समुद्र के अंदर का वर्चुअली आनंद "अंडरवाटर अर्थ" से



मेलबर्न। अब तक गूगल अर्थ से पृथ्वी का स्थल भाग ही नजर आता था, पर जल्द ही इस सेवा का विस्तारित रूप देखने को मिलेगा और पृथ्वी के समुद्र के अंदर की हलचल को यूजर्स देख सकेंगे। इतना ही नहीं, वे ग्रेट बैरियर रीफ के आस-पास तैरने का वर्चुअल आनंद भी ले सकेंगे।
प्रोजेक्ट में 50 हजार से अधिक फोटोग्राफ इस प्रोजेक्ट को प्रवाल शैलमाला के स्वास्थ्य और उनकी संरचना पर पहले व्यापक अध्ययन के अंश के रूप में जाना जा रहा है। 
गूगल ने इस प्रोजेक्ट को अंजाम देने के लिए ग्लोब के चारों कोनों पर कैमरे लगाए हैं और इनसे पूरी बारीकी के साथ स्ट्रीट स्तर की फोटोग्राफी जैसा ऑनलाइन संग्रह (आर्काइव) तैयार हो रहा है।इसके लिए विशेषज्ञ गोताखोरों ने कई-कई महीने पानी के अंदर के 360 डिग्री के सुंदर स्थलों की चित्रमाला कैमरे में खींची है। इन्हीं में से 50,000 से अधिक फोटोज को जोड़कर केटलिन सीव्यू सर्वे तैयार किया है। केटलिन सीव्यू, गूगल के स्ट्रीट व्यू का ही उप-जलीय संस्करण है। इन 50,000 से अधिक फोटोज से समुद्र की सतह से 100 मीटर नीचे एक वर्चुअल डाइव (गोताखोरी) के लिए दृश्य/असर निर्माण हो सका है।
 इसके लिए यूजर्स को कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वो अपने कंप्यूटर पर ऑनलाइन होते ही 
प्रवाल शैलमाला के विस्तृत इलाकों में भ्रमण कर सकेंगे और समुद्र की खूबसूरत दुनिया से परिचित हो सकेंगे। फिलहाल यूजर्स केवल केटलिन सीव्यू सर्वे के नक्शे को देख सकते हैं। इस प्रोजेक्ट से वैज्ञानिक भी आशान्वित है। वे मानते हैं कि प्रोजेक्ट में मिलने वाले आंकड़े मौसम और ग्रेट बैरियर रीफ जैसे समुद्री इलाकों पर अन्य पर्यावरण अवस्था से प्रभावित पारस्थितितंत्र को अधिक बेहतरी समझ सकेंगे। क्वींसलैंड क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के ग्लोबल चेंज इंस्टीट्यूट के प्रो. ओवे होइग-गुल्डबर्ग का मानना है कि इस प्रोजेक्ट का विजुअल नेचर, वैज्ञानिक जानकारियों और जनता की जागरूकता के  बीच पुल का काम करेगा। sabhar : patrika.com 


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