पहली बार दुनिया देखेगी ब्लैक होल की तस्वीर




लंदन. 18 जनवरी को दुनिया भर के वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट पर चर्चा करेंगे। साथ ही अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत पर भी चर्चा होगी। एरीजोना यूनिवर्सिटी की स्टीवर्ड ऑब्जरवेटरी में असिस्टेंट प्रोफेसर दिमित्रियोस साल्तिस का कहना है, आज तक कोई भी ब्लैक होल की तस्वीर लेने में सफल नहीं हुआ है। लेकिन आज हम यह करने जा रहे हैं।



प्रोजेक्ट इवेंट होराइजन टेलिस्कोप 


ब्लैक होल की तस्वीर खींचे जाने वाले इस प्रोजेक्ट को इवेंट होराइजन टेलिस्कोप नाम दिया गया है। टेलिस्कोप के नाम (इवेंट होराइजन) से तात्पर्य है ब्लैक होल की सीमा का पता लगाना, जिसकी भौतिकी के नियमों से व्याख्या नहीं की जा सकी है। ब्लैक होल से कोई प्रकाश या विकिरण बाहर नहीं आ पाता। इसी के चलते ब्लैक होल पृथ्वी से दिखाई नहीं देते।


आइंस्टीन ने लगाया था पता



ब्लैक होल की पहली बार व्याख्या आइंस्टीन ने अपने सापेक्षता के सिद्धांत में की थी। बाद के दशकों में अंतरिक्ष के अध्ययन और मापन से उसकी पुष्टि हुई। ब्लैक होल का इतना गुरुत्व होता है कि उससे प्रकाश बाहर ही नहीं आता, इसलिए उसे आंखों से नहीं देखा जा सकता।



कहां है ब्लैक होल


हमारी गैलेक्सी मिल्की वे के मध्य में स्थित यह ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य से 4 करोड़ गुना ज्यादा है। लेकिन इसका आकार वैसा ही है जैसे चंद्रमा की सतह पर रखा एक अंगूर। sabhar : bhaskar.com

 
 

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