एलियन के रहस्‍य से अब उठेगा पर्दा!


एलियंस

इंसान का पाला तमाम रहस्यों से पड़ता है, लेकिन एलियन एक ऐसा रहस्य है, जिसकी गुत्थी सुलझाने के लिए इंसान पिछले 64 सालों से माथापच्ची कर रहा है. फिर भी उड़नतश्तरी से आने वाला वो मेहमान कभी हकीकत लगता है तो कभी हौवा. इस हौवे को तोड़ने के लिए अमेरिका के वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों ने सबसे बड़ी खोज शुरू कर दी है.रूस के एक एयर ट्राफिक कंट्रोलर ने दावा किया है कि उसने एलियन को देखा है. उसने रडार की स्क्रीन पर तेजी से घूमता हुआ यूएफओ देखा और उससे संपर्क साधने की कोशिश की. उड़नतश्तरी से आने वाले मेहमानों की तमाम कहानियों से लोग वाकिफ हो चुके हैं. कैसे एलियन चुपके से इस धरती पर आते हैं और कैसे वो कुछ जगहों पर अपनी निशानी छोड़ जाते हैं. दुनिया का कोई ऐसा मुल्क नहीं जहां एलियन्स के वजूद को लेकर चर्चा गर्म नहीं है. नासा के कंट्रोल रूम से लेकर जापान की संसद तक औऱ इंगलैंड के खुफिया विभाग से लेकर रोमानिया की सरकार तक. हर तरफ दूसरे ग्रहों से आने वाले प्राणियों की हकीकत को लेकर उठ रहे हैं सवाल. क्या सचमुच पृथ्वी से परे भी है जिंदगी की सुगबुगाहट? क्या सचमुच वो छिप-छिप कर आते हैं हमारी धरती पर, हमारी टोह लेने ? क्या वाकई विज्ञान और तकनीक के मामले में हमसे काफी आगे हैं? जाने ऐसे कितने सवाल हैं जो एलिएन्स का नाम सुनते ही एकबारगी आपके जेहन में उठ खड़ा होते हैं? और जिसका कोई ठोस जवाब अबतक किसी के पास नहीं है. दुनिया में उडनतस्तरियों और दूसरे ग्रहों के लोगों को देखे जाने की बातें कई बार सामने आ चुकी है.  कई बार लोगों ने इसके सबूत भी पेश किए. एलियंस कभी तस्वीरों में दिखे तो कभी एलियन का चेहरा वीडियो में भी दिखा. वैसे इस बात से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता है कि यूएफओ जैसी चीज़ कोई है ही नहीं.
एक रूसी अखबार ने अपने देश के एक चैनल पर दिखाई खबर के हवाले से छापा है कि अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री जब चाँद पर पहुँचे थे तो उन्हें वहाँ एलियन दिखाई दिए थे, जिन्होंने अमेरिकियों को वहाँ से भाग जाने की चेतावनी दी थी. चैनल ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि चंद्रमा पर एलियन के कदमों के निशान हैं.

1969 से लेकर 1972 तक अमेरिका के छः अपोलो मिशन चाँद पर गए थे. रूसी अखबार प्रवादा ने शक जताया है कि चाँद पर गए सभी मिशन के दौरान वैज्ञानिकों का वास्ता एलियन से पड़ा था और नासा इस सच को लगातार छिपाता रहा है. वैसे चाँद पर एलियन होने और नासा की तरफ से इसे छुपाए जाने की खबरें पहले उड़ती रही हैं.

एलियन की मौजूदगी पर यकीन करने वालों ने इसके पक्ष में इंटरनेट पर अपनी तरफ से तमाम सबूत भी रखे हैं, लेकिन स्पूतनिक की 50वीं सालगिरह मना रहे रूस के सबसे चर्चित अखबार प्रावदा ने इसे पहली बार प्रकाशित किया है. चाँद पर अमेरिका ने 1969 से 1972 तक 12 अंतरिक्ष यात्री भेजे जबकि रूस अभी तक एक भी अंतरिक्ष यात्री चाँद पर नहीं भेज पाया है. वैसे 1972 के बाद से चाँद पर मानव के कदम नहीं प़ड़े हैं.

आरटीआर चैनल ने एलियन और यूएफओ जैसे मामलों के दो विशेषज्ञों को इस बारे में खुलासा करते दिखाया है. नासा का कहना है कि अपोलो मिशन से जु़ड़े कई दस्तावेज, तस्वीरें और फुटेज खो गई हैं जबकि चैनल ने कहा कि असलियत कुछ और है. दस्तावेज खोने की बात सीआईए का महज बहाना है. इसके मुताबिक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने सेंटर को जो मैसेज भेजे थे उनमें यूएफओ देखे जाने और चाँद पर कुछ उजड़ी हुई बस्तियाँ नजर आने की बात कही थी.


