एलियंस ने परमाणु युद्ध से हमें बचाया




वाशिंगटन। अमेरिका के एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री ने दावा किया है कि अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध रोकने और शांति स्थापित करने के लिए एलियन पृथ्वी पर आए थे। डॉ. एडगर मिचेल नामक यह सज्जन चांद पर पहुंचने वाले छठे व्यक्ति थे। वह 1971 में "अपोलो 14" मिशन से वहां गए थे।
84 वर्षीय मिचेल के अनुसार 16 जुलाई 1945 को न्यू मेक्सिको राज्य के वाइट सैंड्स में परमाणु परीक्षण के दौरान वहां यूएफओ (अज्ञात अंतरिक्ष यान) दिखाई दी थीं। उनके अनुसार एलियन हमारे परमाणु परीक्षणों के स्थानों में गहरी रुचि रखते थे और उन्होंने उस समय दोनों महाशक्तियों- रूस और अमेरिका के बीच परमाणु युद्ध के खतरे को समाप्त किया था। वह कहते हैं कि उस समय वहां मौजूद अमेरिकी सेना के कर्मचारियों के दर्ज बयान उनके दावों को सच्चा साबित करते हैं।
इससे पहले भी मिचेल एलियंस से जुड़े कई रोचक बयान दे चुके हैं। उनके अनुसार हमारी तकनीक उनके जैसी विकसित नहीं है, लेकिन यदि वह उग्र होते तो पृथ्वी पर मानवजाति का नामोनिशान ही नहीं बचता। इसके अलावा, वह पहले यह भी अंदाजा लगा चुके हैं कि शायद एलियन देखने में बहुत-कुछ फिल्मी ईटी की तरह दिखते हैं, यानी वह बड़ी आंखें और बड़े सिर वाले होंगे।
सरकारी दावा
एडगर मिचेल के अजीबोगरीब दावों के जवाब में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व शोधकर्ता निक पोप का कहना है कि मिचेल के दावे अधकचरी सूचनाओं के आधार पर तैयार किए गए हैं। हालांकि पोप यह जरूर कहते हैं कि परमाणु संयंत्रों और फौजी छावनियों के आसपास अज्ञात यान देखे गए थे, लेकिन वह यूएफओ थे या कुछ और, कहना कठिन है।
पोप के अनुसार मिचेल के दावों पर यकीन करने वाले वही लोग होते हैं जो इंसान के चांद पर पहुंचने को लेकर शंका जताते रहे हैं और दावे करते हैं कि वह किसी सेट पर बनाई गई फिल्म थी। वहीं यूएफओ में यकीन रखने वालों के अनुसार परमाणु तकनीक के विकसित होने पर बाहरी जगत के प्राणी इसलिए धरती पर पहुंचे थे क्योंकि इससे इंसान की शक्ति में कई गुना इजाफा हो गया था।
नासा का बयान
नासा के एक प्रवक्ता के अनुसार नासा यूएफओ की तलाश में समय नहीं बिताता। नासा कहीं भी एलियन को लेकर किसी तथ्य पर पर्दा भी नहीं डालता। नासा के अनुसार डॉ. एडगर मिचेल एक महान अमेरिकी वैज्ञानिक हैं, लेकिन नासा उनके विचारों से सहमत नहीं है।
अनोखे दावे
एक भौतिकशास्त्री डॉ. जॉन ब्रांडेनबर्ग के अनुसार मंगल ग्रह पर स्थित प्राचीन सभ्यता को एलियन ने ही परमाणु धमाके से खत्म कर दिया था। डॉ ब्रांडेनबर्ग के अनुसार इस नरसंहार के निशान आज तक वहां देखे जा सकते हैं। उन्होंने कुछ वर्ष पहले दावा पेश किया था कि मंगल की लाल सतह वहां हुए परमाणु धमाके के कारण है, जिससे वहां के वातावरण में कई रेडियोधर्मी पदार्थ फैल गए थे।

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