(डॉ. सोनल मानसिंह)-प्रतिष्ठित भारतीय शास्त्रीय नर्तक
(((जिंदगी के सफर में महिलाओं को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.....
....नृत्यांगना सोनल मानसिंह, जिन्होंने जिंदगी में बहुत मुश्किल फैसले लिए और मुश्किल दौर से दो.चार भी हुईं।
....नृत्यांगना सोनल मानसिंह ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने नृत्य के लिए घर छोड़ा सफलता कदम चूमने लगी तभी सड़क हादसे से की वजह से कदम थम गए। लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत अपनी जबरदस्त हिम्मत और आत्मविश्वास की वजह से वह जल्द ही मंच पर थिरकती नजर आईं।
.....शादी के बाद सोनल ने नृत्य के ख़ातिर अपना घर छोड़ा और ख़ानाबदोश की ज़िंदगी अपनाई।
......सोनल के अनुसार पुरुषों की दुनिया में एक महिला और वह भी एक डाँसर का जीना कोई आसान बात नहीं हैं। आप जिसके शिकंजे से बचे। उसी व्यक्ति ने आपको नज़रअंदाज़ करना शुरु कर दिया। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पहचान बनार्इ।
डॉ. सोनल मानसिंह पद्म विभूषण, एक मशहूर और प्रतिष्ठित भारतीय शास्त्रीय नर्तक, गुरु, कोरियोग्राफर और एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, शोधकर्ता और प्रेरक वक्ता है ।

नृत्यांगना सोनल मानसिंह ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने नृत्य के लिए घर छोड़ा, सफलता कदम चूमने लगी, तभी सड़क हादसे से की वजह से कदम थम गए। लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत अपनी जबरदस्त हिम्मत और आत्मविश्वास की वजह से वह जल्द ही मंच पर थिरकती नजर आईं।

सोनल मानसिंह के दादाजी आज़ादी के आन्दोलन में गाँधी जी के साथ थे। आज़ादी के बाद वह गवर्नर बने। माता जी कस्तूरबा के साथ जेल में रहीं।>>

सोनल को बचपन से ही नृत्य का शौक था। जब उनके पिताजी पखावज बजाते थे। तो उनके पैर थिरकने लगते थे। अपनी इसी शौक को उन्होंने करियर बना लिया।

शादी के बाद सोनल ने नृत्य के ख़ातिर अपना घर छोड़ा और ख़ानाबदोश की ज़िंदगी अपनाई।सोनल पांच महाद्वीपों पर दुनिया के 87 देशों में नृत्य किया गया है।

सोनल के अनुसार पुरुषों की दुनिया में एक महिला और वह भी एक डाँसर का जीना कोई आसान बात नहीं हैं। आप जिसके शिकंजे से बचे। उसी व्यक्ति ने आपको नज़रअंदाज़ करना शुरु कर दिया। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पहचान बनार्इ।
Suchitra Singh
....नृत्यांगना सोनल मानसिंह, जिन्होंने जिंदगी में बहुत मुश्किल फैसले लिए और मुश्किल दौर से दो.चार भी हुईं।
....नृत्यांगना सोनल मानसिंह ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने नृत्य के लिए घर छोड़ा सफलता कदम चूमने लगी तभी सड़क हादसे से की वजह से कदम थम गए। लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत अपनी जबरदस्त हिम्मत और आत्मविश्वास की वजह से वह जल्द ही मंच पर थिरकती नजर आईं।
.....शादी के बाद सोनल ने नृत्य के ख़ातिर अपना घर छोड़ा और ख़ानाबदोश की ज़िंदगी अपनाई।
......सोनल के अनुसार पुरुषों की दुनिया में एक महिला और वह भी एक डाँसर का जीना कोई आसान बात नहीं हैं। आप जिसके शिकंजे से बचे। उसी व्यक्ति ने आपको नज़रअंदाज़ करना शुरु कर दिया। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पहचान बनार्इ।
डॉ. सोनल मानसिंह पद्म विभूषण, एक मशहूर और प्रतिष्ठित भारतीय शास्त्रीय नर्तक, गुरु, कोरियोग्राफर और एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, शोधकर्ता और प्रेरक वक्ता है ।
नृत्यांगना सोनल मानसिंह ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने नृत्य के लिए घर छोड़ा, सफलता कदम चूमने लगी, तभी सड़क हादसे से की वजह से कदम थम गए। लेकिन डॉक्टरों की कड़ी मेहनत अपनी जबरदस्त हिम्मत और आत्मविश्वास की वजह से वह जल्द ही मंच पर थिरकती नजर आईं।
सोनल मानसिंह के दादाजी आज़ादी के आन्दोलन में गाँधी जी के साथ थे। आज़ादी के बाद वह गवर्नर बने। माता जी कस्तूरबा के साथ जेल में रहीं।>>
सोनल को बचपन से ही नृत्य का शौक था। जब उनके पिताजी पखावज बजाते थे। तो उनके पैर थिरकने लगते थे। अपनी इसी शौक को उन्होंने करियर बना लिया।
शादी के बाद सोनल ने नृत्य के ख़ातिर अपना घर छोड़ा और ख़ानाबदोश की ज़िंदगी अपनाई।सोनल पांच महाद्वीपों पर दुनिया के 87 देशों में नृत्य किया गया है।
सोनल के अनुसार पुरुषों की दुनिया में एक महिला और वह भी एक डाँसर का जीना कोई आसान बात नहीं हैं। आप जिसके शिकंजे से बचे। उसी व्यक्ति ने आपको नज़रअंदाज़ करना शुरु कर दिया। मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पहचान बनार्इ।
Suchitra Singh
sabhar :http://www.niticentral.com/
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