घेरता बचपन में बुढ़ापा प्रोजेरिया

 फिल्म पा में जब लोगों ने अमिताभ बच्चन की को प्रोजेरिया नामक बीमारी से पीड़ित बच्चे की भूमिका निभाते देखा तो कई लोगों को यकीन भी नहीं हुआ ऐसी भी कोई बीमारी होती है हमें से शायद ही किसी ने इस बीमारी का नाम सुनाओ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में शायद कुछ लोग ही इस बीमारी के बारे में जानते होंगे दरअसल यह बीमारी सामान्य नहीं है इसलिए लोग इसकी जानकारी से अनजान है प्रोजेरिया के बारे में सबसे पहले जानकारी 1886 में जो नाथन ने दी थी इसके बाद 18 97 में हिस्ट्री गिलफोर्ड ने इसके बारे में बताया था इसलिए इस बीमारी को हर्ट चिंसन गिलफोर्ड सिंड्रोम भी कहा गया है आज भी देश विदेश में पुरस्कृत वैज्ञानिक किस बीमारी की जड़ का पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद यह साफ हो जाएगा कि मनुष्य मनुष्य के बूढ़े होने की प्रक्रिया क्या है प्रोजेरिया सामान्य बीमारी की श्रेणी में नहीं आती 40 से 45 लाख बच्चों में से यह बीमारी किसी एक में पाई जाती है अब तक प्रोजेरिया से ग्रसित बच्चों की संख्या 45 से 40 से ज्यादा नहीं है गौर मतलब बिहार में एक ही परिवार के 5 बच्चों में यह बीमारी पाई गई थी इसमें से 3 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है प्रोजेरिया नामक बीमारी से ग्रसित बच्चे की उम्र महज महज 17 से 21 वर्ष की होती है यह बीमारी बच्चों के जीवन काल को काफी कम कर देती है प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चा 2 वर्ष की उम्र से ही बुरा दिखने लगता है इसकी उम्र 3 गुना रफ्तार से बढ़ने लगती है सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में वह पूरी तरह बूढ़ा हो जाता है पीड़ित बच्चों के सिर के सारे बाल झड़ जाए उसके सिर का आकार काफी बड़ा हो जाता है नरसिंह भरकर साफ दिखने लगती हैं और शरीर की बिलकुल रुक जाती है बच्चा बिल्कुल दूसरे ग्रह के प्राणी जैसा दिखने लगता है दरअसल यह बीमारी जींस और कोशिकाओं में बदलाव के कारण पैदा होने लगती है बहुत शोधों के बाद इस बीमारी के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता लाना बेहद जरूरी है ऐसे बच्चे नफरत से नहीं बल्कि तैयार के हकदार है ताकि इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिल सके

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