आर्केमेडीज ने बर्निंग मिरर से पल भर में भस्म कर डाला था रोमन जहाज !


तीसरी सदी ईसापूर्व के ग्रीक गणितज्ञ आर्केमेडीज ने उस समय जो सिद्धांत बनाए थे, वे आज भी इंजीनिरिंग साइंस का मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कई एडवांस सैन्य तकनीकें भी विकसित की थीं। आर्केमेडीज से संबंधित मशहूर कहानियों में उनके बनाए बर्निग मिरर के किस्से भी पढ़े जा सकते हैं। यह एक विशाल कांच था, जिससे किसी भी चीज़ में आग लगाई जा सकती थी। वक्त के आगोश में ये मिरर भी कहीं खो गया और बाद में इस बात पर बहस होने लगी कि क्या वाकई कोई ऐसा आईना था?



कहा जाता है कि 212 ईसापूर्व में रोमन्स ने ग्रीक के सायराकूसे पर हमला किया था। ऐसे में आर्केमेडीज ने बर्निग मिरर से रोमन जहाजों पर सूर्य की रोशनी का प्रतिबिंब डालकर उन्हें जला दिया था। इस तरह उन्होंने ग्रीक को एक बड़ी नौसैनिक जीत दिलाई थी और रोमन्स को वहां से भागना पड़ा था। बाद में एक ग्रीक उत्सव के दौरान मौके का फायदा उठाकर मारकस क्लाउडिअस मार्सेलस ने सायराकूसे पर कब्जा कर लिया था।



12वीं सदी के बायजैंटीन इतिहासकार जॉन ट्ज़ीट्ज़ेस ने रोमन इतिहासकार डिओ कैसिअस (155 से 235 ईस्वी) की लिखित जानकारी के अनुसार बताया था कि यह मिरर षटकोण आकार का था। इस पर तांबे की पॉलिश थी और बहुत से छोटे आईने इसके आसपास लगे थे। एक फ्रेम में ये सभी फिट किए गए थे। मिरर सूर्य की रोशनी जमा कर उसे एक लेजर जैसी बीम बना देते थे।



17वीं सदी में डेस्क्रेट्स ने बर्निग मिरर को काल्पनिक बताया। फिर भी 1747 में जॉर्ज लुइस लेक्लेर्क और कॉम्टे डे बफॉन ने दावा किया कि उन्होंने इसी तरह 150 फीट दूर से एक खजूर का पेड़ जलाया है। तब से लेकर आज तक ऐसे कई प्रयोग किए गए हैं। इन्हें देखते हुए आर्केमेडीज के बर्निग मिरर के किस्सों को खारिज नहीं किया जा सकता। sabhar : bhaskar.com

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