मानव मल से बनेगा सोना और खाद
न्यूयॉर्क। भले ही यह सुनने में अजीब लगे, लेकिन सच है, क्योंकि अमेरिकी शोधकर्ता इंसान के मल से सोना और कई दूसरी कीमती धातुओं को निकालने में लगे हुए हैं। शोधदल ने अमेरिका के मैला निष्पादन संयत्रों में इतना सोना निकालने में कामयाबी हासिल की है जितना किसी खान में न्यूनतम स्तर पर पाया जाता है। एक अंग्रेजी वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक डेनवर में अमेरिकन केमिकल सोसायटी की 249वीं राष्ट्रीय बैठक में मल से सोना निकालने के बारे में विस्तार से बताया गया है यूएस जिओलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के सह-लेखक डॉक्टर कैथलीन स्मिथ के मुताबिक हमने खनन के दौरान न्यूनतम स्तर पर पाई जाने वाली मात्रा के बराबर सोना कचरे में पाया है। उन्होंने बताया कि इंसानी मल में सोना, चांदी, तांबा के अलावा पैलाडियम और वैनेडियम जैसी दुर्लभ धातु भी होती है।शोधदल का मानना है कि अमेरिका में हर साल गंदे पानी से 70 लाख टन ठोस कचरा निकलता है। इस कचरे का आधा हिस्सा खेत और जंगल में खाद के रूप में उपयोग मे लिया जाता है बचे हुए आधो हिस्से को जला दिया जाता है या फिर जमीन भरने के काम में ले लिया जाता है।
धातु निकालने के लिए औद्योगिक खनन प्रक्रियाओं में जिस रासायनिक विधि का प्रयोग किया जाता है वैज्ञानिक उसी विधि से कचरे से धातु निकलने का प्रयोग कर किया जा रहा है। इससे पहले वैज्ञानिकों के एक दूसरे दल ने अनुमान कि आधार पर बताया था कि दस लाख अमेरिकी जितना कचरा पैदा करते हैं उस कचरे में से एक करोड़ तीस लाख डॉलर की धातु निकाली जा सकती है। मल त्यागना हम सबकी दिनचर्या का हिस्सा है. लेकिन क्या इंसानी मल किसी काम आ सकता है? बिल्कुल. जर्मनी में रिसर्चर कहते है कि इससे खाद बनाया जा सकता है जिसका खेती में इस्तेमाल किया जा सकता है. देखिए ये कैसे संभव होता है. sabhat webdunia dw.de
धातु निकालने के लिए औद्योगिक खनन प्रक्रियाओं में जिस रासायनिक विधि का प्रयोग किया जाता है वैज्ञानिक उसी विधि से कचरे से धातु निकलने का प्रयोग कर किया जा रहा है। इससे पहले वैज्ञानिकों के एक दूसरे दल ने अनुमान कि आधार पर बताया था कि दस लाख अमेरिकी जितना कचरा पैदा करते हैं उस कचरे में से एक करोड़ तीस लाख डॉलर की धातु निकाली जा सकती है। मल त्यागना हम सबकी दिनचर्या का हिस्सा है. लेकिन क्या इंसानी मल किसी काम आ सकता है? बिल्कुल. जर्मनी में रिसर्चर कहते है कि इससे खाद बनाया जा सकता है जिसका खेती में इस्तेमाल किया जा सकता है. देखिए ये कैसे संभव होता है. sabhat webdunia dw.de
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