 डॉक्टरों की एक टीम ने उन पर रिसर्च भी किया, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। डीआरडीओ के डॉक्टरों ने प्रहलाद को एक कमरे में लगातार 15 दिनों तक सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया।
 
इन 15 दिनों में उन्होंने कुछ भी खाया-पिया नहीं, फिर भी वो बिल्कुल सामान्य थे। पेट के अल्ट्रासाउंड में भी किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिला। रोचक बात ये है कि प्रहलाद मल-मूत्र भी नहीं त्यागते हैं। प्रहलाद के बारे में जानकर सिर्फ भारतीय मीडिया ही नहीं, बल्कि विदेशी मीडिया भी हैरान थी। कई विदेशी मीडिया संस्थानों ने भी प्रहलाद भाई के बारे में खबर छापी थी और सभी उनकी इस क्षमता से हैरान दिखे।
 
हां, अगर उनके शरीर में कुछ अलग है, तो वो है कीटोन। मानव शरीर में पाया जाने वाला ये घटक जहां एक आम इन्सान में 3mg/डेसीलीटर होती है, जबकि प्रहलाद के शरीर में ये 40mg/डेसीलीटर है। कीटोन एक ऑर्गेनिक कंपाउंड होता है। जब शरीर में चर्बी टूट कर ऊर्जा बनती है, तो कीटोन भी बनते हैं। वैसे जो भी हो, प्रहलाद वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। sabhar : bhaskar.com


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