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तो क्या क्यूरियोसिटी ने मंगल पर देखा एलियन!


नासा के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल के आकाश में एक अजीब सी सफेद रोशनी नाचती हुई दिखी है। इसके अलावा क्यूरियोसिटी द्वारा भेजी गई तस्वीरों में आकाश में दिखने वाले चार धब्बे भी दिखाई पड़े हैं।यूएफओ को पहचानने वाले लोगों का दावा है कि ये धब्बे दरअसल एलियन्स (दूसरे ग्रह के वासी) के अंतरिक्षयान हैं, जो अंतरिक्ष में मानव के कदमों पर नजर रख रहे हैं।
   
नासा के क्यूरियोसिटी द्वारा मंगल की सतह से भेजी गई ये तस्वीरें फिलहाल एक पहेली बनी हुई हैं। हालांकि नासा और फोटोग्राफी के विशेषज्ञों का कहना है कि यह और कुछ नहीं कैमरे के लेंस पर लगे कुछ दाग ही हैं। 
   
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, नासा ने तो अब तक इन संदिग्ध दृश्यों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। क्यूरियोसिटी द्वारा भेजी गई तस्वीरों में इन संदिग्ध धब्बों की पहचान यूट्यूब के यूजर स्टीफन हैनर्ड ने की।
हैनर्ड एलियन डिस्कलोजर यूके नामक समूह के सदस्य हैं। नासा की वेबसाइट पर ये तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। हैनर्ड ने इस रोशनी का रहस्य सुलझाने के लिए तस्वीरों पर कई फिल्टरों का इस्तेमाल किया। 
लियन और उनकी कहानियां पूरी दुनिया में दशकों से कही और सुनी जा रही हैं। कोई उड़ान तश्तरी देखता है तो किसी चित्र में एलियन जैसी आकृति दिखने का दावा किया जाता है। हालांकि अब तक कोई दावा या व्यक्ति दूसरी दुनिया के इन निवासियों के बारे में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है। 


रूस में मिला एलियन का शव

एक ऐसा सबूत जो पूरी दुनिया को ये मानने पर मजबूर कर दे कि वास्तविकता में एलियन हैं और कहां हैं। हालांकि बुधवार को कुछ ऐसा दावा किया गया जिससे एलियन के होने मुहर लगती हुई दिख रही है।

एक रूसी महिला मार्ता येगोरोवनेम के फ्रिज से अधिकारियों को एलियन का शव मिला है। मार्ता ने अधिकारियों को बताया है कि वह पिछले दो साल से इस शव को फ्रिज में रखे हुई थी। 

एलियन का शव
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मार्ता के अनुसार यह विचित्र शव उसे पश्चिमी रूस के पेत्रोजावोदस्क शहर में मिला था। महिला ने इसके पांच चित्र खींचे हैं। इस मृत एलियन की लम्बाई दो फीट है। ऐसा माना जा रहा है कि 2009 में देखे गए यूएफओ से ये उतरा था। इसका सिर हॉलीवुड फिल्मों में दिखाए गए एलियन की तरह है। इसकी आंखें बिल्कुल बल्ब जैसी हैं। इस एलियन को बिल्कुल पतली लकड़ी जैसा एक हाथ भी है। 

पिछले कुछ महीनों में रूस में एलियन देखे या पाए जाने का यह तीसरा दावा है। मार्ता को यह एलियन अपने समर हाउस के पास 2009 में मिला था।

मार्ता ने बताया कि उन्हें एक जलती हुई चीज दिखाई दी। वह उसके पास गई और धातु की उस गर्म चीज को हटाया तो उसके नीच ये एलियन मिला। इसका शव किसी मछली जैसा है। कुछ दिनों पहले साइबेरिया के सुदूर इर्कटस्क क्षेत्र में उतरे एक यूएफओ की तस्वीर जारी की गई थी। इसमें साफ दिख रहा था कि चमकदार यूएफओ में से पांच लोग निकले। इनमें से चार साथ थे और एक अलग खड़ा था। 

मिस मार्ता ने इसे वहां से उठा लिया और फ्रिज में स्टोर करके रख दिया। मार्ता ने डेली मेल को बताया कि कुछ दिनों पहले दो लोग आए उन्होंने कहा कि यह चीज रूस विज्ञान अकादमी के कारेलियन रिसर्च सेंटर की है और उसे ले गए। पैरानॉर्मल गतिवधियों के विशेषज्ञ माइकल कोहेन ने कहा कि यह असली एलियन हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे रूस एलियन की गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं। हो सकता है कि सैन्य और नागरिक एजेंसियों ने भी इन गतिविधियों को ट्रैक किया है।
sabhar :
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