आहार से पाएं सौंदर्य


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आहार में हरी सब्जियों की बड़ी भूमिका होती है। हरी सब्जियों से प्राप्त तत्व शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास करते हैं। इनके सेवन से पाचन शीघ्र होता है, बिगड़ा हुआ पाचन सुधरता है, शरीर को पौष्टिकता प्राप्त होती है और सौंदर्य में वृद्धि होती है। संसारभर के पुरूष व महिलाएं स्वास्थ्य तथा सौंदर्य चाहते हैं, किन्तु कोई भी प्राकृतिक आहार-विहार, दिनचर्या अपनाना नहीं चाहता। डिब्बाबंद आहार का चलन बहुत बढ़ा है। प्राकृतिक चिकित्सा वास्तव में चिकित्सा कम जीने की कला, आत्म-साक्षात्कार का विज्ञान अधिक है। यदि हम अपना खान-पान बदल लें, तो जीवन पद्धति बदल जाएगी। जहां शक्ति है, वहीं स्वास्थ्य है, वहीं सौंदर्य है। अन्न कम खाएं, सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें, वह भी रसेदार बनाकर। इससे शरीर के भीतर के अंग पुष्ट होते हैं। कुछ सब्जियां और फल तो बहुत उपयोगी हैं, जैसे करेला पेट के कृमि नष्ट करता है। टमाटर रक्त बढ़ाता है एवं त्वचा निखारता है। नीबू शरीर के पाचक रसों को बढ़ाता है। पालक हçaयों को कैल्शियम से सुदृढ़ करता है। पत्तेदार सब्जी लौह तत्व से भरपूर होती है, अत: इन सबका उचित रूप से सलाद में प्रयोग करें। खीरा रक्तकणों का शोधन करता है व इसका प्रवाह बढ़ाता है। लहसुन खून का थक्का जमने नहीं देता, अत: ह्वदय रोग में लाभकारी है। परवल शरीर को ऊर्जा देती है।
सब्जी को काटने से पूर्व अच्छी तरह धो लिया जाए, काटने के बाद धोने से सब्जी के तत्व नष्ट होते हैं। पकाते समय अधिक तेल डालने व ज्यादा देर तक आग पर रखकर स्वाद के लालच में सब्जियों की पौष्टिकता नष्ट हो जाती है। अधिक मिर्च-मसाले से भी सब्जी का स्वाद कम हो जाता है। ताजी सब्जियां, ताजा बनाकर सेवन करना ही हितकर होता है। बासी, फ्रिज में रखी, बार-बार गरम करके परोसी गई सब्जी में पौष्टिक तत्व खत्म हो चुके होते हैं। दैनिक जीवन में सब्जियों का सेवन बढ़ाकर देखें, हाजमा ठीक रहेगा, गैस, एसिडिटी नहीं होगी एवं उत्साह बढ़ेगा। इससे आपका व्यक्तित्व निखरेगा। बुजुर्ग कहा करते थे 
कि तिजोरी में धन होता है, तो चेहरे पर चमक झलकती है, ठीक उसी प्रकार हमारा शरीर यदि भीतर से संपन्न, स्वस्थ है तो बाहरी तौर पर भी सुंदर दिखेगा।

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