दिल की धड़कन से चलेंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

 चीन के वैज्ञानिक एक ऐसी सुरक्षा तकनीक विकसित कर रहे हैं जिसमें दिल की धड़कन की मदद से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को संचालित किया जा सकेगा ताइवान के टाइम है है सिंह यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि हर एक इंसान का दिल अलग तरीके से धड़कता है वैज्ञानिकों का कहना है जब तक व्यक्ति जीवित रहता है उसके दिल की धड़कन ए चालू रहती है ऐसे में धड़कनों को करती है प्रणाली में बदलकर कंप्यूटर सुरक्षा तकनीकी हथियार के रूप में विकसित किया जा सकता है दिल अलग तरीके से धड़कने के कारण हर एक व्यक्ति का की दिल की धड़कन का इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम संकेत भी अलग होता है वास्तव में किन्ही दो व्यक्तियों को इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम संकेत एक जैसे नहीं होते इसी विशेषता को नए बायोमेट्रिक हथियार के रूप में विकसित किया जा रहा है प्रमुख शोधकर्ता सुन लिया मैंने कहा है कि इस तकनीकी योग्यता जांचने के लिए हमने 2 लोगों के ; इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम अर्थात ईसीजी संकेतों को उनकी हथेलियों के माध्यम से प्राप्त किया फिर उन्हें गणितीय आंकड़ों में परिवर्तित किया लिन ने कहा हमने पाया कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल पासवर्ड के रूप में किया जा सकता है उनका दावा है कि यह अन्य प्राणियों के मुकाबले कहीं अधिक सुरक्षित है अब तक बायोमेट्रिक पहचान सुनिश्चित करने के लिए उंगलियों के निशान आंखों की पुतली का इस्तेमाल होता था इसके बावजूद लोग तस्वीर में से इसे धावली करते हुए पाए गए लेकिन इस तकनीकी में हथेलियों से रिकॉर्ड की गई है दोनों को एक बार करने के बाद हमेशा पासवर्ड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है इसमें धोखाधड़ी किए जाने की आशंका नहीं होगी

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