कयानी ने कहा- हमला करो नाटो पर








इस्‍लामाबाद. पाकिस्‍तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अफगानिस्‍तान में नाटो सैनिकों की ओर से अब आगे सीमा पार की जाने वाली कार्रवाई का जवाब देने के लिए ‘पूरी आजादी’ दे दी है। पाकिस्‍तान में बेहद ताकतवर माने जाने वाले सेना प्रमुख ने अफगानिस्‍तान की सरहद पर तैनात यूनिटों के कमांडरों से कहा है कि वो आगे सीमा पार से होने वाली किसी भी कार्रवाई का अपनी पूरी क्षमता से जवाब दें। आधिकारिक सूत्रों ने जनरल कयानी के हवाले से यह बात कही है। गौरतलब है कि बीते 26 नवंबर को पाकिस्‍तान की एक सैन्‍य चौकी पर नाटो के हवाई हमले में 24 सैनिक मारे गए।
  
आधिकारिक सूत्रों ने कयानी के हवाले से कहा है कि सेना प्रमुख ने 'चेन और कमांड सिस्‍टम' को फिलहाल खत्‍म कर दिया है इसके तहत जवाबी कार्रवाई के लिए सेना के सीनियर अधिकारियों को अपने ऊपर से किसी स्‍तर पर हरी झंडी का इंतजार नहीं करना होगा। यदि नाटो सैनिकों की ओर से कोई हमला होता है तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए और इस बारे में नियम कानूनों के पचड़े में पड़ने की जरूरत नहीं है। कयानी ने कहा है कि जवाबी हमला करते वक्‍त इस बात की तनिक भी चिंता करने की जरूरत नहीं है कि इसके क्‍या परिणाम होंगे और कितना खर्च आएगा। सेना को जरूरत के मुताबिक संसाधनों की भरपूर मदद की जाएगी।
कयानी ने नाटो के हमले को ‘आक्रामक कार्रवाई’ करार दिया है जिसे बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता है। सेना प्रमुख ने कहा है कि अब आगे से कोई भी हमलावर बच कर वापस नहीं जाना चाहिए। सेना में जोश भरने के लिए दिए गए इस बयान में जनरल कयानी ने सैनिकों की तारीफ की और कहा कि यदि पाकिस्‍तानी वायु सेना इसमें शामिल होती तो कार्रवाई और भी प्रभावी होती। हालांकि इसमें वायु सेना की तरफ से कोई चूक नहीं हुई है क्‍योंकि उसने इस कार्रवाई में हिस्‍सा नहीं लिया। उन्‍होंने कहा कि संचार तंत्र में गड़बड़ी और मौजूदा स्थिति की सही जानकारी नहीं होने की वजह से इस बारे में समय रहते फैसला नहीं लिया जा सका। 

बीते शनिवार को हुए हमले के बाद पाकिस्‍तान ने नाटो सैनिकों के सप्‍लाई रूट को पूरी तरह बंद कर दिया है और अमेरिका को शम्‍सी एयरपोर्ट खाली करने का कहा गया है। पाकिस्‍तान की सरकार ने अफगानिस्‍तान के भविष्‍य को लेकर जर्मनी के बॉन में होने वाले सम्‍मेलन का बहिष्‍कार करने का भी फैसला किया है।
 
इसके अलावा पाकिस्‍तानी सेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपना प्रस्‍तावित अमेरिका दौरा रद्द करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने देश में न्‍यायपालिका को किसी खतरे या सैन्‍य तख्‍तापलट की आशंका से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि ये दोनों ही संस्‍थान लोकतंत्र समर्थक हैं। राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने देश के मौजूदा राजनीतिक हालात और सुरक्षा की स्थिति को लेकर भरोसे में लेने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क किया है। शुक्रवार को शुरू हुए पाकिस्‍तानी संसद के सत्र के दौरान सर्वसम्‍मति से नाटो हमले की निंदा का प्रस्‍ताव पारित किया गया। 
काबुल में भी विरोध
 
बॉन सम्‍मेलन का न सिर्फ पाकिस्‍तान ने ही बहिष्‍कार किया है बल्कि अफगानिस्‍तान में भी इस बैठक का विरोध हो रहा है। काबुल में शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने मार्च निकाला और अफगानिस्‍तान में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी का विरोध किया। बॉन सम्‍मेलन में अफगानिस्‍तान और अमेरिकी सरकार के बीच एक करार पर दस्‍तखत होना प्रस्‍तावित है जिसके तहत अफगानिस्‍तान में विदेशी सैनिकों को मौजूद रहने की इजाजत मिलेगी।  
पाक को मदद रोकने पर प्रस्‍ताव पारित
अमेरिकी सीनेट ने आतंकवाद के खिलाफ जंग के लिए पाकिस्‍तान को दी जाने वाली मदद रोकने से जुड़े बिल को सर्वसम्‍मति से पारित कर दिया। डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर बॉब कैसी की ओर से संशोधित इस बिल के तहत पाकिस्‍तान को आर्थिक मदद तब तक रोकने का प्रावधान है जब तक वह सड़कों के किनारे लगे बमों के इस्‍तेमाल पर काबू नहीं पा लेता। अफगानिस्‍तान में ऐसे बमों के विस्‍फोट से कई अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं।  
इससे पहले एक अमेरिकी सीनेटर ने पेंटागन से पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता और भविष्य में उसकी स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने के लिये संशोधन प्रस्ताव पेश किया है। रिपब्लिकन सीनेटर बॉब कॉर्कर ने कहा कि लंबे समय से पाक का रवैया अस्थिर सा है। अब इसमें परिर्वतन लाने की आवश्यकता है। यदि यह संशोधन प्रस्ताव पारित हो जाता है तो पेंटागन को पाक को दी जाने वाली निधि के बारे में कांग्रेस के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट से पता चलेगा कि पाक तालिबान के खिलाफ लड़ाई के लिए दी जाने वाली निधि का प्रभावशाली ढंग से इस्तेमाल करता है या नहीं।
 sabhar : bhaskar.com

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