इस तरह परलोक गई आत्माओं से बात कर सकते हैं आप?
और होने लगती हैं अनहोनी घटनाएं
आत्मा एक उर्जा की तरह होती है जो कभी नहीं नष्ट होती है। यह जिस शरीर में जाती है उस रूप रंग में ढल जाती है। जब तक यह शरीर से बाहर है एक उर्जा के रुप में ब्रह्माण्ड में कहीं मौजूद रहती है।
लेकिन शरीरधारी जीव और अशरीरी आत्मा के बीच संपर्क बनाना कठिन होता है क्योंकि दोनों का अपना अलग अस्तित्व और अपनी सीमाएं हैं। अगर आत्माएं जीवित लोगों की दुनिया में आ जाती हैं या जीवित व्यक्ति आत्माओं की दुनिया में झांकने का प्रयास करते हैं तो यह दोनों के लिए प्रकृति के नियम के विपरीत है।
लेकिन कभी कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि आत्माएं अपनी दुनिया से निकलकर जीवित लोगों की दुनिया में आ जाती है और अनहोनी घटनाएं होने लगती है।
लेकिन शरीरधारी जीव और अशरीरी आत्मा के बीच संपर्क बनाना कठिन होता है क्योंकि दोनों का अपना अलग अस्तित्व और अपनी सीमाएं हैं। अगर आत्माएं जीवित लोगों की दुनिया में आ जाती हैं या जीवित व्यक्ति आत्माओं की दुनिया में झांकने का प्रयास करते हैं तो यह दोनों के लिए प्रकृति के नियम के विपरीत है।
लेकिन कभी कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि आत्माएं अपनी दुनिया से निकलकर जीवित लोगों की दुनिया में आ जाती है और अनहोनी घटनाएं होने लगती है।
आत्माओं से बात करने का तरीका
ऐसे दावे किए जाते हैं कि इंसानों ने कुछ ऐसे माध्यम और तरीके खोज निकाले हैं जिनसे आत्माओं की दुनिया से संपर्क किया जा सकता है और आत्माओं से बात की जा सकती है।
यहां ऐसे ही कुछ माध्यमों की चर्चा की जा रही है जिनके विषय में कहा जाता है कि इससे मनुष्य आत्माओं से संपर्क बनाने में सफल होता हैं।
यहां ऐसे ही कुछ माध्यमों की चर्चा की जा रही है जिनके विषय में कहा जाता है कि इससे मनुष्य आत्माओं से संपर्क बनाने में सफल होता हैं।
तीन पैर के टेबल से भूत बुलाने की विधि
इस विधि में एक तिपाए टेबल का इस्तेमाल किया जाता है तो हल्का और गोल होता है। एक पाए के नीचे लकड़ी का एक गुटका रखा जाता है। इसके बाद टेबल को चारों तरफ से घेर कर लोग बैठ जाते हैं। इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उनका सभी मिलकर ध्यान करते हैं।
माना जाता है कि जब अपने आप टेबल के पाए खटखटाने लगे तो इसका मतलब है कि आत्मा का आगमन हो चुका है। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न मिलने लगता है।
माना जाता है कि जब अपने आप टेबल के पाए खटखटाने लगे तो इसका मतलब है कि आत्मा का आगमन हो चुका है। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न मिलने लगता है।
प्लेनचिट से होती है भूतों से बातें
भूतों से बात करने का एक जरिया है प्लेनचिट। यह एक दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का टुकड़ा होता है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिये लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें एक पेंसिल लगा दी जाती है।
मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर इस यंत्र को रखा जाता है। इसके बाद जिस आत्मा को बुलाना होता है उसका एकाग्रता पूर्वक ध्यान किया जाता है।
जैसे ही आत्मा आ जाती है यंत्र अपने आप चलने लगता है। आमतौर पर इस यंत्र से अतृप्त आत्माओं को बुलाया जाता है। यंत्र में लगे पेंसिल से आत्मा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देती है।
मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर इस यंत्र को रखा जाता है। इसके बाद जिस आत्मा को बुलाना होता है उसका एकाग्रता पूर्वक ध्यान किया जाता है।
जैसे ही आत्मा आ जाती है यंत्र अपने आप चलने लगता है। आमतौर पर इस यंत्र से अतृप्त आत्माओं को बुलाया जाता है। यंत्र में लगे पेंसिल से आत्मा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देती है।
आत्मा शरीर में प्रवेश करके बात करती है
आत्माओं से संपर्क करने का एक माध्यम यह भी है कि इसमें किसी व्यक्ति को माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आत्मा का आवाहन किया जाता है और आत्मा माध्यम के शरीर में प्रवेश करके संवाद करती है।
इसके अलावा एक और विधि है जिसमें प्रयोगकर्ता खुद माध्यम बन जाता है। आवाहन करने पर आत्मा आती है और प्रयोगकर्ता के हाथ में रखी पेंसिल खुद ही कागज पर चलनी शुरु होती है और प्रश्नों के उत्तर देती है।
इसके अलावा एक और विधि है जिसमें प्रयोगकर्ता खुद माध्यम बन जाता है। आवाहन करने पर आत्मा आती है और प्रयोगकर्ता के हाथ में रखी पेंसिल खुद ही कागज पर चलनी शुरु होती है और प्रश्नों के उत्तर देती है।
भूतों को बुलाने से पहले यह जरुर जान लें
भूतों को बलाने के जितने भी माध्यम हैं। उनके विषय में यह माना जाता है कि इनसे भूत तो जाते हैं लेकिन जाने में कई बार आनाकानी करने लगते हैं।
इसलिए भूतों को बुलाने से पहले इसके जोखिम का भी ध्यान रखें। दूसरी बात यह ध्यान रखें कि अपने पूरे प्रयोग के दौरान अपने अंदर साहस और आत्मविश्वास बनाए रखें। घबराने या डर जाने पर प्रयोगकर्ता का व्यक्तिगत नुकसान हो सकता है। sabhar :http://www.amarujala.com/
इसलिए भूतों को बुलाने से पहले इसके जोखिम का भी ध्यान रखें। दूसरी बात यह ध्यान रखें कि अपने पूरे प्रयोग के दौरान अपने अंदर साहस और आत्मविश्वास बनाए रखें। घबराने या डर जाने पर प्रयोगकर्ता का व्यक्तिगत नुकसान हो सकता है। sabhar :http://www.amarujala.com/
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