दो अमेरिकी और एक जर्मन वैज्ञानिक को मिला चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल

स्टॉकहोम. चिकित्सा के क्षेत्र में वर्ष 2013 का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक जेम्स रोथमैन, रैंडी डब्ल्यू शेकमैन और जर्मनी के वैज्ञानिक थॉमस श्यूडोफ को संयुक्त रूप से दिए जाने की सोमवार को घोषणा की गई। नोबेल फाउंडेशन ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए कहा कि इन्हें शरीर के अंदर कोशिकाओं के व्यवहार और संचार को नियमित करने वाली मशीनरी संबंधी खोज के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
इन्होंने अपने शोध में बताया है कि हर कोशिका अपने आप में एक कारखाना है। यह कई तरह के अणुओं का उत्पादन करती है। इन्हें शरीर में एक जगह से दूसरी जगह भेजती है। जैसे इंसुलिन का रक्त में छोड़ा जाना या तंत्रिकाओं में सूचनाओं का प्रवाह। ये अणु शरीर में छोटे-छोटे पैकेटों के रूप में भेजे जाते हैं। इन्हें वेस्किल कहते हैं। तीनों वैज्ञानिकों ने उस सिद्धांत का पता लगाया है, जो इन वेसिकल्स के संचार को नियमित करता है और अणुओं को उनकी सही जगह पर पहुंचाता है।
दो अमेरिकी और एक जर्मन वैज्ञानिक को मिला चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल

अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के रैंडी डब्ल्यू शेकमैन ने वेसिकल्स के संचार के लिए जरूरी जीन की खोज की है। अमेरिका के न्यू हेवन में येल विश्वविद्यालय के जेम्स रोथमैन ने उस प्रोटीन प्रकिया का पता लगाया है, जो वेसिकल्स का उनकी लक्षित कोशिकाओं द्वारा अवशोषण सुनिश्चित करता है। जर्मनी में पैदा हुए अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के थॉमस श्यूडोफ ने इस बात का पता लगाया है कि किस प्रकार वेसिकल्स को अपने अणु लक्षित कोशिकाओं को सौंपने का संकेत मिलता है।


दो अमेरिकी और एक जर्मन वैज्ञानिक को मिला चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल


इस पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी होने के कारण तंत्रिका संबंधी बीमारियां, मधुमेह और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी बीमारी होती है। कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में बच्चों के कैंसर विषय के प्रोफेसर जैन इग्ने हेंटर ने कहा कि इन खोजों का मानव शरीर को समझने में काफी महत्व है। तंत्रिका तंत्र, मधुमेह और प्रतिरक्षा संबंधी बीमारियों को समझने में भी ये मददगार होंगी। (तस्वीर में: थॉमस श्यूडोफ)
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sabhar : bhaskar.com

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