प्रोस्टेट कैंसर का 100 फीसदी इलाज संभव

जयपुर.
प्रोस्टेट कैंसर में रेडिएशन इंप्लांट करके इसे 100 फीसदी ठीक किया जा सकता है। यह इंप्लांट स्थायी और अस्थायी दोनों तरह से होता है। इसमें रेडियोएक्टिव आयोडीन सोर्स स्थायी इंप्लांट किया जाता है, जबकि इरिडियम सोर्स कंप्यूटराइज सिस्टम से तय समय के लिए इंप्लांट किया जाता है। बिड़ला ऑडिटोरियम में चल रही एरोइकॉन-2011 में शनिवार को अमेरिका से आए डॉ. डी.नूरी ने इंप्लांटेशन पर प्रजेंटेशन दिया। एसएमएस हॉस्पिटल में रेडियो थैरेपी डिपार्टमेंट के यूनिट हैड डॉ. ओपी शर्मा ने कहा कि ब्रेकी थैरेपी के जरिए इंप्लांट किए जाते हैं। एक महीने में इसके रिजल्ट आने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद कीमो और रेडियो थैरेपी की जरूरत नहीं पड़ती। सिर्फ एक हार्मोन टैबलेट लेने की जरूरत होती है। हालांकि, अभी यह सुविधा एम्स और टाटा मैमोरियल मुंबई में उपलब्ध है। जयपुर में महंगी मशीनें होने के साथ-साथ उपकरण भी महंगे हैं। कम पैसे में बेहतर इलाज संभव आस्ट्रेलिया से आए डॉ. कैलाश नारायण ने कहा, अक्सर डॉक्टर्स की यह धारणा होती है कि क्लीनिकल ट्रायल से ट्रीटमेंट में बदलाव आता है, जबकि ऐसा नहीं है। प्रेक्टिस में देखे जा रहे पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में बदलाव आ सकता है, लेकिन इंडिया में टाटा मेमोरियल को छोड़कर ऐसा कोई इंस्टीट्यूट नहीं है, जहां पर पेशेंट्स के आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं। कितने पेशेंट्स ठीक हुए? कितने नहीं? यहां ऐसा कोई पब्लिकेशन भी नहीं छपता, जिसके आधार पर यह बताया जा सके कि अभी तक किए गए ट्रीटमेंट के रिजल्ट क्या हैं? महंगी मशीनों से बेहतर ट्रीटमेंट मिल पाएगा, यह जरूरी नहीं है। ट्रीटमेंट जरूर महंगा हो जाता है। साधारण टेक्निक से भी कम पैसों में बेहतर ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। यह मालूम चला है कि पैट स्कैन से ट्यूमर की सही स्टेजिंग नहीं हो पाती। एमआरआई से यह जरूर संभव है। बिना एमआरआई कराए भी ट्रीटमेंट के रिजल्ट अच्छे आते हैं। स्मोकर्स में जल्द फैलता है कैंसर डॉ. नारायण ने कहा कि अन्य लोगों की बजाय स्मोकर्स में कैंसर पूरे शरीर में जल्दी फैलता है। इससे सर्विक्स कैंसर भी हो सकता है। स्मोकर्स में कार्बन मोनो ऑक्साइड ज्यादा रहती है। ऑक्सीजन का लेवल कम रहता है। ट्यूमर का साइज भी जल्दी बढ़ता है। उनकी रिकवरी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होती है। sabhar : bhaskar.com

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट