इस नाई के पास है अरबों की संपति, आज भी काटते हैं लोगों के बाल

सफलता की बुलंदियों को हर इंसान छूना चाहता है. सफल लोगों के ठाठ-बाट को देख आपमें-हममें भी सफल होने की चाहत जोर मारने लगती है. लेकिन इसके लिए कोई जादू की छड़ी आज तक बनी नहीं. ना ही कोई जिन्न हुआ जो आपकी आज्ञा मान ले और आपको रातों-रात सफल बना दे. यह ऐसी चीज है, जिसके लिए आपको कड़ी मेहनत और लगन की जरूरत होती है. तभी आपकी सफलता और उसके लिए किए गए संघर्ष की कहानियां लोग सुनते-सुनाते हैं, पढ़ते हैं. 
 
रतन टाटा, मुकेश अंबानी, मार्क जुकरबर्ग को आज कौन नहीं जानता? लेकिन क्या ये सारे लोग पैदा होते ही सफलता का स्वाद चख चुके थे? या इनकी सफलता के पीछे इनका संघर्ष, इनका परिश्रम और इनकी लगन है? इन नामचीन लोगों के अलावा और भी कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने अपने मेहनत के दम पर सफलता का इतिहास रचा. बैंग्लोर के रमेश बाबू कभी एक मामूली से नाई हुआ करते थे. लेकिन अपनी दूरदृष्टि, मेहनत और लगन से आज अरबों के मालिक हैं. इनके पास रोल्स रॉयस, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू जैसे लग्जरी कारों का काफिला है.  
 इस नाई के पास है अरबों की संपति, आज भी काटते हैं लोगों के बाल

रमेश बाबू
 
इन सज्जन का नाम है रमेश बाबू और इनकी उम्र् है महज 41 साल। जब वे 7 साल  के थे तो उनके पिता गुजर गए। पिता वहां नाई का काम रते थे। रमेश बाबू की मां ने लोगों के घरों में खाना पकाने का काम किया ताकि बच्चों का पेट भर सकें। उन्होंने अपने पति की दुकान महज 5 रुपए महीना पर किराए में दे दी।
 
रमेश बाबू तमाम कठिनाई के बावजूद पढ़ाई करते थे। उन्होंने इलैक्ट्रोनिक्स में डिप्लोमा किया। 1989 में उन्होंने पिता की दुकान वापस लेकर उसे नए सिरे से चलाया। इस दुकान को मॉडर्न बनाकर उन्होंने खूब पैसे कमाए और एक मारुति वैन खरीद ली। लेकिन चूंकि वह कार खुद नहीं चला पाते थे तो उन्होंने कार को किराए पर देना शुरु कर दिया। इस तरह से उन्होंने अपनी कंपनी रमेश टूर ऐंड ट्रेवल्स की शुरुआत की।
 
आज रमेश बाबू के पास 90 कारों का काफिला है इनमें मर्सिडीज से लेकर बीएमडब्ल्यू तक है। वह रॉल्स रॉयस जैसी महंगी कारें भी चलाते हैं जिनका एक दिन का किराया 50,000 रुपए तक है।
 
रमेश बाबू के पास 60 से भी ज्यादा ड्राइवर हैं। लेकिन आज भी उनका सैलून इनर स्पेस चल रहा है, जिसमें वो हर दिन 2 घंटे ग्राहकों का बाल काटते हैं।
इस नाई के पास है अरबों की संपति, आज भी काटते हैं लोगों के बाल

sabhar  ; bhaskar.com

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