अवचेतन मन और विज्ञान :टेलीपैथी

अवचेतन मन और विज्ञान के बीच संबंध एक रोमचक और गहरा विषय है। विज्ञान मनोविज्ञान या मनोविज्ञान के द्वारा मन के अध्ययन को समझने का प्रयास करता है। विज्ञान में माना जाता है कि मन और चेतना शारीरिक प्रक्रियाओं और न्यूरोवेव्स (न्यूरोन्स) की गतिविधियों का परिणाम हैं। न्यूरोवेव्स के मध्यम से विभिन्न भागों में तरंगों के रूप में सिग्नल भेजे जाते हैं, जो मन की गतिविधि को निर्धारित करते हैं। यह न्यूरोलॉजी और न्यूरोसाइंस के अध्ययन के अंतर्गत आता है। अवचेतन मन का विज्ञानिक अध्ययन भी किया जाता है, जहां मन की गतिविधियों के पीछे के कारणों को समझने का प्रयास किया जाता है। यह प्रयास मानव न्यूरोसाइंस, कंप्यूटर साइंस, और कोग्निटिव साइंस के तत्वों को समाहित करता है। टेलीपैथी (Telepathy) एक प्राकृतिक और अतींद्रिय शक्ति की परिभाषा के रूप में आपसी मनोवैज्ञानिक संचार को दर्शाने के लिए उपयोग होती है। यह अवधारित की जाती है कि इसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के मन के भाव, विचार, या ज्ञान को निर्देशित कर सकता है बिना किसी संपर्क के। इस शक्ति के माध्यम से संवाद या संचार की क्षमता के बारे में वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं हैं और इसे अभी तक वैज्ञानिक समुदाय में स्वीकार्य रूप से प्रमाणित नहीं किया गया है। बहुत से लोग टेलीपैथी के अनुभवों का साक्षात्कार करते हैं और उन्हें यह मानते हैं कि यह शक्ति अस्तित्व रखती है, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय इसकी वैधता के बारे में अभी भी विवादित है। वैज्ञानिक समुदाय ने टेलीपैथी के विज्ञानिक व्याख्यान के रूप में भविष्यवाणी की है जहां दूसरे संचार माध्यमों के बिना व्यक्ति-से-व्यक्ति के मन की संचार को संभव माना जाए

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