पॉर्न मैगजीन पर बनेगी फिल्म



photo : googale


1980 का दशक वह दौर था जब पीली पन्नी साहित्य अपने जोरों पर था और रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर जमकर बिका करता था. मॉर्निंग शो में लगने वाली फिल्मों का अच्छा-खासा दर्शक वर्ग हुआ करता था, और स्कूल से गोल होने वाले बच्चे अकसर इन फिल्मों को देखने के लिए कतार में लगे नजर आते थे. अकसर सिनेमा सबकी पहुंच में नहीं था, ऐसे में पीली पन्नी की किताबें ही मसाले का असली औजार हुआ करती थीं. इसी दुनिया में एक नाम मस्तराम का भी था.
हीरो मस्तराम
शायद दो दशक पहले तक किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि फॉरबिडन संसार में ले जाने वाला मस्तराम कभी सिल्वर स्क्रीन पर भी आ सकेगा. यह वह लेखक है जिसे न कभी लाइब्रेरी, न स्कूल, न घर के स्टडी रूम में पढ़ा गया, लेकिन फिर भी वह बंद कमरों, बाथरूम, बेडरूम और यारो-दोस्तों की टोलियों का हिट नाम बन गया. फिल्म की कहानी को भी काफी दिलचस्प अंदाज में पेश किया गया है. यह छोटे से कस्बे के बैंक क्लर्क राजाराम की कहानी है जो दिल्ली आकर बड़ा लेखक बनने का ख्वाब देखता है. उसे साहित्य में कामयाबी नहीं मिलती है. पब्लिशर उससे गर्म और मसालेदार कहानियां चाहता है, साहित्य टाइप नहीं. एक दिन गली में उसकी नजर सी ग्रेड फिल्म के पोस्टर पर पड़ती है तो उसे सारी बात समझ में आ जाती है, बस उसके बाद से पड़ोसन, दूध वाली और अपनी बीवी तक उसे अपनी बोल्ड कहानियों की पात्र लगने लगती हैं. इस तरह मस्त साहित्य लिखने वाले का नाम ही मस्तराम पड़ जाता है. फिल्म के ट्रेलर में बोल्डनेस का जमकर इजहार हो रहा है.

मस्तराम का फॉरबिडन संसार
मस्तराम की दुनिया में कोई भी कुछ भी कर सकता है. यहां पड़ोस की चालू आंटियां, हॉट भाभियां, बेवफा पत्नी, सेक्सी कामवालियां, परफेक्ट दूधवाली और न जाने-जाने क्या-क्या नहीं है. यह वह संसार है, जहां कुछ भी वर्जित नहीं और सब चलता है. अखिलेश जायसवाल की मस्तराम उसी अनजान शख्स की काल्पनिक कहानी है, जिसे कभी किसी ने देखा नहीं,जाना नहीं लेकिन उसके फॉरबिडन संसार की भाभियों, आंटियों, काम वालियों ने न जाने कितनों की नींदें उड़ाई हैं.

बोल्ड सिनेमा का दौर
यह भारतीय सिनेमा में बदलाव का दौर है. यहां हर तरह की कहानियां लिखी जा रही हैं. चाहे सिल्क स्मिता की डर्टी पिक्चर हो या फिर अजय बहल की बी.ए.पास जो साल 2013 की चर्चित फिल्मों में रही. हाल ही में रिलीज हुई मिस लवली भी हमें ऐसे संसार में ले गई थीः सी ग्रेड फिल्मों का संसार. सनी लियोन की रागिनी एमएमएस-2 पहले ही अपनी बोल्डनेस की वजह से सुर्खियों में है, अब बारी मस्तराम की है. मस्तराम पिछले तीस साल से इसी नाम से छप रही है. फिल्म में राहुल बग्गा मस्तराम बने हैं जबकि ताशा बेरी उनके साथ लीड में हैं. देखें पटरी का यह बादशाह फिल्म में कहां तक जाता है.
sabhar :
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