यहां खुलेआम चल रहे नशे के अड्डे, लड़के-लड़कियां बिताते हैं घंटों



नागपुर. युवाओं को लुभाते व बर्बादी की कगार पर पहुंचाते हुक्का पार्लर नये सिरे से आबाद होने लगे हैं। शहर में घोषित तौर पर कोई हुक्का पार्लर नहीं है। पुलिस व मनपा के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वे इन केंद्रों पर निगरानी रखे हुए हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है।

शहर का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा, जहां हुक्का पार्लर न चल रहा हो। खुलेआम चल रहे नशे के इन अड्डों पर युवतियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। दैनिक भास्कर ने अंबाझरी क्षेत्र में एक काफी हाउस में चल रही हुक्काबाजी का जो नजारा देखा, वह काफी चौंकानेवाला था। पुलिस व मनपा अधिकारियों के दावों की पोल खोलते इन अड्डों पर असामाजिक तत्व भी पहुंचने लगे हैं।

गौरतलब है कि शहर में स्नूकर क्लब व पूल के अलावा कॉफी कंेद्र के नाम पर हुक्का पार्लर चल रहे हैं। सभी हुक्का पार्लर अवैध हैं। सरकार की ओर से ऐसे किसी भी कंेद्र को लाइसेंस जारी नहीं किया गया है, लेकिन अन्य नामों से चल रहे इन केंद्रों में युवाओं को लुभाने के तमाम इंतजाम किये गए हैं। विशेषकर महाविद्यालयीन युवक-युवतियां इन केंद्रों पर अधिक संख्या में नजर आते हैं।

युवाओं को एक डेढ़ घंटे तक कुर्सी व पर्दे की आड़ में समय गुजारने का मौका उपलब्ध कराया जाता है। इन केंद्रों के डार्क रूम युवक-युवतियों को लुभाते हैं। रूम में जगह पाने के लिए वे घंटे भर में 500 से अधिक रुपये खर्च करने को तैयार हो जाते हैं।

तंबाकू फ्लैवर के नाम पर ऐसे नशे उपलब्ध कराये जाते हैं, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। बताया जाता है कि इन कंेद्रों पर चरस, हेरोइन के अलावा अन्य मादक पदार्थ आसानी से उपलब्ध होने लगे हैं। पता चला है कि दसवीं -बारहवीं कक्षा की परीक्षा दे चुके युवा भी इन दिनों इन कंेद्रों पर अधिक नजर आ रहे हैं।

ढीली पड़ी कार्रवाई

कुश कटारिया हत्याकांड के बाद शहर में हुक्का पार्लर चर्चा में आया था। खुलासा हुआ था कि हुक्के के शौक के लिए युवा आपराधिक कदम उठाने लगे हैं। कुश की हत्या का आरोपी पूर्व नागपुर के एक स्नूकर केंद्र में नियमित जाता था।

मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी इन केंद्रांे के बढ़ने पर चिंता जतायी थी। अदालत में भी नशा के केंद्रों का मामला पहुंचा था। बाद में शहर पुलिस ने छापामार कार्रवाई शुरू की थी। मनपा के खाद्य व औषधि विभाग ने कुछ केंद्रों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजी थी।

लिहाजा कुछ दिनों तक ये केंद्र बंद रहे, लेकिन अब ये खुलेआम चलने लगे हैं। पूर्व नागपुर में ही देखें तो इस तरह के केंद्र सैकड़ों की तादाद में है। सेंट्रल एवेन्यू के कुछ होटलों के अलावा व्यावसायिक इमारतों में ऐसे केंद्रों की संख्या अधिक है।

अत्याधुनिक बाजार में इस तरह के केंद्र खुलेआम चल रहे हैं। सदर,धरमपेठ, अंबाझरी के हुक्का केंद्र विशेष आकर्षण का केंद्र बने हैं। देखा गया है कि हुक्का केंद्र में छापेमारी हो तो केवल 1200 रुपये का जुर्माना होता है। मामूली जुर्माने की परवाह नहीं करते हुए नशे के केंद्र चलाये जा रहे हैं।

नेता पुत्री भी पकड़ी गई थी

शहर के एक हुक्का पार्लर में पुलिस की छापेमारी के दौरान एक बड़े नेता की पुत्री भी पकड़ी गई थी। उसके बाद इन कंेद्रों पर छापेमारी बढ़ी थी। हुक्का पार्लर के शौक के चलते कुछ युवाओं के चेन स्नैचर बनने की भी खबर है।

रहती है नजर

हुक्का पार्लर की अनुमति नहीं है। जिन दुकानों में नशे की शिकायत मिलती है, वहां पुलिस कार्रवाई करती है। कार्रवाई के लिए अलग से दस्ता नहीं है। हर थाने को इन केंद्रों पर नजर रखने के निर्देश दिये गए हैं। -डॉ. रवींद्र कदम, अपर आयुक्त,अपराध शाखा, शहर पुलिस
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