एक इंजेक्शन से कैंसर का इलाज?

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प्रीतंभरा प्रकाश
कैंसर पर रिसर्च करने वाले यह जानकर खासे उत्साहित हैं कि अब बोन मैरो कैंसर का एक हद तक उपचार मीजल्स (खसरे) के वायरस द्वारा किया जा सकेगा। अमेरिका के मेयो क्लीनिक में हुई इस रिसर्च में मल्टिपल मायलोमा (एक प्रकार का बोन मैरो कैंसर) से ग्रस्त दो महिलाओं को मीजल्स वायरस के डोज बड़ी मात्रा में दिए गए और इस ट्रीटमेंट के छह हफ्तों बाद दोनों महिलाओं में कैंसर वाले सेल नदारद हो गए।

गौरतलब है कि वायरोथेरेपी के अंतर्गत बीमारियों पर हमला बोलने के लिए पहले भी वायरस का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस रिसर्च के प्रमुख डॉ़ स्टीफन रसेल के मुताबिक, हम वायरस के जरिये चूहों में मेटास्टैटिक कैंसर को खत्म करने के बारे में तो जानते थे, किंतु यह मनुष्यों में भी संभव हो सकता है, यह पहली बार देखा गया है। इस ट्रीटमेंट में वायरस को सीधे मरीज के खून में छोड़ दिया जाता है। यह कैंसर को पहले दूषित करता है, फिर नष्ट करता है। इसके बाद मरीज का इम्यून सिस्टम बाकी बचे कैंसर का सफाया कर डालता है।

दरअसल, इस प्रयोग की महत्ता यह है कि यह ऐसे लोगों पर अपना असर दिखा रहा है, जिनके लिए कीमोथेरेपी कुछ कर नहीं पा रही थी। ओटावा हॉस्पिटल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कैंसर फाइटिंग वायरस के टेस्ट में जुटे जॉन बेल के मुताबिक, अब इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है कि कौन से कैंसर के लिए कौन सा वायरस इस्तेमाल हो और यह किन लोगों के लिए प्रभावकारी होगा। sabhar :http://navbharattimes.indiatimes.com/

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