फिल्मों में भगोड़े देशद्रोही की तरह दिखाए जाने पर दाऊद को आया गुस्सा!




बॉलीवुड में अपने ऊपर धड़ाधड़ बन रही फिल्मों से दाऊद इब्राहिम नाखुश हैं। संयुक्त अरब अमीरात के विश्वस्त सूत्र का कहना है कि दाऊद इस बात से नाराज़ हैं कि इन फिल्मों में उनको भगोड़ा क्रिमिनल और 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट का अपराधी दिखाया जाता है।


फिलहाल, बॉलीवुड में दाऊद पर कई फिल्में बन रही हैं और पहले भी बनती रही हैं। रामगोपाल वर्मा की डिपार्टमेंट, संजय गुप्ता की शूटआऊट एट वडाला, मिलन लूथरिया कि वन्स अपओन ए टाइम इन मुंबई 2, कुमार तौरानी और अमित चंद्रा की दो अनाम फिल्में और 'अब तक छप्पन' की सिक्वेल; ये सभी फिल्में दाऊद की जिंदगी पर आधारित हैं।


अंडरवर्ल्ड पर बन रही इन फिल्मों से नाराज़ दाऊद से जुड़े़ सूत्र ने कहा,'हमारे नाम पर ये बॉलीवुड वाले फिल्में बनाकर पैसा कमाते हैं। पर वो हाजी भाई(दाऊद) को देशद्रोही और वर्ल्ड मोस्ट वांटे़ड आतंकवादी दिखाते हैं जो उनके इमेज के लिए अच्छा नहीं है।'


इन फिल्मों में दाऊद की निजी जिंदगी और मंदाकिनी से संबंधो को ज़्यादा दिखाए जाने के बारे में सूत्र का कहना है,'क्या जानते हैं वो किसी की पर्सनल लाइफ के बारे में और फिर गड़े मुर्दे उखाड़ने से क्या मिलेगा।' फिल्म वंस अपऑन टाइम इन मुंबई 2 में दाऊद और मंदाकिनी के संबंधो को दिखाया जाएगा जिनकी भूमिकाएं अक्षय और सोनाक्षी निभा रहे हैं।

मुंबई पुलिस का भी इस बारे में कहना है कि गैंगस्टर की जिंदगी पर फिल्में बनाकर उनको ग्लोरीफाई नहीं किया जाना चाहिए। पूर्व आईपीएस अधिकारी, वकील और फिल्मनिर्माता वाई पी सिंह इस ट्रेंड के बारे में कहते हैं,'इन फिल्मों में गैंग्सटर को ग्लोरीफाई किया जाता है। उनको स्टंट और एक्शन करते दिखाया जाता है जबकि असली जीवन में वे सभी दूसरे देशों में छुपकर जी रहे हैं।' वह मानते हैं कि ऐसा करके बॉलीवुड युवाओं को अपराधी बनने के लिए प्रेरणा दे रहा है।

एक सीनियर मुंबई पुलिस अधिकारी का कहना है,'बॉलीवुड से युवा पीढ़ी प्रेरणा लेती है और सीखती है। फिल्ममेकर को समाज के लिए जिम्मेदार होकर सोचना चाहिए कि वह क्या दिखा रहे हैं और सेंसर बोर्ड को भी इस मामले में सख्त होकर अंडरवर्ल्ड को ग्लोरीफाई करने से रोकना चाहिए।' 
sabhar : bhaskar.com

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