ब्रेन डेड महिला 3 महीने बाद दिया बच्चे को जन्म
बुडापेस्ट. हंगरी के डेबरेकन मेडिकल यूनिवर्सिटी एंड हॉस्पिटल में एक ब्रेन डेड महिला की सफल डिलीवरी कर डॉक्टरों ने नया इतिहास रच दिया है। यह महिला (31) अप्रैल में ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद कोमा में चली गई। उस वक्त उसके गर्भ में 15 हफ्ते का भ्रूण था। जुलाई में महिला की प्रीमैच्योर डिलीवरी (सीजेरियन) की गई। बच्चा स्वस्थ है। उसका वजन 1.4 किलो है। परिवार ने अस्पताल प्रबंधन को उनके बारे में जानकारी देने से मना किया है।
डिलीवरी के बाद लाइफ सपोर्ट को बंद कर दिया गया। महिला का लीवर, हार्ट, पैनक्रियास और किडनी चार लोगों को डोनेट कर दिए गए। ऐसा दुर्लभ मामला 2005 में अमेरिका में भी सामने आया था।
बच्चे का जन्म समय से थोड़ा पहले हुआ, लेकिन वो सेहतमंद है. डॉक्टरों का कहना है कि किसी ब्रेन डेड महिला की डिलीवरी का दुनिया में यह तीसरा मामला है. महिला के घरवाले चाहते थे कि उनकी निजता का खयाल रखा जाए इसलिए बच्चे की पहचान गुप्त रखी गई है.
वहीं, डॉक्टरों ने बच्चे के जन्म के बाद परिवारवालों की रजामंदी ली और महिला का हार्ट, लिवर और किडनी चार जरूरतमंदों को प्रत्यारोपित कर दिए. इस तरह डॉक्टरों ने न केवल गर्भ में पल रहे बच्चे को नया जीवन दिया, बल्कि चार और लोगों को भी नई जिंदगी दी.
डॉक्टरों ने बताया, ‘वह पल अद्भुत था जब बच्चे का जन्म हुआ. जन्म के तुरंत बाद बच्चा रोया, वह लात मार रहा था. ट्रीटमेंट में शामिल सभी लोगों के लिए यह कभी ना भूलने वाला पल था.’<>आपको बता दें कि आमतौर पर ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद मरीज को एक या दो दिन तक ही लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है. डॉक्टरों ने बताया, ‘हमारा केस बिलकुल अलग था. हमें बच्चे को भी सुरक्षित रखना और महिला के पांच अंग भी किसी और को प्रत्यारोपित करने थे.’
प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के दादा-दादी और पिता अस्पताल आकर मां के पेट को सहलाकर बच्चे से बात करते थे. यही नहीं म्यूजिक थेरेपिस्ट भी बुलाए गए. डॉक्टरों के लिए कई तरह के इंफेक्शन भी बड़ी चुनौती थे. और तो और बेडसोर यानी कि लेटे-लेटे पीठ और कमर पर होने वाले घावों से बचाने के लिए डॉक्टर बार-बार महिला को पलटते रहते थे.
गौरतलब है कि महिला ने बच्चे को जुलाई में जन्म दिया था. बच्चे को पिछले महीने ही अस्पताल से छुट्टी मिली है, लेकिन डॉक्टर इस सफल ऑपरेशन की घोषणा तब तक नहीं करना चाहते थे जब तक कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ ना हो जाए. बच्चा अब अपने घर में है और ठीक है. डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि उसमें बीमारी के भी कोई लक्षण नहीं है, लेकिन अभी लगातार उसे निगरानी पर रखा जाएगा. sabhar : bhaskar.com : http://dainiksandhyaprakash.com
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