2013विज्ञान की दुनिया की तस्वीर




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1-जर्मनी के लिपिज में स्थित मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपॉलॉजी के शोधकर्ताओं ने चार लाख साल पुराने इंसान की जांघ की हड्डियों में डीएनए का पता लगाया. यह हड्डी स्पेन में हड्डियों का गड्ढ़ा के नाम से मशहूर जगह से लाई गई थी. यहां से कम से कम 28 लोगों के अवशेष मिले हैं.

2-वैज्ञानिकों के मुताबिक फ़रवरी में रूस के आसमान में एक बहुत बड़ा क्षुद्रग्रह जलकर नष्ट हो गया. इस क्षुद्रग्रह ने दो बार पूरी दुनिया का चक्कर लगाया. एक हज़ार से अधिक लोग उस समय घायल हो गए जब 17 मीटर लंबा-चौड़ा और दस हज़ार टन भारी टुकड़ा चेल्याविंस्क के ऊपर जल गया.


3-चेल्याविंस्क इलाक़े के चेबराकुल की एक झील से इस क्षुद्रग्रह का एक बड़ा टुकड़ा बरामद किया गया.चेबराकुल की झील से जिस टुकड़े को स्थानीय अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने निकाला था, उसे चेल्याविंस्क के स्थानीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया.

4-यूरोप के सैटेलाइट प्लांक सर्वेयर ने आसमान में सबसे 'पुराना प्रकाश' दिखाने वाला एक मानचित्र पेश किया. इसके पैटर्न के आधार पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति के 'बिग बैंग' सिद्धांत की पुष्टि हुई.


5-लंदन में क्रॉसरेल के लिए हो रही खुदाई के दौरान अचानक कुछ शव मिले. इनके 14वीं शताब्दी में पूरे यूरोप में महामारी की वजह से मरे लोगों का शव माना जा रहा है. माना जाता था कि लंदन के बाहरी इलाक़े में एक क़ब्रगाह बनाई गई थी लेकिन वह जगह वास्तव में कहाँ है, यह एक रहस्य था.

6-विज्ञान पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित एक अध्ययन से कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आईं. जापान में एक शोधकर्ता ने एमआरआई स्कैन का इस्तेमाल कर लोगों के सपनों को पढ़ने का दावा किया.कुछ स्वयंसेवक जब स्कैनर में सोते थे तो एक टीम उन पर नज़र रखती थी और बाद में उन्हें सवालों की एक सूची देती थी. इसके बाद शोधकर्ताओं ने वैसी तस्वीरों की कल्पना की, जिन्हें इन लोगों ने सोते समय देखा. उनकी भविष्यवाणी क़रीब 60 फ़ीसदी तक सही थी.


7-बीबीसी न्यूज़ ने मई में पहली बार यह ख़बर दी कि थ्री डी प्रिंटर से तैयार दुनिया की पहली बंदूक से अमरीका में सफलतापूर्वक फ़ायर किया गया है. टेक्सस के ऑस्टिन के फ़ायरिंग रेंज में एक विवादित समूह ने यह फ़ायरिंग की. बाद में अमरीकी सरकार ने इस बंदूक का ब्लूप्रिंट इंटरनेट से हटाने की अपील की.

8-आईबीएम के शोधकर्ताओं ने कॉपर (तांबे) की एक सतह पर एक अणु को लुढ़काकर दुनिया की सबसे छोटी फ़िल्म बनाई.

9-खगोलशास्त्रियों ने किसी ग्रह की परिक्रमा कर रहे उपग्रह के रंग का निर्धारण पहली बार किया. दुनिया इसे एचडी 189733बी के नाम से जानती है. यह गहरे नीले रंग का है, वातावरण में सिलिकेट की बारिश की वजह से ऐसा शायद हुआ हो, जिससे नीला प्रकाश निकलता है.

10-लंदन में अगस्त में हुए एक संवाददाता सम्मेलन में लैब में बना दुनिया का पहला बर्गर चखा गया. इसके लिए वैज्ञानिकों ने नीदरलैंड के एक संस्थान से एक गाय की कोशिका निकालकर उसे मांसपेशियों की एक पट्टी के रूप में विकसित किया था.

11-प्रोफ़ेसर पीटर हिग्स को स्कॉटहोम में आयोजित एक कार्यक्रम में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया. एडिनबरा विश्वविद्यालय के इस अवकाशप्राप्त प्रोफ़ेसर ने इस पुरस्कार को फ़्रांस्वा इंगलर्ट के साथ हिग्स बोसॉन के सिद्धांत पर किए काम के लिए साझा किया.

12-मार्च में वैज्ञानिकों ने बताया कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान वॉयज़र-1 अगस्त 2012 में हमारे सूर्य के बाहरी हिस्से हेलियोस्फ़ियर से बाहर चला गया है. सितंबर में वैज्ञानिकों ने इसके पिछले साल तारों के क्षेत्र में चल जाने की पुष्टि की. बहुत से वैज्ञानिकों का मानना है कि 1977 में छोड़ा गया वॉयज़र-1 तारों की दुनिया में पहुँचने वाला दुनिया का पहला मानवनिर्मित उपग्रह है.


13-चीन ने जेड रैबिट नाम के अपने पहले रोबोटिक रोवर को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतार दिया. पिछले 40 साल में यह इस तरह की पहली सफलता है.
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मार्च में वैज्ञानिकों ने बताया कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान वॉयज़र-1 अगस्त 2012 में हमारे सूर्य के बाहरी हिस्से हेलियोस्फ़ियर से बाहर चला गया है. सितंबर में वैज्ञानिकों ने इसके पिछले साल तारों के क्षेत्र में चल जाने की पुष्टि की. बहुत से वैज्ञानिकों का मानना है कि 1977 में छोड़ा गया वॉयज़र-1 तारों की दुनिया में पहुँचने वाला दुनिया का पहला मानवनिर्मित उपग्रह है.




मार्च में वैज्ञानिकों ने बताया मार्च में वैज्ञानिकों ने बताया कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान वॉयज़र-1 अगस्त 2012 में हमारे सूर्य के बाहरी हिस्से हेलियोस्फ़ियर से बाहर चला गया है. सितंबर में वैज्ञानिकों ने इसके पिछले साल तारों के क्षेत्र में चल जाने की पुष्टि की. बहुत से वैज्ञानिकों का मानना है कि 1977 में छोड़ा गया वॉयज़र-1 तारों की दुनिया में पहुँचने वाला दुनिया का पहला मानवनिर्मित उपग्रह है.कि अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान वॉयज़र-1 अगस्त 2012 में हमारे सूर्य के बाहरी हिस्से हेलियोस्फ़ियर से बाहर चला गया है. सितंबर में वैज्ञानिकों ने इसके पिछले साल तारों के क्षेत्र में चल जाने की पुष्टि की. बहुत से वैज्ञानिकों का मानना है कि 1977 में छोड़ा गया वॉयज़र-1 तारों की दुनिया में पहुँचने वाला दुनिया का पहला मानवनिर्मित उपग्रह है.



चेल्याविंस्क इलाक़े केयूरोप के सैटेलाइट प्लांक सर्वेयर ने आसमान में सबसे 'पुराना प्रकाश' दिखाने वाला एक मानचित्र पेश किया. इसके पैटर्न के आधार पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति के 'बिग बैंग' सिद्धांत की पुष्टि हुई. चेबराकुल की एक झील से इस क्षुद्रग्रह का एक बड़ा टुकड़ा बरामद किया गया.

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