ग़रीबी के चलते यहां बुढ़ापे में जिस्म बेचती हैं औरतें


उत्सुकता

ऐसा क्यों होता है यहां


किम यून-जो सियोल के जोंगनो-3 सबवे स्टेशन की सीढ़ियों पर बैठी हैं। उनकी उम्र 71 साल है और वो चमकीली लिपस्टिक लगाए हैं और चमकीला लाल कोट पहने हुए हैं।

उनके बड़े बैग से कांच की बोतलों के आपस में टकराने की आवाज़ आ रही है।

किम दक्षिण कोरिया की "बैकस लेडीज़" में एक हैं यानी ऐसी वृद्ध महिला जो पुरुष ग्राहकों को लोकप्रिय बैकस (एक तरह की शराब) एनर्जी ड्रिंक बेचकर अपनी ज़िंदगी चलाती है।

लेकिन अकसर वो सिर्फ़ इन बोतलों को ही नहीं बेचती हैं। एक ऐसी उम्र में जब कोरियाई दादियों को कुल माता के रूप में सम्मानित किया जाना चाहिए, उनमें से कुछ को अपना जिस्म बेचना पड़ रहा है।

उसने मुझसे कहा, "आप वहां खड़ी बैकस महिलाओं को देख रहे हैं? ये महिलाएं बैकस के अलावा भी कुछ बेचती हैं। वो कभी-कभी दादा की उम्र के लोगों के साथ जाती हैं और उनसे पैसे कमाती हैं। लेकिन मैं उस तरह नहीं रहती।"

उन्होंने बताया, "जब मैं गली में खड़ी रहती हूं तो पुरुष प्रस्ताव देते हैं, लेकिन मैं हमेशा कहती हूं, 'नहीं'।"

उत्सुकता

किम कहती हैं कि वो ड्रिंक बेचकर हर दिन क़रीब 5000 वॉन या क़रीब 300 रुपए कमा लेती हैं। वो कहती हैं, "पुलिस हमेशा मुझ पर नज़र रखती है। वो अंतर नहीं कर पाते हैं।"

इस छिपे हुए सेक्स कारोबार का केंद्र राजधानी सियोल के बीचोंबीच स्थित एक पार्क है। जोंगमयो पार्क ही वो जगह है जहां जीवन के ढलान पर पहुंच चुकी ये महिलाएं आती हैं।

पार्क के किनारों पर खड़ी 50 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक की ये महिलाएं पुरुषों को ड्रिंक की पेशकश कर रही हैं। ये उनका पहला क़दम है जो आख़िरकार उन्हें पास के एक सस्ते मोटल तक ले जाएगा।

पार्क में मौजूद पुरुष इन महिलाओं के मुक़ाबले मुझसे बात करने के अधिक इच्छुक हैं।

दादा की उम्र के लोगों का एक दल कोरियाई शतरंज के खेल को ध्यान से देख रहा है। उन्होंने बताया कि क़रीब आधे पुरुष बैकस महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं।

साठ साल के किम बताते हैं, "हम पुरुष हैं, इसलिए महिलाओं के प्रति हमें उत्सुकता है।"

वो बताते हैं, "हम एक ड्रिंक लेते हैं और थोड़ा धन उनके हाथों में रख देते हैं, और काम हो जाता है। पुरुष महिलाओं का साथ पसंद करते हैं- चाहें वो बूढ़ी हों या नहीं, यौन रूप से सक्रिय हों या नहीं। ये सीधा सा पुरुष मनोविज्ञान है।"

बुज़ुर्ग गर्लफ्रैंड

एक अन्य 81 वर्षीय पुरुष ने बताया कि "वहां खड़ी महिलाओं में हम गर्लफ़्रेंड तलाश सकते हैं। वो हमसे अपने साथ खेलने के लिए कहेंगी। वो कहेंगी, "ओह! मेरे पास पैसा नहीं है। और फिर वो हमारे साथ चिपक जाएंगी।

उनके साथ सेक्स करने का ख़र्च क़रीब 20000 से 30000 वॉन (क़रीब 1,100 से 1,700 रुपए) तक होता है, लेकिन अगर वो आपको जानती हैं तो कभी-कभी वो आपको छूट भी दे सकती हैं।"

दक्षिण कोरिया के ये बुज़ुर्ग देश की आर्थिक सफलता के शिकार हैं।

उन्होंने अपनी बचत को अगली पीढ़ी में निवेश कर दिया। एक कन्फ्यूशियस समाज में सफल बच्चों को भी पेंशन का सबसे बढ़िया रूप माना जाता है।

लेकिन यहां इस रुख़ में तेज़ी से बदलाव आया है और अब कई युवा लोग कहते हैं कि वो अपना ही ख़र्च नहीं उठा पा रहे हैं।

ऐसे में जोंगमयो पार्क में इन पुरुषों और महिलाओं के पास कोई बचत नहीं है, वास्तविक पेंशन नहीं है और परिवार नहीं है। वो अपने ही शहर में विदेशियों की तरह हैं।

किम कहते हैं, "जो अपने बच्चों पर निर्भर हैं वो मूर्ख हैं। हमारी पीढ़ी अपने माता-पिता के प्रति विनम्र थी। हम उनका सम्मान करते थे। आज की पीढ़ी अधिक शिक्षित और अनुभवी है, इसलिए वो हमारी नहीं सुनते हैं।"
मजबूरी

मजबूरी

बैकस महिलाओं पर शोध करने वाली डॉक्टर ली हो-सुन के मुताबिक़ ज़्यादातर बैकस महिलाओं ने वृद्धावस्था में ग़रीबी के चलते सेक्स का कारोबार शुरू किया।

वो बताती हैं कि एक महिला ने तो 68 साल की उम्र में वेश्यावृत्ति शुरू की। वो बताती हैं, "एक बैकस महिला ने मुझसे कहा कि मैं भूखी हूं, मुझे सम्मान की ज़रूरत नहीं है, मैं सिर्फ़ दिन में तीन वक़्त का खाना चाहती हूं।"

पुलिस यहां गश्त तो करती है, लेकिन कोई गिरफ़्तारी नहीं होती लेकिन समस्या सिर्फ़ क़ानून को लागू करने की नहीं है।

बैकस महिलाएं अपने बैग में छिपी हुई बीमारी को लेकर भी चल रही है। इन महिलाओं के पास यौन उत्तेजना के लिए विशेष इंजेक्शन होता है और 10 से लेकर 20 बार एक ही इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में कई तरह की बीमारियां भी फैल रही हैं।

इस तरह दक्षिण कोरिया के हाई-टेक समाज में बुज़ुर्गों के लिए खाना महंगा है, सेक्स सस्ता है और आत्मीयता तो उन्हें किसी भी क़ीमत पर मुश्किल से ही उपलब्ध है। sabhar :http://www.amarujala.com/

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