24 घंटे' असर करेगी गोली

  समाचार
'चौबीस घंटे' असर करेगी गोली
यह नई दवाई चौबीस घंटे तक अपना असर बरक़रार रखेगी
यह नई दवाई चौबीस घंटे तक अपना असर बरक़रार रखेगी

नपुंसकता के शिकार पुरुष अब एक नई दवाई की बदौलत रात दिन जब चाहें यौन संबंध क़ायम करने में सक्षम रहेंगे.

सियालिस नाम की इस दवाई को बनाने वालों का दावा है कि इसका असर चौबीस घंटे तक रहेगा.

अब तक काम आने वाली गोली वायग्रा यौन क्रिया शुरू करने से एक घंटे पहले लेनी होती थी और वह सिर्फ़ चार घंटे ही प्रभावी रहती थी.


अब तक इस बाज़ार पर वायग्रा का ही एकाधिकार था
लेकिन वायग्रा की तरह ही यह दवाई भी नुस्ख़े से ही मिलेगी, जो चाहे उसे नहीं.

इस दवाई की निर्माता कंपनी लिली यूके का कहना है कि इससे दम्पत्ति अधिक सहज और स्वाभाविक रूप से यौन क्रिया का आनंद ले सकते हैं.

जब चाहे...

उनके लिए कोई समय के बंधन नहीं होंगे.

एक ख़ास बात और. इस दवा का असर तो पूरे दिन रहेगा लेकिन यौन क्रिया की ज़रूरत उत्तेजित होने पर ही महसूस होगी.

पुरुष आमतौर पर तभी उत्तेजित होते हैं जब शारीरिक संपर्क या इस तरह के विचार उनके दिमाग़ में आते हैं.

उस समय एक रासायनिक तत्व पैदा होता है जो उनकी यौनेंद्रिय की रक्त वाहिकाओं को फैला देता है.

एक ख़ास एंज़ाइम

यह रासायनिक तत्व एक विशिष्ट एंज़ाइम से नियंत्रित होते हैं और इस एंज़ाइम की कमी से ही यह नपुंसकता पैदा होती है.


लंबे समय तक असर करने वाली इस गोली की वजह से लोग उन्मुक्त भाव से यौन क्रिया का आनंद ले पाएँगे.
डॉक्टर पैट ग्रिफ़िथ
सियालिस गोली इसी एंज़ाइम को जीवित रखती है और उसकी वजह से रक्त का प्रवाह रुकने नहीं पाता.

डरहम के एक चिकित्सक डॉक्टर पैट ग्रिफ़िथ कहते हैं कि इस गोली की वजह से लोग उन्मुक्त भाव से यौन क्रिया का आनंद ले पाएँगे.

उनका कहना है, "लंबे समय तक असर करने वाली इस गोली का यह फ़ायदा है कि लोग यह भूल जाएँगे कि उन्होंने दवा ली हुई है. इससे यौन संबंधों की स्वाभाविकता बनी रहेगी".

एक मनोचिकित्सक डॉक्टर सिंथिया मैकवी कहती हैं, "किसी हड़बड़ी की ज़रूरत नहीं होगी. लोग आराम से रोमांस कर सकते हैं. पार्क में टहल सकते हैं या साथ बैठ कर भोजन का आनंद ले सकते हैं".

जिन मरीज़ों पर इसका परीक्षण हुआ है उनमें से एक ऐलेन का कहना है, "मेरी उम्र साठ साल से ज़्यादा है लेकिन मुझे लगता है कि मुझे अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध क़ायम रखने चाहिए".

"इस दवाई से मनोवैज्ञानिक रूप से मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ".

ब्रिटेन में ही देखा जाए तो लगभग तेइस लाख लोग नपुसंकता से पीड़ित हैं. लेकिन इलाज दस में से एक का ही हो पाता है.
 
 

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