मुंबई गोराई बीच पर तीखा जहर




सुशील गंगवार - मीडिया दलाल डाट.कॉम -----------

साल २०११ की अंतिम रात और नए साल का जश्न  ने मुझे पागल बना दिया था मै किसी नशे में नहीं डूबा था  मै डूबा था पत्रकारिता के गहरे नशे में जिसने  मुझे मजबूर कर दिया, मुंबई गोराई बीच  के  तीखे जहर को करीव से जानने  के लिए ?  मुझे  रास्ते में रोक कर पूछा  जाता की रूम और लड़की चाहिए ? लोग हमें  शक्ल चूतिया  समझते है|

 मैंने कहा भाई ये बताओ कमरा - लड़की एक रात के लिए कितने में  दोगे तो वह दलाल फटाक से बोला साव हम रूम तो ५०० में देगे ,मगर लड़की देखने के बाद रेट तय होगा | हम बोले तुम पांच मिनट रुको हम अभी आते है और मै आगे बढ गया |

नीचे से ऊपर की तरफ से जाता हुआ रास्ता हमें उस और ले गया जहा हमें जाना था | ऊपर से खड़े होकर ठंडी पानी की  हवा, हमें गर्म करने पर मजबूर कर रही थी | वक़्त करीव रात के १२ बजे ,हम मुंबई गोराई बीच पहुचे तो देखा  रात जवान  हो रही थी |

सभी लोग इंग्लिश म्यूजिक पर  अपनी महबूबा के साथ  बहक -बहक कर मदहोश हो रहे थे |  हर किसी के हाथ में  शबाब और कवाब साफ़ साफ़ झलक रहा था | वह नए साल के जश्न में झूम रहे थे हमने भी अपनी गर्दन को तेदा मेदा करना शुरू कर दिया | भाई हमें नाचना नहीं आता है लोग ये न समझे साला अनाड़ी है |

तभी अचानक लड़की टकराई वह पूरी टल्ली थी | मुझसे बोली विल  यू डांस विथ मी ?  मै बोला नो प्रॉब्लम , लगे रहो और मेरी नजरे एक बन्दे से पे जा पहुची वह टल्ली होने का ड्रामा कर रहा था और अपने मोबाइल से विडियो और फोटो बना रहा था | वह उस लड़की की तलाश कर रहा था जो अकेली आयी हो ?  आखिर वो विडियो और फोटो क्यों बना रहा था | लो सुनो ऐसी जगहों पर दलाल जमकर विडियो और फोटो बनाते है  फिर उन्ही लडकियो और लडको ब्लैकमेल करते है|  

मै जब करीव पंहुचा तो वह बोलता है कुछ चाहिए क्या ? मै समझ गया बहन का टका दलाल है |  मैंने मुंडी हिला कर मना कर दिया | तभी एक काला सा लड़का मेरे कान में झुकर बोला हैप्पी न्यू इयर ? मैंने भी उसके कान  में फूक दिया हैप्पी न्यू इयर ?

थोड़ी देर बाद मुझे मुतास  लगनी लगी तो मैंने एक लोंडिया से पूछा अरे   मूतने का जुगाड़ किदर है तो वह बोली इदर  ही मूत लो और चल  दी ?

भाई मै  मुतास खाना तलाश करके हल्का हुआ तो देखा वह काला लड़का मेरे पीछे खड़ा है  बोला बॉस कुछ बात करनी है  तुम करते क्या हो  | मै बोला क्या करेगा घर लेके जायेगा |

अरे नहीं यार --- मस्त माल है मै बोला कैसा माल  - सुट्टा विथ गर्ल | दलाल मुझे एक कमरे ले गया बोला बॉस माल लेकर आता हु तुम देख लो . माल मस्त है  एक मिनट में मस्त न हुए तो पैसा वापस कर दूगा |माल इदर का नहीं विदेशी है बोल तो लेके आओ | एक बार चख लिया तो मुझे नहीं भूल सकते हो बॉस | मै बोला  आई विल कामे इन नेक्स्ट वीक ? खैर मै रूम से कट लिया |
लड़की - दारु - ड्रग्स का खुला कारोवार मेरी आखो के सामने चल रहा था   इदर उधर  वोदका , रम , बीयर  , ब्रांडी , सिगरते के खाली पैकेट  बिखरे पड़े थे और मुंबई मामू हाथ में डंडा लिए बीच पर टहल कदमी कर रहे थे | जैसे जैसे  टाइम बढ रहा था नशे की काली रात अपने उफान पर थी , म्यूजिक की गति तेज हो रही है   लड़के लडकिया मस्त हो कर नाच झूम रहे थे | हम चूतियों की तरह अपने हाथ पैर पटक रहे थे  | 

जो लड़के अपनी जुगाड़ लेकर आये थे वह काम क्रिया को बुझाने के लिए लड़की लेकर  कमरे में घुस और निकल रहे थे | दलाल अपना माल खुले बेच रहे थे |  सुबह के  चार बजते बजते  सभी नशे में वही पड़ी  खटिया पर अपनी जुगाड़ के सीने पर सर रख कर सोये पड़े थे  |

 मै सोच रहा था यह कैसा साल का अंत है जो हमारे युवा पीड़ी की रगों में नशे का तीखा जहर भर रहा है | क्या यही दुनिया है  जहा होता है जिस्म  - नशे का खुला कारोबार | यह बाजार हर शनिवार और रविवार सजती है जह सिखाया जाता है नशा करना और  लड़की को .. ........?    मै अपने  घर की तरफ रास्ता नाप ही रहा था तो एक मामू ने मुझे रोक लिया और बोला  नया साल खतम हो गया घर जाओ | मैंने ऑटो पकड़ा और घर फूट लिया |

यह लेख सुशील गंगवार ने लिखा है जो पिछले ११ वर्षो से प्रिंट , वेब , इलेक्ट्रोनिक  मीडिया के लिए  काम कर रहे है वह  साक्षात्कार डाट.कॉम , साक्षात्कार टीवी .कॉम , साक्षात्कार .ओर्ग के संपादक है इनसे संपर्क  ०९१६७६१८८६६ पर किया जा सकता 

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